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दिल्ली-मेरठ में बैठे पब्लिशर्स कर रहे मध्य प्रदेश में किताबों का झोल, प्रायवेट स्कूल्स में क्यों महंगी हैं बुक्स-ड्रेस - jabalpur Private Schools Book Scam

जबलपुर शहर के निजी स्कूलों में स्कूल ड्रेस, पाठ्य पुस्तक और फीस के नाम पर चल रही मनमानी के खिलाफ कलेक्टर दीपक सक्सेना ने जांच के आदेश दिए हैं. राजस्व विभाग की टीम ने कार्रवाई करते हुए शहर की कई पुस्तकों की दुकानों से लगभग 25000 किताबें जब्त की हैं. पुस्तकों में बेहद घटिया स्टडी मैटेरियल होने के चलते कार्रवाई की जा रही है.

SCHOOL INVESTIGATIONS JABALPUR
दिल्ली और मेरठ में बैठे प्रकाशकों के खिलाफ भी होगी कार्रवाई
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Apr 16, 2024, 1:18 PM IST

जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर में निजी स्कूल दहशत में हैं, कलेक्टर दीपक सक्सेना ने निजी स्कूलों के स्कूल ड्रेस पाठ्य पुस्तक और फीस तीनों ही मुद्दों पर 75 स्कूलों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है. अब यह जांच स्कूल से बाहर निकाल कर पुस्तक विक्रेताओं तक पहुंच गई और पुस्तक विक्रेताओं के बाद अब बारी प्रकाशको की है. यह प्रकाशक दिल्ली और मेरठ के प्रकाशक हैं और इन्होंने ही गैर कानूनी तरीके से ऐसी पुस्तक छपी हैं जिनकी कीमत बेहद कम होनी चाहिए लेकिन बाजार में वे बहुत अधिक दाम पर बिक रही हैं वहीं इन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर की पुस्तकों के नंबर इस्तेमाल किए हैं जबकि इनका रजिस्ट्रेशन ही नहीं है.

कलेक्ट्रेट में 75 स्कूलों के खिलाफ पहुंची सैकड़ों शिकायतें

मध्य प्रदेश निजी विद्यालय अधिनियम 2017 मध्य प्रदेश सरकार का यह कानून निजी स्कूलों की फीस ड्रेस और पुस्तकों के नियम से संबंधित है इसकी लड़ाई भी किसी जमाने में जबलपुर से शुरू हुई थी. उसके बाद सरकार ने यह कानून बनाया अभी तक इस कानून का कड़ाई से पालन नहीं हो रहा था लेकिन इस बार सरकार ने इस कानून का कड़ाई से पालन किया है और इसके चलते जबलपुर के कलेक्टर ने एक आदेश जारी किया था जिसमें उन्होंने आम लोगों से यह अपील की थी कि यदि वे निजी स्कूलों में फीस ड्रेस या पुस्तक की वजह से परेशान है तो भी ऑनलाइन ऑफलाइन या फोन से शिकायत कर सकते हैं जैसे ही यह आदेश जारी हुआ जबलपुर के कलेक्ट्रेट में शहर के 75 स्कूलों के खिलाफ सैकड़ों शिकायतें पहुंची जिसमें लोगों ने यह आरोप लगाया कि निजी स्कूल ड्रेस और पुस्तकों के नाम पर अभिभावकों को ठग रहे हैं।

दुकानों से 25000 पुस्तकें जब्त की गई

कलेक्टर के आदेश पर राजस्व विभाग की टीम ने जबलपुर शहर के कई पुस्तक दुकानों पर छापे मारे इनमें से लगभग 25000 पुस्तकों को जब्त किया है. कलेक्टर दीपक सक्सेना का कहना है कि, "इन पुस्तकों में जो स्टडी मैटेरियल है वह बेहद घटिया है और पुस्तकों के स्टडी मैटेरियल के अनुसार इनकी इतनी अधिक कीमत नहीं होनी चाहिए, इस मामले में अभी स्कूल संचालकों और पुस्तक विक्रेताओं को सुनवाई का मौका दिया गया है." लेकिन जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना का कहना है कि इसमें प्रकाशक भी शामिल हैं और वे भी जांच के दायरे में आ सकते हैं लेकिन पहले स्कूल संचालक और पुस्तक विक्रेताओं को सुनवाई का मौका दिया गया है इसके बाद प्रकाशकों की भी जांच की जाएगी.

जांच में संलिप्ता मिलने पर स्कूलों पर होगी कार्रवाई

जो पुस्तक जब्त की गई है उनमें बड़े पैमाने पर दिल्ली और मेरठ के प्रकाशक शामिल हैं. इन पर नियमों को ताक पर रखकर मनमाने तरीके से पुस्तक छापने और इन्हे मार्केट में सर्कुलेट करने को लेकर जांच की जा रही है. जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना का कहना है कि, "यदि जांच में यह पाया जाता हैं कि उनकी साथ गांठ है और जनता को लूटा जा रहा है तो इन स्कूलों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें स्कूलों की मान्यता खत्म करने जैसी कार्रवाई हो सकती है और इसके साथ ही स्कूल के ऊपर जमाने की कार्रवाई भी की जा सकती है."

