जबलपुर। शासकीय कार्यालयों में भ्रष्टाचार किस कदर जड़ें जमा चुका है कि जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए भी रिश्वत देना पड़ती है. ताजा मामला बच्चे के जन्मप्रमाण पत्र बनवाने का है, जिसे बनाने के लिए एसडीएम की अनुशंसा होना है और नगर निगम की महिला कर्मचाारी खुलेआम बच्चे के पिता से 1500 रुपए मांग रही हैं. इसी दौरान हितग्राही ने महिला कर्मचारी द्वारा रिश्वत मांगने का वीडियो बना लिया, जिसके बाद अब दोनों महिला कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही है.
4 साल पहले जन्मे बच्चे का बनवाना है प्रमाण पत्र
दमोह और जबलपुर की सीमा पर बसे सिंगरामपुर में रहने वाले रोहित पटेल पेशे से किसान हैं. रोहित की पत्नी ने 2020 में बेटे को जन्म दिया. गोरखपुर के छोटी लाइन स्थित निजी अस्पताल में बच्चे का जन्म हुआ. जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने रोहित को बच्चे के जन्म पर सर्टिफिकेट दे दिया. जबकि हॉस्पिटल ने बच्चे के जन्म की जानकारी पोर्टल पर दर्ज नहीं की. जिस कारण बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र नहीं बन पाया. इसके बाद जब रोहित ने जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए अस्पताल प्रबंधन से बात की तो उन्होंने अपनी भूलसुधार करते हुए तत्काल उनकी जानकारी पोर्टल पर दर्ज कर दी. इसके बाद रोहित को नगर निगम जाकर जन्म प्रमाण पत्र बनवाने की सलाह दी गई.
एसडीएम के नाम पर खुलेआम मांगी रिश्वत
जब रोहित नगर निगम के गोरखपुर जोन कार्यालय में जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए पहुंचा तो उसे लौटा दिया गया. तीन दिन तक रोहित को कार्यालय के चक्कर कटवाने के बाद वहां मौजूद महिला कर्मचारियों ने उसे बताया कि जन्म प्रमाण पत्र बनवाने की समय सीमा खत्म हो चुकी है. अब एसडीएम की अनुशंसा से ही प्रमाण पत्र बन सकेगा. इसके लिए उसे 1500 रुपए देना होंगे, जिसके बाद दलाल के माध्यम से एसडीएम की अनुमति और अनुशंसा करवाकर जन्म प्रमाण पत्र बनाया जाएगा.
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रिश्वत मांगने का वीडियो बनाया
हितग्राही रोहित का कहना है "उसने परेशान होकर यह वीडियो बनाया है और जब उसने पैसों की रसीद मिलने का सवाल किया तो महिला कर्मचारियों ने रसीद देने से मना कर दिया." इस वीडियो को महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू को दिखाया गया और उनसे जब इस मामले में कार्रवाई को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा "अभी आचार संहिता लगी है. इसलिए वे किसी भी प्रकार की कार्रवाई के लिए कुछ नहीं कह सकते हालांकि पैसे मांगने की बात को उन्होंने भी गलत माना." नगर निगम कमिश्नर से इस संबंध में संपर्क करने की सलाह दी. जब नगर निगम कमिश्नर प्रीति यादव से संपर्क किया गया तो उन्होंने दिल्ली में एक सेमिनार में होने की जानकारी दी.