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जबलपुर कलेक्टर की बोर्ड स्टूडेंट्स को नसीहत, मार्कशीट का उपयोग केवल जन्म तिथि के वेरिफिकेशन तक सीमित - Jabalpur Collector advice students

10वीं और 12वीं के नतीजे घोषित हो चुके हैं, ऐसे में जहां अच्छे रिजल्ट वाले स्टूडेंट्स खुश हैं तो कम अंक लाने वाले छात्र निराश हैं. ऐसे में जबलपुर कलेक्टर ने बोर्ड स्टूडेंट्स को नसीहत दी है कि परिणामों को लेकर हताश होने की जरुरत नहीं है. पढ़ाई ज्ञान के लिए करना चाहिए नंबरों के लिए नहीं.

COLLECTOR ADVICE BOARD STUDENTS
जबलपुर कलेक्टर की बोर्ड स्टूडेंट्स को नसीहत
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Apr 24, 2024, 5:50 PM IST

मार्कशीट का उपयोग केवल जन्म तिथि के वेरिफिकेशन तक सीमित

जबलपुर। 10वीं और 12वीं का रिजल्ट घोषित हो चुका है. ऐसे में बहुत से स्टूडेंट्स अपने रिजल्ट को लेकर परेशान रहते हैं. ऐसे छात्रों के लिए जबलपुर कलेक्टर की यह नसीहत बड़े काम की है. कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना का कहना है कि 10वीं की मार्कशीट का उपयोग केवल जन्म तिथि के वेरिफिकेशन के लिए ही होता है. इसका बहुत उपयोग करियर में नहीं होता . परीक्षा में बहुत अच्छे नंबर आना यह नहीं दर्शाता कि छात्र-छात्रा को बहुत अधिक ज्ञान भी है, इसलिए पढ़ाई ज्ञान के लिए करनी चाहिए नंबरों के लिए नहीं.

रिजल्ट से मायूस ना हों छात्र-छात्राएं

बोर्ड की परीक्षाओं को लेकर छात्र-छात्राएं बहुत मेहनत करते हैं. उन्हें जता दिया जाता है कि यहीं से आपके करियर की शुरुआत होती है. ऐसे में जब रिजल्ट आता है तो ज्यादातर छात्र अपने परीक्षा परिणामों को लेकर मायूस हो जाते हैं. ऐसे में जबलपुर कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना का कहना है कि "अक्सर इन परीक्षाओं में असफल रहने वाले छात्र-छात्राएं कई बार गलत कदम उठा लेते हैं. 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं का रिजल्ट भविष्य तय नहीं करता. 10वीं की मार्कशीट का इस्तेमाल केवल जन्म तिथि के वेरिफिकेशन में ही उपयोग में आता है."

'पढ़ाई ज्ञान के लिए है नंबरों के लिए नहीं'

कलेक्टर दीपक सक्सेना का कहना है कि "10वीं के रिजल्ट का कोई बहुत उपयोग नहीं होता. यदि आप फेल हो जाते हैं तो भी दसवीं की मार्कशीट उतनी ही महत्वपूर्ण होती है जितनी पास होने वाले की. मेरिट में आने पर भी आपके भविष्य निर्माण पर कोई बहुत असर नहीं होता. इसलिए 10वीं और 12वीं के रिजल्ट को लेकर छात्र-छात्राओं को बहुत गंभीर नहीं होना चाहिए बल्कि कोशिश यह करनी चाहिए कि वह अपनी पढ़ाई से कितना ज्ञान अर्जित कर पा रहे हैं. यही ज्ञान उन्हें आगे प्रतियोगी परीक्षाओं में काम आता है."

10वीं और 12वीं के रिजल्ट से नहीं मिलता एडमिशन

10वीं और 12वीं के परीक्षा परिणाम किसी भी कोर्स में एडमिशन के लिए पात्रता मात्रा होता है. इसकी मेरिट के आधार पर किसी कोर्स में एडमिशन नहीं मिलता आजकल ज्यादातर जगह एडमिशन के लिए एंट्रेंस एग्जाम निकालना जरूरी होता है, इसलिए 10वीं और 12वीं की परीक्षा के परिणाम को लेकर किसी को भी निराश नहीं होना चाहिए.

ये भी पढ़ें:

एमपी बोर्ड का रिजल्ट जारी, 12वीं में लड़कियों ने लड़कों को पछाड़ा, भिंड, दतिया, टीकमगढ़ के आधे छात्र भी नहीं हुए पास

MP में पांचवी आठवीं बोर्ड परीक्षा के परिणाम जारी, इंदौर जिले की रैंक भयावह

छात्राओं का एक बार फिर दबदबा

माध्यमिक शिक्षा मंडल के 10वीं और 12वीं का रिजल्ट जारी कर दिया गया है. कक्षा 12वीं का रिजल्ट 64.49 फीसदी रहा. पिछले साल के मुकाबले कक्षा 12वीं के रिजल्ट में 9.21% का सुधार हुआ है. एमपी बोर्ड की कक्षा 12वीं की मेरिट सूची में एक बार फिर छात्राओं का दबदबा रहा. साइंस मैथ ग्रुप में रीवा की रहने वाली अंशिका मिश्रा और कॉमर्स ग्रुप में विदिशा की मुस्कान दांगी ने 500 में से 493 अंक हासिल कर मेरिट में पहले स्थान पर रहीं. 10वीं क्लास में मंडला की अनुष्का अग्रवाल ने प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया है. मध्य प्रदेश में 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं में 17 लाख 50000 छात्र छात्राएं बैठे थे, इनमें से लगभग 992 000 छात्र-छात्राएं 12वीं की परीक्षा में बैठे और 748000 10वीं की परीक्षा में बैठे थे.

