जबलपुर। इलाज के लिए जबलपुर पहुंचने वाले दूरदराज के मरीजों के साथ शहर के लोगों के लिए यह खबर जरुरी है. शहर के 5 निजी अस्पतालों के रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिए गए हैं. इन अस्पतालों में फायर सेफ्टी रूल्स का सही ढंग से पालन नहीं किया गया है इसलिए इन अस्पतालों को बंद किया गया जा रहा है.बेहतर होगा कि मरीज इन अस्पतालों में इलाज कराने ना जाएं. बता दें कि जबलपुर में 2 साल पहले एक निजी अस्पताल में आग लग जाने के बाद कई मरीज और उनके परिजनों की जान चली गई थी, इसलिए प्रशासन ने यह कड़ी कार्रवाई की है.
5 निजी अस्पतालों का रजिस्ट्रेशन कैंसिल
जबलपुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने 5 प्राइवेट अस्पतालों का रजिस्ट्रेशन कैंसिल कर दिया है. इन अस्पतालों में आदित्य अस्पताल, आकांक्षा अस्पताल, ग्रोवर अस्पताल, श्री रावतपुरा मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल और स्मार्ट सिटी हॉस्पिटल शामिल हैं. इस कार्रवाई के बाद यह सभी 5 अस्पताल ब्लैक लिस्ट हो गए हैं.
नए मरीज भर्ती नहीं किए जा सकते
इन निजी अस्पतालों के खिलाफ यह कार्रवाई अधिनियम 1973 के नियम 1977 की धारा 62 के तहत की गई है. इस कार्रवाई के बाद यह 5 अस्पताल ब्लैक लिस्ट हो गए हैं और अब इनमें नए मरीज भर्ती नहीं किए जा सकते हैं. जो मरीज पहले से भर्ती हैं उनका इलाज करवाकर उन्हें डिस्चार्ज किया जाएगा. नए मरीज भर्ती करने पर इन अस्पतालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इन सभी अस्पतालों का पंजीयन रद्द करने का एक महत्वपूर्ण कारण फायर सेफ्टी है.
ये भी पढ़ें: MP: जबलपुर के न्यू लाइफ अस्पताल में लगी भीषण आग, 8 मरीजों की मौत , कई गंभीर रूप से झुलसे MP: जबलपुर अग्निकांड: अनफिट बिल्डिंग में चल रहा था हॉस्पिटल, RTI से मिले दस्तावेजों में बड़ा खुलासा |
आग लगने से 5 लोगों की हुई थी मौत
जबलपुर में न्यू लाइफ हॉस्पिटल में 2 साल पहले आग लग गई थी. इस घटना में 5 लोगों की जान चली गई थी. इस घटना के बाद से ही जबलपुर में सभी अस्पतालों को फायर सेफ्टी के नियमों का पालन करने के आदेश दिए गए थे. इसके तहत हर अस्पताल में आने और जाने के लिए बड़े-बड़े रास्ते होने चाहिए और इनकी संख्या एक से अधिक होनी चाहिए वहीं फायर सेफ्टी के नियमों के तहत किसी भी आपात स्थिति को रोकने के आधुनिक यंत्र लगे होने चाहिए. लगातार नोटिस के बाद भी कई अस्पतालों ने फायर सेफ्टी रूल्स को पूरा नहीं किया है. इसलिए इन अस्पतालों को बंद करने का आदेश दिया गया है.