जबलपुर। जबलपुर के आसपास नर्मदा नदी में घाटों पर बिल्कुल रेत नहीं बची है, इसलिए जबलपुर जिले में नर्मदा नदी में रेत उत्खनन पर पूरी तरह से रोक है. लेकिन इसके बावजूद हाई-फाई मशीन लगाकर नर्मदा नदी के भीतर से बड़े पैमाने पर अवैध तरीके से रेत निकल जा रही है. जबलपुर के पूर्व विधायक और कांग्रेस नेता संजय यादव ने सबूत के साथ यह आरोप लगाया है. अब जबलपुर कलेक्टर का कहना है कि जल्द ही इस विषय में कार्यवाही करेंगे.
हाई-फाई डिवाइस से रेत उत्खनन
जबलपुर के चरगवा के पास नर्मदा नदी में जमकर रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है. जबकि नर्मदा नदी में रेत के उत्खनन पर रोक लगी हुई है और जहां भी रेत उत्खनन की अनुमतियां भी दी गई है तो वहां केवल घाट के ऊपर की रेत ही उठाई जा सकती है, नदी के भीतर की रेत नहीं निकाली जा सकती. लेकिन इसके बावजूद नर्मदा नदी में हाई-फाई डिवाइस लगाकर रेत निकल जा रही है. यह हाई-फाई डिवाइस एक बहुत बड़ी मशीन होती है जिसमें एक मोटा पाइप नदी के भीतर बैठाया जाता है और उसके बाद एक बहुत बड़े पंप से अंदर से रेत खींची जाती है और मोटे पाइप से इसे नदी के बाहर निकाल दिया जाता है. ऐसा करने से नदी की बहुत भीतर की रेत जिसे सामान्य तरीके से निकलना संभव नहीं है.
पूर्व कांग्रेस विधायक के आरोप
जबलपुर की बरगी विधानसभा के पूर्व विधायक कांग्रेस नेता संजय यादव ने आरोप लगाया है कि ''चरगवा थाने से मात्र दो-तीन किलोमीटर की दूरी पर नर्मदा नदी में यह हाई-फाई डिवाइस लगी हुई है. आसानी से इन्हें कोई भी देख सकता है और दिनदहाड़े नर्मदा नदी के भीतर से अवैध रेत उत्खनन किया जा रहा है. इसकी जानकारी प्रशासन को है लेकिन इसके बाद भी इस अवैध रेत उत्खनन को नहीं रोका जा रहा है.''
कलेक्टर ने दिए कार्यवाही के आदेश
जबलपुर के कलेक्टर दीपक सक्सेना का कहना है कि ''उनकी जानकारी में यह बात नहीं है. उन्होंने सभी तहसीलदारों और खनिज विभाग के अधिकारियों को आदेश दिए हैं कि नर्मदा नदी में कहीं भी अवैध रेत उत्खनन हो रहा हो तो उसे तुरंत रोका जाए.''
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क्यों नहीं लग पा रहा अवैध उत्खनन पर नियंत्रण
यदि कोई सोया हुआ हो तो उसे जगाया जा सकता है, लेकिन जिसने जागते हुए भी आंख बंद की हो उसे उठाना बड़ा मुश्किल है. नर्मदा नदी में रेत का अवैध उत्खनन कुछ ऐसा ही है. सरेआम बड़ी-बड़ी मशीनों से रेत निकल जा रही है और इसे जबलपुर शहर में ही बेचा जा रहा है. लेकिन इसके बाद भी प्रशासन कहता है कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि यह अवैध उत्खनन कहां हो रहा है. ऐसा नहीं है कि जिला प्रशासन के पास पुलिस नहीं है या खनिज विभाग के अधिकारी नहीं हैं, या लोगों के पास गाड़ियां नहीं हैं. पूरी व्यवस्था होने के बाद भी नर्मदा नदी के रेट उत्खनन पर नियंत्रण क्यों नहीं लग रहा यह समझ से परे है. हो सकता है कि सत्ता में बैठे लोग इस रेत से लाभान्वित हो रहे हो इसलिए वह इसे बंद करवाना नहीं चाहते.