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'रस वचन' पर HC से जीतू पटवारी को राहत, FIR हुई रद्द, राज्य सरकार और इमरती देवी को नोटिस - HC Cancel FIR Against Jitu Patwari

पूर्व मंत्री इमरती देवी पर दिए बयान पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी को हाईकोर्ट से राहत मिली है. कोर्ट ने जीतू पटवारी की गिरफ्तार पर रोक लगा दी है. साथ ही इमरती देवी और राज्य सरकार को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है. बता दें जीतू पटवारी ने इमरती देवी पर आपत्तिजनक बयान दिया था.

HC cancel FIR against Jeetu Patwari
जीतू पटवारी को हाईकोर्ट से राहत (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 27, 2024, 3:18 PM IST

Updated : May 27, 2024, 3:42 PM IST

जबलपुर। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने राहत दी है. जीतू पटवारी ने लोकसभा चुनाव के दौरान मध्य प्रदेश की पूर्व मंत्री इमरती देवी के खिलाफ एक आपत्तिजनक बयान दिया था. इमरती देवी की ओर से डबरा पुलिस थाने में जीतू पटवारी के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी. इसी एफआईआर को खत्म करवाने के लिए जीतू पटवारी की ओर से मध्य प्रदेश हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया था. इस मामले में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है और जीतू पटवारी की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है.

जीतू पटवारी को हाईकोर्ट से राहत (ETV Bharat)

FIR रद्द कराने जीतू पटवारी ने दायर की थी याचिका

लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने पूर्व मंत्री इमरती देवी पर एक आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. जीतू पटवारी ने कहा था कि 'इमरती का रस खत्म हो गया है.' इस बयान के आने के बाद इमरती देवी की ओर से जीतू पटवारी के खिलाफ डबरा पुलिस थाने में एससी-एसटी एक्ट के साथ ही आईपीसी की धारा 509 के तहत रिपोर्ट दर्ज करवाई गई थी. जीतू पटवारी के खिलाफ इसी एफआईआर को खारिज करवाने के लिए मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी.

HC से जीतू को राहत, राज्य सरकार से मांगा जवाब

इस याचिका की सुनवाई के दौरान जीतू पटवारी की ओर से एडवोकेट विभोर खंडेलवाल और जयेश ने तर्क दिया कि 'जीतू पटवारी ने जो बयान दिया था. उसमें किसी जाति सूचक शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया है. इसलिए एससी-एसटी एक्ट के तहत जो मामला दर्ज किया गया है. उसे फिर खारिज किया जाए. धारा 509 के तहत इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से यौन उत्पीड़न के मामले में भी वकीलों का तर्क था कि यह आरोप भी पूरी तरह गलत है.' वकीलों के तर्क सुनने के बाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है. साथ ही इमरती देवी को भी नोटिस जारी किया है.

यहां पढ़ें...

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हाईकोर्ट की छुट्टियों के बाद होगी अगली सुनवाई

इस मामले की अगली सुनवाई हाई कोर्ट की छुट्टियों के बाद होगी, लेकिन यदि पुलिस इस बीच में जीतू पटवारी को गिरफ्तार करती है, तो इसकी सुनवाई पहले भी की जा सकती है. जीतू पटवारी की ओर से पैरवी करने वाले वकीलों का कहना है कि 'यह पूरा मामला राजनीतिक लाभ उठाने के लिए उठाया गया था. इसमें जीतू पटवारी की मंशा इमरती देवी को नुकसान पहुंचाना नहीं था.'

जबलपुर। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने राहत दी है. जीतू पटवारी ने लोकसभा चुनाव के दौरान मध्य प्रदेश की पूर्व मंत्री इमरती देवी के खिलाफ एक आपत्तिजनक बयान दिया था. इमरती देवी की ओर से डबरा पुलिस थाने में जीतू पटवारी के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी. इसी एफआईआर को खत्म करवाने के लिए जीतू पटवारी की ओर से मध्य प्रदेश हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया था. इस मामले में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है और जीतू पटवारी की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है.

जीतू पटवारी को हाईकोर्ट से राहत (ETV Bharat)

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लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने पूर्व मंत्री इमरती देवी पर एक आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. जीतू पटवारी ने कहा था कि 'इमरती का रस खत्म हो गया है.' इस बयान के आने के बाद इमरती देवी की ओर से जीतू पटवारी के खिलाफ डबरा पुलिस थाने में एससी-एसटी एक्ट के साथ ही आईपीसी की धारा 509 के तहत रिपोर्ट दर्ज करवाई गई थी. जीतू पटवारी के खिलाफ इसी एफआईआर को खारिज करवाने के लिए मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी.

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इस याचिका की सुनवाई के दौरान जीतू पटवारी की ओर से एडवोकेट विभोर खंडेलवाल और जयेश ने तर्क दिया कि 'जीतू पटवारी ने जो बयान दिया था. उसमें किसी जाति सूचक शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया है. इसलिए एससी-एसटी एक्ट के तहत जो मामला दर्ज किया गया है. उसे फिर खारिज किया जाए. धारा 509 के तहत इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से यौन उत्पीड़न के मामले में भी वकीलों का तर्क था कि यह आरोप भी पूरी तरह गलत है.' वकीलों के तर्क सुनने के बाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है. साथ ही इमरती देवी को भी नोटिस जारी किया है.

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हाईकोर्ट की छुट्टियों के बाद होगी अगली सुनवाई

इस मामले की अगली सुनवाई हाई कोर्ट की छुट्टियों के बाद होगी, लेकिन यदि पुलिस इस बीच में जीतू पटवारी को गिरफ्तार करती है, तो इसकी सुनवाई पहले भी की जा सकती है. जीतू पटवारी की ओर से पैरवी करने वाले वकीलों का कहना है कि 'यह पूरा मामला राजनीतिक लाभ उठाने के लिए उठाया गया था. इसमें जीतू पटवारी की मंशा इमरती देवी को नुकसान पहुंचाना नहीं था.'

Last Updated : May 27, 2024, 3:42 PM IST
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