जबलपुर। मध्य प्रदेश की 6 लोकसभा सीटों में आज शुक्रवार को लोकसभा चुनाव 2024 के प्रथम चरण का मतदान संपन्न हो गया. इसी कड़ी में जबलपुर लोकसभा सीट पर मतदान शांतिपूण माहौल में समाप्त हुआ. लेकिन आज दिन भर कई गतिविधियां रही इनमें एक पीठासीधान अधिकारी को सेल्फी वायरल करने की वजह से सस्पेंड कर दिया गया. वहीं, कनाडा से आए हुए लोगों ने भारत के चुनाव को करीब से देखा और आदिवासी इलाकों में लोगों ने खुलकर वोट किया. जबकि, शहर की एक विधानसभा में लोग सबसे कम वोट करने निकले.
सेल्फी लेने वाले अधिकारी हुए सस्पेंड
जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना ने पनागर विधानसभा के मतदान केन्द्र क्रमांक 173 के पीठासीन अधिकारी रतन कुमार, इनचार्ज मेन व्हीकल फैक्ट्री को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. रतन कुमार ने मतदान केन्द्र के भीतर की फोटो खिंचवाकर अपने वाटसअप ग्रुप महर्षि वाल्मीकि एकता क्लब में पोस्ट किया था. शिकायत प्राप्त होने पर सेक्टर अधिकारी हेमंत अमहिया ने मोबाइल फ़ोन ज़ब्त कर मामले की जांच की. जांच में शिकायत सहीं पाए जाने पर कार्रवाई की गई. मतदान केन्द्र के भीतर मोबाइल फोन के उपयोग पर लगाये गये प्रतिबंध का उल्लंघन करने के लिये पीठासीन अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है.
सबसे अधिक मतदान सिहोरा में और सबसे कम जबलपुर पूर्व में
जबलपुर की पूर्व विधानसभा में मात्र 49% लोगों ने ही वोट किया. जबलपुर पूर्व विधानसभा अल्पसंख्यक बहुल विधानसभा है. यहां से कांग्रेस के विधायक चुनाव जीतकर आए थे. वहीं जबलपुर के सिहोरा विधानसभा में 62 प्रतिशत लोगों ने वोट डाला. सिहोरा विधानसभा पूरी तरह से ग्रामीण विधानसभा है और यह विधानसभा आदिवासियों के लिए सुरक्षित है. विधानसभा चुनाव में यहां से आदिवासियों ने भारतीय जनता पार्टी के नेता संतोष बरकड़े को चुनाव जिताया था.
विदेशी मेहमानों ने देखा चुनाव
जबलपुर के महारानी लक्ष्मी बाई कन्या विद्यालय में बने हुए मतदान केंद्र को देखने के लिए कुछ विदेशी मेहमान भी पहुंचे. यह कपल कनाडा से जबलपुर किसी व्यक्तिगत काम से आया हुआ था. लेकिन जब उन्हें पता लगा कि यहां चुनाव चल रहे हैं, तो वह वोटिंग देखने के लिए मतदान केंद्र पर पहुंचे. उन्होंने बताया कि उनके देश में भी इसी तरह से वोट डाले जाते हैं और उन्होंने कहा कि "लोगों को खुलकर वोट करना चाहिए".