जबलपुर: जहां पूरा देश रक्षाबंधन का त्यौहार मना रहा था, तो वहीं संस्कारधानी जबलपुर के नेताजी सुभाषचन्द्र बोस मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टरों ने पश्चिम बंगाल के कोलकाता की एक बेटी को न्याय दिलाने के लिए अनोखे ढंग से रक्षाबंधन मनाया. उन्होंने काली राखी बांधकर विरोध जताया और इस राखी को "अभया" की राखी का नाम दिया. यह विरोध प्रदर्शन कोलकाता के आरजीकर हॉस्पिटल में महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के बाद से हो रहा है. जिसमें एक बेटी को बचाया नहीं जा सका. इस दुखद घटना के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए डॉक्टरों ने कहा कि 'वे हर स्तर पर इंसाफ की लड़ाई लड़ेंगे. जब तक न्याय नहीं मिल जाता तब तक विरोध प्रदर्शन करते रहेंगे.'
डॉक्टरों ने बांधी काली राखी
दरअसल, जबलपुर के नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए कैंडल मार्च निकाला और एक दूसरे को काली पट्टी से राखी बांधते हुए इंसाफ की मांग की. साथ ही कहा कि वे इस घटना की निष्पक्ष जांच और कठोर सुरक्षा व्यवस्था की आवश्यकता महसूस करते हैं. डॉक्टरों ने कहा कि जिस प्रकार से इस घटना में इंसाफ नहीं हो पाया, वह पूरे देश के लिए चिंता का विषय है. इसके साथ ही उन्होंने अपनी कलाइयों पर बांधी गई राखी को “अभया” नाम दिया, जो इस संघर्ष में उनके संकल्प और समर्थन का प्रतीक है.
डॉक्टरों ने इंसाफ की मांग की
डॉ देवांश अवस्थी, जो कि जूनियर डॉक्टर हैं, उन्होंने कहा कि 'इस घटना ने पूरे मेडिकल समुदाय को झकझोर कर रख दिया है. उन्होंने बताया कि इस घटना के बाद से ही पूरे जबलपुर में जूनियर डॉक्टरों के बीच एकजुटता और संघर्ष का माहौल है.'डॉ रुद्रिका भटेले ने 'कहा कि हम सबने मिलकर निर्णय लिया है कि जब तक इस घटना के पीड़ितों को इंसाफ नहीं मिल जाता, तब तक हम शांत नहीं बैठेंगे, क्योंकि डॉक्टर पर आए दिन घटनाएं घट रही है. पश्चिम बंगाल के बाद अब मध्य प्रदेश के जबलपुर में भी महिला डॉक्टर से छेड़छाड़ हुई है.'
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जूनियर डॉक्टरों ने एक रैली भी निकाली, जिसमें निष्पक्ष जांच और कठोर सुरक्षा व्यवस्था की मांग की गई. इस रैली में बड़ी संख्या में डॉक्टर शामिल हुए, जिन्होंने अपने हाथों में बैनर और पोस्टर लेकर इस घटना के विरोध में नारे लगाए. रैली के दौरान डॉक्टरों ने अपनी एकजुटता दिखाते हुए कहा कि वे किसी भी प्रकार की अनदेखी बर्दाश्त नहीं करेंगे और इस संघर्ष को अंजाम तक पहुंचाएंगे.