जबलपुर: भोपाल से विधायक आरिफ मसूद के खिलाफ दायर चुनाव याचिका पर सुनवाई के लिए दो मुद्दे निर्धारित किए गए हैं. हाईकोर्ट जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने यह मुद्दे तय किए. एकलपीठ ने नामांकन पत्र में गलत जानकारी देना और दूसरा सर्टिफाइड मतदाता सूची पेश नहीं करने के संबंध में सुनवाई के निर्देश दिये हैं. एकलपीठ ने पक्षकारों को अपने गवाहों की सूची पेश करने के निर्देश देते हुए अगली सुनवाई 15 जनवरी को निर्धारित की है.
पराजित प्रत्याशी ध्रुव नारायण सिंह ने दायर की है याचिका
बता दें कि आरिफ मसूद के निर्वाचन को चुनौती देते हुए पराजित भाजपा प्रत्याशी ध्रुव नारायण सिंह ने हाईकोर्ट में चुनाव याचिका दायर की थी. जिसमें कहा गया था कि एसबीआई अशोक नगर शाखा से आरिफ मसूद और उनकी पत्नी के नाम लोन है. जिसका उल्लेख उन्होंने अपने नामांकन पत्र में नहीं किया गया है. सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार हाईकोर्ट लोन संबंधित दस्तावेजों की जांच कर रही है.
बैंक मैनेजर ने हाईकोर्ट में दी जानकारी
हाईकोर्ट ने तत्कालीन बैंक मैनेजर को गवाही के लिए तलब किया गया था. तत्कालीन मैनेजर ने हाईकोर्ट को बताया कि "आरिफ मसूद तथा उनकी पत्नी सहित 40 खाताधारकों के नाम पर बैंक के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से एक गिरोह ने धोखाधड़ी से लोन स्वीकृत करवाये थे, जिसकी जांच सीबीआई कर रही है."
बैंक मैनेजर ने अपने बयान में कहा कि "आरिफ मसूद तथा उनकी पत्नी के नाम पर लोन की प्रविष्टि बैंक रिकॉर्ड में नहीं है और खाते को एनपीए कर दिया गया है. उन्हें भ्रमित कर उनसे रिकवरी लेटर पर हस्ताक्षर करवाये गये थे. बैंक ने अधिकृत तौर पर कांग्रेस विधायक तथा उनकी पत्नी को रिकवरी लेटर जारी नहीं किया है."
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सुनवाई बंद करने का आवेदन हो चुका है खारिज
विधायक आरिफ मसूद की तरफ से चुनाव याचिका पर सुनवाई बंद किये जाने का आवेदन पेश किया गया था. एकलपीठ ने आवेदन को खारिज करते हुए अपने आदेश में कहा था कि दस्तावेज फर्जी व कूटरचित नहीं हैं. दस्तावेज के गुण-दोष के आधार पर समीक्षा की जाएगी.
15 जनवरी को होगी अगली सुनवाई
याचिका पर बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने आदेश जारी किए. एकलपीठ ने पक्षकारों को अपने गवाहों की सूची पेश करने के निर्देश देते हुए अगली सुनवाई 15 जनवरी को निर्धारित की है. विधायक आरिफ मसूद की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता अजय गुप्ता और याचिकाकर्ता की तरफ से वरिष्ठ एडवोकेट अजय मिश्रा ने पैरवी की.