जबलपुर। शहर का ग्वारीघाट क्षेत्र का बड़ा धार्मिक स्थल है. यहां सुबह से शाम तक पूजा-पाठ चलता रहता है. इन दिनों पितृपक्ष चल रहा है और लोग नर्मदा में तर्पण करने के लिए आते हैं. इस पवित्र स्थान पर शराब पीना और बेचना गैरकानूनी है. इसके बावजूद ग्वारीघाट में यह अपवित्र कार्य चल रहा है. इसी के विरोध में शनिवार को एक स्थानीय संगठन ने स्टिंग ऑपरेशन करके शराब बेचने वाले और खरीदने वाले को रंगे हाथों पकड़ा.
ग्वारीघाट की 5 किमी परिधि में शराब पर बैन
राज्य सरकार ने यह तय किया था कि पवित्र क्षेत्र के आसपास शराब बिक्री नहीं होगी. जबलपुर में भी ग्वारीघाट को पवित्र क्षेत्र घोषित किया गया था. ग्वारीघाट से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी तक कोई भी शराब दुकान चलाने की अनुमति नहीं है. ग्वारीघाट इलाके में काम करने वाला समाजसेवी संगठन मध्य भारत मोर्चा लगातार यह आरोप लगाता रहा है कि ग्वारीघाट के आसपास अवैध रूप से शराब बेची जा रही है. शनिवार को मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने स्टिंग ऑपरेशन भी किया, जिसमें घाट पर बैठे हुए एक पुरोहित एक आदमी से शराब खरीद रहे हैं.
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मध्य भारत मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने किया घेराव
मध्य भारत मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने इसके बाद आबकारी विभाग का घेराव किया. मध्य भारत मोर्चा के कार्यकर्ता पैसे और शराब लेकर आबकारी विभाग पहुंचे. मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि यह पहला मौका नहीं है जब उन्होंने शराब बेचने वाले को पकड़ा हो बल्कि आए दिन में ऐसे लोगों को पकड़ते हैं और उन्हें पुलिस के हवाले करते हैं. लेकिन पुलिस अपने संरक्षण में इस क्षेत्र में शराब बिकवाती है. मोर्चा के कार्यकर्ता आशीष का कहना है "इसमें आबकारी विभाग की लापरवाही है." वहीं, जिला आबकारी अधिकारी बीएस चतुर्वेदी का कहना है "नियम के तहत ही शराब दुकानें आवंटित होती हैं."