जबलपुर। देशभर में गणेश उत्सव की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. मूर्तिकार श्री गणेश की मूर्ति को अंतिम स्वरूप देने में लगे हुए हैं. वहीं, कुछ लोग ऐसे भी हैं जो धर्म के साथ-साथ पर्यावरण बचाने का भी काम कर रहे हैं. ऐसी ही एक बुजुर्ग महिला है यशोदा प्रजापति, जो जबलपुर के अधारताल के पास एक छोटी सी कुटिया में रहती हैं. 81 वर्ष की उम्र में भी वह आत्मनिर्भर हैं और पिछले 18 सालों से सुपारी से भगवान श्री गणेश की प्रतिमा बना रही हैं. यशोदा के अनुसार "ये प्रतिमाएं पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचातीं और विसर्जन में भी आसान होती हैं." उनका कहना है कि धार्मिक अनुष्ठानों को पर्यावरण के अनुकूल बनाना महत्वपूर्ण है.
केवल लागत मूल्य पर सेल करती हैं प्रतिमाएं
81 साल की बुजुर्ग अम्मा यशोदा प्रजापति का कहना है "उन्हें यह कला आज से करीब 18 वर्ष पहले एक धार्मिक संस्था में सीखने को मिली, जहां उन्होंने पहली बार सुपारी से बनी गणेश प्रतिमाओं को देखा. इसके बाद उन्होंने इन्हें बनाने का फैसला किया और खुद को इस कला में निपुण कर लिया. हालांकि, उन्हें व्यापार की समझ नहीं है. इसलिए वह अपनी प्रतिमाओं को केवल लागत मूल्य से थोड़ा सा अधिक जोड़कर 150 रुपये में बेच देती हैं, जिससे उनका गुजर-बसर हो जाता है." यशोदा की गणेश प्रतिमाएं पूरी तरह से प्राकृतिक सामग्री से बनी होती हैं, जिससे ये पर्यावरण के लिए अनुकूल हैं.
बुजुर्ग अम्मा के पास बच्चे सीख रहे मूर्ति बनाना
बुजुर्ग अम्मा के साथ साथ आसपास के कुछ बच्चे भी इस कला को सीख रहे हैं और यशोदा की मदद कर रहे हैं. यशोदा का मानना है कि नवग्रह की पूजा में भी सुपारी का महत्व है. इसलिए उनकी गणेश प्रतिमाएं धार्मिक और पर्यावरणीय दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हैं. इस गणेश प्रतिमा को बनाने में 9 सुपारी और दो छुहारे का इस्तेमाल किया जाता है. रंग-बिरंगे कपड़े और सजावट के सामग्री को फेविकोल की मदद से जोड़कर भगवान श्री गणेश की मूर्ति तैयार की जाती है. बुजुर्ग यशोदा कहती है कि "मेरे हाथ-पैर अब उतने काम नहीं करते, लेकिन मैं चाहती हूं कि इस कला को आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाया जाए." इसलिए मैं आसपास के बच्चों को यह कला सिखा रही हूं.
कॉलेज की छात्राएं अम्मा से सीख रही प्रतिमाओं का निर्माण
बुजुर्ग अम्मा से यह कला सीख रही 5 वर्ष की भूमिजा सावरे कहती है "मैं यशोदा दादी से यह कला सीख रही हूं और मुझे इसमें बहुत मजा आता है."मैं भी अपने घर में यह गणेश जी विराजमान कर रही हूं, आप भी विराजमान कर पर्यावरण को बचाएं. बुजुर्ग अम्मा से कला सीख रही खुशबू रजक रहती है "यशोदा अम्मा की गणेश प्रतिमाएं न सिर्फ सुंदर होती हैं, बल्कि पर्यावरण के लिए भी सुरक्षित हैं." इस कला को मैं भी सीख रही हूं और कॉलेज में सभी के सामने यह कला लेकर जाती हूं, जिसे अब कॉलेज की बाकी लड़कियां भी सीखने में अपनी रुचि दिखा रही हैं.