जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर में 6 मार्च दिन बुधवार को मिर्ची डालकर 50 लाख रुपए लूट करने के मामले में फरार चल रहे वारदात का मुख्य आरोपी 41 वर्षीय राम नगर बरगी कॉलोनी थाना कोतवाली नरसिंहपुर निवासी रुपेश राय ने आत्महत्या कर ली. बताया जा रहा है की आरोपी को घर के सदस्यों ने डांट फटकार लगाई थी. जिसके चलते वह बहुत दुखी था और उसने घर के आगे बरगी रेलवे फाटक से कुछ दूर आत्महत्या कर ली. जिसके बाद पुलिस ने पंचनामा कार्रवाई कर शव का पोस्टमार्टम कराया और परिजनों के सुपुर्द कर दिया.
वहीं इस घटना के बाद अब जबलपुर पुलिस भी नरसिंहपुर पुलिस से जानकारी जुटा रही है. इस मामले में पुलिस ने लूटे हुए पैसे 50 लाख रुपए जब्त कर लिए और वारदात की स्क्रिप्ट तैयार करने वाला मृतक आरोपी के भाई दिलीप राय और संजय अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया था. वहीं तीसरा आरोपी फरार चल रहा था. जिसकी पुलिस सरगर्मी से तलाश कर रही थी.
क्या था मामला
दरअसल नरसिंहपुर एक कंपनी आरव्हीआर चिनकी डेम बेराज के आरोपी ड्राइवर दिलीप राय ने अपनी खुद की लूट की कहानी बताकर पुलिस को गुमराह कर दिया था, लेकिन पुलिस ने जब लूटे पैसे के बारे में सुना तो पुलिस के भी होश उड़ गए. पुलिस ने पूरे मामले को वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराते हुए गाड़ी के ड्राइवर दिलीप राय और कंपनी के मैनेजर अभिषेक आनंद से पूछताछ की, तो बयानों में फर्क नजर आया. जिसके बाद पुलिस सख्ती से पूछताछ की तो पूरे मामले में खुलासा हुआ.
प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पुलिस ने जानकारी
पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि 'चरगवां थाना क्षेत्र के केदारपुर में दो बाईक सवार नकाबपोश बदमाशों ने बोलेरो से पैसे लेकर नरसिंहपुर आरव्हीआर चिनकी डेम बेराज जा रहे ड्राइवर दिलीप राय और मैनेजर अभिषेक आनंद की आंखों में मिर्ची डालकर गाड़ी में रखे 50 लाख रुपये लेकर बाइक सवार फरार हो गया. बोलेरो के ड्राइवर दिलीप रॉय और मैनेजर अभिषेक आनंद द्वारा जब इस पूरे मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. घटना की जानकारी मिलते ही क्राइम ब्रांच एएसपी समर वर्मा, ग्रामीण एएसपी सोनाली दुबे स्टाफ के साथ मौके पर पहुंच गए. जहां दोनों से पूछताछ की तो बोलेरो के चालक नरसिंहपुर निवासी दिलीप राय के बयान पर पुलिस को शक हुआ तभी पुलिस ने ड्राइवर के साथ सख्ती से पूछताछ की तो उसने घटना के बारे में कबूल कर दिया.
दो माह पहले रची थी लूट की साजिश
आरोपी ड्राइवर दिलीप राय पुलिस को बताया कि 'उसने अपने छोटे भाई रीतेश राय और एक अन्य साथी संजय अग्रवाल के साथ मिलकर दो माह पहले ही लूट के वारदात की प्लॉनिंग थी की, आखिर कैसे इस पूरी घटना को अंजाम देना है. इसके लिए उन्होंने पहले से ही प्लानिंग की थी. ड्राइवर ने बताया कि वह 5 मार्च को भी पैसे लेने के लिए आए थे, लेकिन पैसा नहीं मिला तो वापस लौट के चले गए, लेकिन जब 6 मार्च को दोबारा कंपनी के मैनेजर अभिषेक आनंद ड्राइवर दिलीप राय के साथ पैसे लेने के लिए निकला तो उसने अपने छोटे भाई को फोन कर इसकी जानकारी दे दी और इसके दोनों ने मिलकर घटना को अंजाम दिया है.