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आरोप हैं कि बच्चों को अच्छी पढ़ाई के नाम पर लूटा जा रहा है जबकि प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयारी के लिए बच्चों को अलग से ट्यूशन लेने पड़ती है. इसलिए स्कूलों के खिलाफ जो जांच और कार्रवाई की जा रही है इससे स्थिति साफ हो जाएगी. प्रशासन का कहना है कि यदि प्रकाशकों का गठजोड़ इसमें सामने आता है तो पुलिस उनके खिलाफ CRPC की धाराओं के तहत कार्यवाही की जाएगी.

जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर में निजी स्कूल दहशत में हैं, कलेक्टर दीपक सक्सेना ने निजी स्कूलों के स्कूल ड्रेस पाठ्य पुस्तक और फीस तीनों ही मुद्दों पर 75 स्कूलों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है. अब यह जांच स्कूल से बाहर निकाल कर पुस्तक विक्रेताओं तक पहुंच गई और पुस्तक विक्रेताओं के बाद अब बारी प्रकाशको की है. यह प्रकाशक दिल्ली और मेरठ के प्रकाशक हैं और इन्होंने ही गैर कानूनी तरीके से ऐसी पुस्तक छपी हैं जिनकी कीमत बेहद कम होनी चाहिए लेकिन बाजार में वे बहुत अधिक दाम पर बिक रही हैं वहीं इन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर की पुस्तकों के नंबर इस्तेमाल किए हैं जबकि इनका रजिस्ट्रेशन ही नहीं है.

कलेक्ट्रेट में 75 स्कूलों के खिलाफ पहुंची सैकड़ों शिकायतें

मध्य प्रदेश निजी विद्यालय अधिनियम 2017 मध्य प्रदेश सरकार का यह कानून निजी स्कूलों की फीस ड्रेस और पुस्तकों के नियम से संबंधित है इसकी लड़ाई भी किसी जमाने में जबलपुर से शुरू हुई थी. उसके बाद सरकार ने यह कानून बनाया अभी तक इस कानून का कड़ाई से पालन नहीं हो रहा था लेकिन इस बार सरकार ने इस कानून का कड़ाई से पालन किया है और इसके चलते जबलपुर के कलेक्टर ने एक आदेश जारी किया था जिसमें उन्होंने आम लोगों से यह अपील की थी कि यदि वे निजी स्कूलों में फीस ड्रेस या पुस्तक की वजह से परेशान है तो भी ऑनलाइन ऑफलाइन या फोन से शिकायत कर सकते हैं जैसे ही यह आदेश जारी हुआ जबलपुर के कलेक्ट्रेट में शहर के 75 स्कूलों के खिलाफ सैकड़ों शिकायतें पहुंची जिसमें लोगों ने यह आरोप लगाया कि निजी स्कूल ड्रेस और पुस्तकों के नाम पर अभिभावकों को ठग रहे हैं।

दुकानों से 25000 पुस्तकें जब्त की गई

कलेक्टर के आदेश पर राजस्व विभाग की टीम ने जबलपुर शहर के कई पुस्तक दुकानों पर छापे मारे इनमें से लगभग 25000 पुस्तकों को जब्त किया है. कलेक्टर दीपक सक्सेना का कहना है कि, "इन पुस्तकों में जो स्टडी मैटेरियल है वह बेहद घटिया है और पुस्तकों के स्टडी मैटेरियल के अनुसार इनकी इतनी अधिक कीमत नहीं होनी चाहिए, इस मामले में अभी स्कूल संचालकों और पुस्तक विक्रेताओं को सुनवाई का मौका दिया गया है." लेकिन जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना का कहना है कि इसमें प्रकाशक भी शामिल हैं और वे भी जांच के दायरे में आ सकते हैं लेकिन पहले स्कूल संचालक और पुस्तक विक्रेताओं को सुनवाई का मौका दिया गया है इसके बाद प्रकाशकों की भी जांच की जाएगी.

जांच में संलिप्ता मिलने पर स्कूलों पर होगी कार्रवाई

जो पुस्तक जब्त की गई है उनमें बड़े पैमाने पर दिल्ली और मेरठ के प्रकाशक शामिल हैं. इन पर नियमों को ताक पर रखकर मनमाने तरीके से पुस्तक छापने और इन्हे मार्केट में सर्कुलेट करने को लेकर जांच की जा रही है. जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना का कहना है कि, "यदि जांच में यह पाया जाता हैं कि उनकी साथ गांठ है और जनता को लूटा जा रहा है तो इन स्कूलों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें स्कूलों की मान्यता खत्म करने जैसी कार्रवाई हो सकती है और इसके साथ ही स्कूल के ऊपर जमाने की कार्रवाई भी की जा सकती है."

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आरोप हैं कि बच्चों को अच्छी पढ़ाई के नाम पर लूटा जा रहा है जबकि प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयारी के लिए बच्चों को अलग से ट्यूशन लेने पड़ती है. इसलिए स्कूलों के खिलाफ जो जांच और कार्रवाई की जा रही है इससे स्थिति साफ हो जाएगी. प्रशासन का कहना है कि यदि प्रकाशकों का गठजोड़ इसमें सामने आता है तो पुलिस उनके खिलाफ CRPC की धाराओं के तहत कार्यवाही की जाएगी.

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