जबलपुर: मलेशिया में अभी भी ऐसे कई भारतीय युवक फंसे हुए हैं जिनके पास वर्क वीजा नहीं है और वह छुपकर वहां जिंदगी गुजार रहे हैं. मलेशिया से वापस आए इमरान अंसारी ने ऐसे ही एक युवक से व्हाट्स एप कॉल के जरिए बात करने की कोशिश की तो उसने बताया कि वह एक गंदी गली में बीते एक साल से रह रहा है. ना खाने का ठिकाना है ना रहने का और वापस आने का भी कोई इंतजाम नहीं हो पा रहा है. मलेशिया में फंसे हुए इस तरह के युवकों के लिए आशा की कोई किरण नजर नहीं आ रही है.
मलेशिया की कहानी, इमरान की जुबानी
बीते दिनों जबलपुर से इमरान अंसारी नाम का एक युवक मलेशिया गया था. मलेशिया जाने के लिए उसने कुछ दलालों का सहारा लिया था. इन दलालों के माध्यम से इमरान मलेशिया पहुंच तो गया था लेकिन पहुंचते ही पाकिस्तान के दो लोगों ने उससे वीजा और पासपोर्ट छीन लिए ताकि वह उनकी मर्जी से वहां काम कर सके. इमरान की किस्मत अच्छी थी और उसे वहां एक ऐसा भारतीय युवक मिला जिसने उसकी मदद की और जैसे-तैसे इमरान वापस आ गया लेकिन इमरान ने वापस आने के बाद जो आपबीती सुनाई वह डरावनी है.
'बिना कागजात के रहना बेहद खतरनाक'
मलेशिया में इमरान की मुलाकात कई ऐसे युवकों से भी हुई जो पहले से इसी मकड़जाल में फंसे हुए थे. इमरान अंसारी का कहना है कि "दूसरे देश में बिना कागजात के रहना बेहद खतरनाक है और जो लोग वहां फंसे हुए हैं उन्हें न रहने की जगह मिलती है ना खाने को खाना मिलता है. बल्कि वे गुपचुप अंधेरी जगह में दिन गुजारते हैं. कई लोगों के पास तो इतना पैसा भी नहीं होता कि वे इंडियन एंबेसी तक पहुंच सके. खाने के लिए इन लोगों को आसपास की मस्जिदों का सहारा लेना पड़ता है वहां जो बचा कुछ मिलता है उसी से पेट भरना पड़ता है. कुछ लोग अपनी पहचान छुपा के कुछ छोटे-छोटे काम कर भी लेते हैं तो इतना पैसा इकट्ठा नहीं हो पाता कि वह भारत वापस लौट पाएं. उनके वीजा और पासपोर्ट दलालों के पास होते हैं ऐसी स्थिति में लोग बेबस होते हैं और लुक छुपकर जीवन काट रहे हैं."
इमरान ने व्हाट्स एप कॉल पर की बात
इमरान ने मलेशिया में फंसे हुए एक युवक से व्हाट्सएप कॉल पर भी बात करने की कोशिश की. जिस वक्त इमरान ने फोन लगाया वह युवक एक गली में छुपा हुआ था. इमरान ने उससे कहा कि वह बताएं कि वह कहां रह रहा है तो सामने वाले युवक ने व्हाट्सएप कॉल उठा तो लिया लेकिन वह चेहरा दिखाने के लिए राजी नहीं था क्योंकि उसे इस बात का डर है कि कहीं यह वीडियो वायरल हो गई तो पुलिस उसे पकड़ लेगी. पहले युवक ने बताया था कि वह किसी कमरे में रह रहा है लेकिन व्हाट्सएप कॉल पर उसने यह स्वीकार किया कि वह इस गंदी सी गली में रह रहा है. पीछे से एक आवाज यह भी आ रही थी कि इसी गली में एक साल बीत गया.
मध्य प्रदेश के भी कई लोग फंसे
इमरान का कहना है कि "वह 7 से 8 ऐसे लोगों को जानता है कि जिनमें कुछ मध्य प्रदेश के भी हैं जिन्हें उसने फंसे हुए देखा है. यह संख्या इससे कहीं ज्यादा है. इन फंसे हुए लोगों की सही जानकारी नहीं होने की वजह से भी चाह कर भी भारत सरकार इनकी मदद नहीं कर सकती. यह लोग बड़ी- बुरी स्थिति में फंस गए हैं और यह हल केवल मलेशिया का नहीं है बल्कि कई देशों में इसी तरह गैर कानूनी तरीके से जाने वाले लोग फंस जाते हैं."
'जांच के बाद की जाएगी कार्रवाई'
एडिशनल एसपी सूर्यकांत शर्मा ने बताया कि "इमरान अंसारी ने गोहलपुर थाने में शिकायत की है कि इश्तियाक और सलीम नामक व्यक्ति ने 90 हजार रुपये लेकर मलेशिया में नौकरी कराने की बात कही थी लेकिन वहां पहुंचने पर दलालों ने उसके पासपोर्ट और वीजा रख लिए. वह किसी तरह वापस जबलपुर लौटा है. उसने दो दिन पहले आवेदन दिया है. मामले की जांच की जा रही है और फिर कार्रवाई की जाएगी."