जबलपुर। यहां एक निजी स्कूल के छह छात्रों को परीक्षा में बैठने नहीं मिला. छात्रों ने केंद्र अध्यक्ष पर हठधर्मिता का आरोप लगाया है. अब या तो इन्हें दोबारा परीक्षा देनी होगी या फिर इनका साल बर्बाद हो जाएगा. इधर केंद्र अध्यक्ष महिला शिक्षक का कहना है कि परीक्षा देने के लिए छात्र देर से पहुंचे थे इसलिए उन्हें परीक्षा में नहीं बैठने दिया लेकिन छात्रों का कहना है कि वह समय पर पहुंच गए थे.
रांझी के खालसा हायर सेकेंडरी स्कूल का मामला
शुक्रवार को दसवीं क्लास का संस्कृत का पेपर होना था. इसके लिए रांझी के खालसा हायर सेकेंडरी स्कूल में केंद्र बनाया गया था.इस केंद्र में केवल खालसा स्कूल के साथ लक्ष्मी नारायण स्कूल और हेतुमल स्कूल के छात्र भी पेपर देने पहुंचे थे. इनमें से छह छात्रों को पेपर नहीं देने नहीं मिला और उनका साल खराब हो गया. इन छात्रों के साथ आए लक्ष्मी नारायण स्कूल के शिक्षक योगेंद्र तिवारी का कहना है कि "बच्चे ठीक 8:30 बजे स्कूल पहुंच गए थे लेकिन इसके बाद भी स्कूल की केंद्र अध्यक्ष दीप्ति शर्मा की वजह से स्कूल का गेट नहीं खोला गया और 6 बच्चों को स्कूल में एंट्री ही नहीं दी गई जबकि पेपर 9:00 बजे से शुरू होना था". बच्चे 8:45 तक अंदर जा सकते थे.इधर बच्चों का भी कहना है कि वह समय पर आ गए थे लेकिन स्कूल का गेट समय से पहले बंद कर दिया गया था.
'मेरी कोई गलती नहीं है'
केंद्र अध्यक्ष दीप्ति शर्मा खुद को निर्दोष बता रही हैं उनका कहना है कि "उनकी कोई गलती नहीं बच्चे लेट हो गए और वह इस बात को मानने को ही तैयार नहीं है कि बच्चे 9:00 के पहले यहां पहुंचे. अब यदि बच्चों का साल खराब हुआ है तो इसका निर्णय बोर्ड करेगा क्योंकि बोर्ड के ही आदेश के अनुसार समय निकल जाने के बाद किसी भी बच्चे को एंट्री नहीं देनी है."
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कलेक्टर से की शिकायत
इस घटना के बाद यहां पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र नेता पहुंचे और उन्होंने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस मामले की शिकायत जबलपुर कलेक्टर से भी की गई है. जबलपुर कलेक्टर का कहना है कि वह मामले की पूरी जानकारी लेंगे उसके बाद यदि केंद्र अध्यक्ष की गलती होगी तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.