जबलपुर। जबलपुर जिले में रैगवा नाम का एक गांव है. यहां महावीर पांडे रहते थे. महावीर पांडे के पास एक हेक्टेयर जमीन थी. जब उनकी मृत्यु हुई तो उनके पुत्र शिवचरण पांडे के नाम पर यह जमीन ट्रांसफर कर दी गई. लेकिन 8 अगस्त 2023 को शिवचरण पांडे अपना खसरा लेने के लिए पहुंचे तो पता लगा कि उनके नाम पर जमीन नहीं है, बल्कि उनके पिता की नाम की जमीन श्याम नारायण पांडे के नाम ट्रांसफर हो गई है. शिवचरण पांडे ने इसकी शिकायत कलेक्ट्रेट में की.
ड्राइवर की बेटी ने तहसीलदार के साथ मिलकर किया फर्जीवाड़ा
जांच में पचा चला कि श्याम नारायण पांडे कलेक्ट्रेट में ड्राइवर थे. उनकी लड़की दीपा दुबे अधारताल तहसील कार्यालय में कंप्यूटर ऑपरेटर है. दीपा दुबे ने महावीर पांडे की एक फर्जी वसीयत बनवाई और इसके आधार पर इस ढाई एकड़ जमीन पर अपना और अपने भाइयों का नाम दर्ज करवा दिया. इस मामले में क्षेत्र के तहसीलदार हरि सिंह धुर्वे और पटवारी जोगेंद्र पिपरा भी शामिल हैं. जबलपुर कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना के आदेश पर जांच के बाद यह फर्जीवाड़ा सामने आया.
तहसीलदार समेत 7 लोगों के खिलाफ एफआईआर
कलेक्टर के आदेश पर 7 लोगों के खिलाफ धारा 420 और सरकारी कागजातों में छेड़छाड़ का मामला दर्ज किया गया है. इस मामले में तहसीलदार को गिरफ्तार कर लिया गया है. आरोपी दीपा दुबे ने न केवल जमीन अपने नाम की बल्कि तुरंत इसका सौदा भी करवा दिया. इस मामले में जिन 7 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है. इस घटना से ये सबक मिलता है कि यदि आपकी जमीन कहीं है और बहुत दिनों से आपने उसके दस्तावेज नहीं देखे तो एक बार उन्हें चेक कर लीजिए.