जबलपुर। जबलपुर से इटारसी रेल खंड के बीच बड़ा हादसा हो गया. साले चौका रेलवे स्टेशन के पास इलेक्ट्रिक तार टूट कर यहां से गुजर रही दानापुर पुणे एक्सप्रेस पर गिर गया. घबराए हुए लोगों ने गाड़ी के रुकते ही ट्रेन से बाहर भागना शुरू कर दिया. इस रूट का अप ट्रैक ठप हो गया है. जबलपुर के रेलवे अधिकारियों ने तार को सुधारने के लिए टावर वैगन को भेजा. देर रात तक सुधार कार्य जारी था.
ट्रेन चलाने वाला इलेक्ट्रिक वायर टूटा
पुणे दानापुर एक्सप्रेस ट्रेन दानापुर से मुंबई की तरफ जा रही थी. बिहार के बक्सर के रहने वाले राजकुमार इसी गाड़ी में यात्रा कर रहे थे, उन्हें पुणे जाना था. उन्होंने बताया कि ''साले चौका स्टेशन के करीब 2 किलोमीटर पहले ही रेलगाड़ी में ऐसी आवाज आ रही थी मानो कोई रेलगाड़ी में पत्थर मार रहा हो. डर के मारे लोगों ने खिड़कियां बंद कर ली फिर किसी ने बताया कि रेलगाड़ी के ऊपर का तार टूट गया है. डर के मारे लोग खड़े हो गए क्योंकि सभी को इस बात का डर लग रहा था कि कहीं रेलगाड़ी में करंट न फैल जाए. लेकिन ऐसी स्थिति नहीं बनी और गाड़ी साले चौका स्टेशन पर आकर रुक गई.''
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14 घंटे लेट थी गाड़ी
बिहार से ही मुंबई जाने वाले धर्मेंद्र यादव ने बताया कि ''रेलगाड़ी पहले ही लगभग 14 घंटे लेट चल रही थी. ऐसी स्थिति में जब रेलगाड़ी का तार टूट गया तो इस ट्रेन को कई घंटे के लिए साले चौका स्टेशन पर खड़ा कर दिया गया. यात्रा करने वाले लोगों का कहना है कि वह पहले ही 14 घंटे लेट चल रहे थे अब इस हादसे की वजह से वह अपने मुकाम पर और लेट पहुंचेंगे.
पूरी ट्रेन में फैल सकता था करंट
साले चौका रेलवे स्टेशन जबलपुर रेलवे मुख्यालय से लगभग डेढ़ सौ किलोमीटर दूर है, इसलिए जैसे ही जबलपुर रेलवे मुख्यालय को इस बात की सूचना मिली तुरंत अपलाइन पर ट्रेनों का संचालन रोक दिया गया और साले चौका रेलवे स्टेशन पर अलाउंस करवा दिया गया कि कोई भी पटरी और प्लेटफार्म पर पड़े हुए बार को न छुए, इसमें करंट हो सकता है. जानकारी के अनुसार रेलवे की लाइन में लगभग 25000 बोल्ट का करंट होता है यदि यह तार करंट के साथ गाड़ी पर गिर जाता तो बड़ा हादसा हो सकता था. यह तो गनीमत है कि जिस वक्त तार गिरा उसका करंट कट चुका था.
जबलपुर से भेजी गई टावर बैगन
पश्चिम मध्य रेलवे के सीपीआरओ राहुल श्रीवास्तव ने बताया है कि ''इलेक्ट्रिक वायर को ठीक करने के लिए जबलपुर से टावर वैगन को साले चौका भेज दिया गया है. यह टावर वैगन ही टूटे हुए तार को दुरुस्त कर पाएगी. बीते लगभग 5 घंटे से यह सुधार कार्य चल रहा है और अभी भी जबलपुर से इटारसी के बीच की अप लाइन की रेलगाड़ियां को रोक दिया गया है.'' राहुल श्रीवास्तव का कहना है कि ''कुछ देर में वायर को ठीक करके रेल गाड़ियों का आवागमन चालू कर दिया जाएगा और इस बात की जांच की जाएगी कि आखिर यह तार कैसे टूटा.''
इलेक्ट्रिक ट्रेन में इस बात की संभावना हमेशा बनी रहती है कि ऊपर लगा हुआ तार टूट न जाए. हालांकि आधुनिक इंजन में इस बात का विशेष इंतजाम किया जाता है कि इस घर्षण से भी तार को नुकसान न पहुंचे और वह किसी भी स्थिति में ट्रेन पर ना गिरे. क्योंकि इसमें अधिक वोल्टेज का करंट होता है और यह चलती रेलगाड़ी पर यदि गिर जाता है तो इससे बड़ा हादसा हो सकता है. फिलहाल इस दुर्घटना में कोई जनहानि नहीं हुई. संभावना है कि शुक्रवार सुबह तक रेल गाड़ियां स्ट्राइक पर दोबारा चलने लगें.