मार्कशीट का उपयोग केवल जन्म तिथि के वेरिफिकेशन तक सीमित

जबलपुर। 10वीं और 12वीं का रिजल्ट घोषित हो चुका है. ऐसे में बहुत से स्टूडेंट्स अपने रिजल्ट को लेकर परेशान रहते हैं. ऐसे छात्रों के लिए जबलपुर कलेक्टर की यह नसीहत बड़े काम की है. कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना का कहना है कि 10वीं की मार्कशीट का उपयोग केवल जन्म तिथि के वेरिफिकेशन के लिए ही होता है. इसका बहुत उपयोग करियर में नहीं होता . परीक्षा में बहुत अच्छे नंबर आना यह नहीं दर्शाता कि छात्र-छात्रा को बहुत अधिक ज्ञान भी है, इसलिए पढ़ाई ज्ञान के लिए करनी चाहिए नंबरों के लिए नहीं.

रिजल्ट से मायूस ना हों छात्र-छात्राएं

बोर्ड की परीक्षाओं को लेकर छात्र-छात्राएं बहुत मेहनत करते हैं. उन्हें जता दिया जाता है कि यहीं से आपके करियर की शुरुआत होती है. ऐसे में जब रिजल्ट आता है तो ज्यादातर छात्र अपने परीक्षा परिणामों को लेकर मायूस हो जाते हैं. ऐसे में जबलपुर कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना का कहना है कि "अक्सर इन परीक्षाओं में असफल रहने वाले छात्र-छात्राएं कई बार गलत कदम उठा लेते हैं. 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं का रिजल्ट भविष्य तय नहीं करता. 10वीं की मार्कशीट का इस्तेमाल केवल जन्म तिथि के वेरिफिकेशन में ही उपयोग में आता है."

'पढ़ाई ज्ञान के लिए है नंबरों के लिए नहीं'

कलेक्टर दीपक सक्सेना का कहना है कि "10वीं के रिजल्ट का कोई बहुत उपयोग नहीं होता. यदि आप फेल हो जाते हैं तो भी दसवीं की मार्कशीट उतनी ही महत्वपूर्ण होती है जितनी पास होने वाले की. मेरिट में आने पर भी आपके भविष्य निर्माण पर कोई बहुत असर नहीं होता. इसलिए 10वीं और 12वीं के रिजल्ट को लेकर छात्र-छात्राओं को बहुत गंभीर नहीं होना चाहिए बल्कि कोशिश यह करनी चाहिए कि वह अपनी पढ़ाई से कितना ज्ञान अर्जित कर पा रहे हैं. यही ज्ञान उन्हें आगे प्रतियोगी परीक्षाओं में काम आता है."

10वीं और 12वीं के रिजल्ट से नहीं मिलता एडमिशन

10वीं और 12वीं के परीक्षा परिणाम किसी भी कोर्स में एडमिशन के लिए पात्रता मात्रा होता है. इसकी मेरिट के आधार पर किसी कोर्स में एडमिशन नहीं मिलता आजकल ज्यादातर जगह एडमिशन के लिए एंट्रेंस एग्जाम निकालना जरूरी होता है, इसलिए 10वीं और 12वीं की परीक्षा के परिणाम को लेकर किसी को भी निराश नहीं होना चाहिए.

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छात्राओं का एक बार फिर दबदबा

माध्यमिक शिक्षा मंडल के 10वीं और 12वीं का रिजल्ट जारी कर दिया गया है. कक्षा 12वीं का रिजल्ट 64.49 फीसदी रहा. पिछले साल के मुकाबले कक्षा 12वीं के रिजल्ट में 9.21% का सुधार हुआ है. एमपी बोर्ड की कक्षा 12वीं की मेरिट सूची में एक बार फिर छात्राओं का दबदबा रहा. साइंस मैथ ग्रुप में रीवा की रहने वाली अंशिका मिश्रा और कॉमर्स ग्रुप में विदिशा की मुस्कान दांगी ने 500 में से 493 अंक हासिल कर मेरिट में पहले स्थान पर रहीं. 10वीं क्लास में मंडला की अनुष्का अग्रवाल ने प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया है. मध्य प्रदेश में 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं में 17 लाख 50000 छात्र छात्राएं बैठे थे, इनमें से लगभग 992 000 छात्र-छात्राएं 12वीं की परीक्षा में बैठे और 748000 10वीं की परीक्षा में बैठे थे.

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