जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर में 1 जुलाई का दिन विरोध प्रदर्शन के नाम रहा. एक तरफ इस दिन स्कूल खुलने थे लेकिन अभिभावक संघ ने निजी स्कूलों की फीस की मनमानी के विरोध में हड़ताल का आवाहन किया था. संगठन से जुड़े लोगों ने जबलपुर के मालवीय चौक पर विरोध प्रदर्शन किया. वहीं नर्सिंग घोटाले और नीट परीक्षा घोटाले के विरोध में कांग्रेसियों ने घंटाघर पर विरोध प्रदर्शन किया. इसके साथ ही जबलपुर के नगर निगम के सदन में कांग्रेसी पार्षद काले कपड़े पहन कर पहुंचे और जबलपुर महापौर के दल बदलने के मामले का विरोध किया.
जबलपुर महापौर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
सोमवार को नगर निगम सदन में कांग्रेस के पार्षद दल काले कपड़े पहन कर आए. कांग्रेस पार्षद दल के सदस्य अयोध्या तिवारी का कहना है कि जबलपुर के महापौर जगत बहादुर सिंह ने कांग्रेस के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ा था और किसी लालच की वजह से उन्होंने कांग्रेस का दामन छोड़कर भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ले ली, लेकिन उसके बाद कभी सदन की मीटिंग नहीं हुई. आज सदन की बजट की मीटिंग थी, इसलिए कांग्रेसियों ने काले कपड़े पहन कर विरोध दर्ज करा है.
नर्सिंग घोटाले और नीट परीक्षा को लेकर कांग्रेस का प्रदर्शन
जबलपुर में दूसरा विरोध प्रदर्शन भी कांग्रेसियों की ओर से आयोजित किया गया. यह विरोध प्रदर्शन राज्य सरकार के खिलाफ था. कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने बड़े पैमाने पर इकट्ठे होकर मालवीय चौक से घंटाघर तक एक जुलूस निकाला और कलेक्टर को ज्ञापन देने जाने के दौरान पुलिस ने उन्हें रोक लिया. इस वजह से पुलिस और कांग्रेसियों के बीच झड़प हो गई. फिर पुलिस ने विरोध कर रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं के ऊपर वाटर कैनन से पानी की बौछार मारी. दरअसल, कांग्रेस नर्सिंग घोटाले और नीट परीक्षा को लेकर राज्य और केंद्र सरकार का विरोध कर रही है. इसी के चलते यह विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया था.
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निजी स्कूलों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
जबलपुर में तीसरा विरोध प्रदर्शन पैरंट संगठन की ओर से आयोजित किया गया था. जबलपुर के निजी स्कूलों की मनमानी फीस के विरोध में पैरंट संगठन ने जबलपुर बंद का आवाहन किया था, हालांकि इसका बहुत असर देखने को नहीं मिला, लेकिन इसके बावजूद बहुत से संगठन के सदस्य मालवीय चौक पहुंचे और यहां इकट्ठे होकर उन्होंने निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ प्रदर्शन किया.