जबलपुर। बीएसएनएल के कर्मचारी सप्ताह में दो दिन प्रदर्शन कर रहे हैं. इन लोगों का आरोप है कि बीएसएनएल का मैनेजमेंट बीएसएनएल को पूरी तरह बंद करना चाहती है. इसलिए बीएसएनएल की संपत्तियों को खुर्दबुर्द किया जा रहा है. अधिकारी कर्मचारियों के ट्रांसफर किए जा रहे हैं और बीएसएनएल के कनेक्शन कटवाए जा रहे हैं. जबलपुर में बीएसएनएल का बड़ा सेटअप है यहां कर्मचारियों ने संचार मंत्री सिंधिया से डूबते हुए बीएसएनएल को बचाना की गुहार लगाई है.
बीएसएनएल को खत्म करने की साजिश
बीएसएनएल के कर्मचारियों ने अपने ही विभाग की पोल खोल दी है. बीएसएनएल कर्मचारी संघ के जिला सचिव राघवेंद्र अरजरिया का कहना है कि "एक सोची समझी रणनीति के तहत बीएसएनएल को खत्म किया जा रहा है. उन्होंने जबलपुर का उदाहरण देते हुए बताया कि जबलपुर में बीएसएनएल ने 4G सेवाएं शुरू कर दी हैं लेकिन लोगों का कहना है कि नेट तो ठीक चलता है लेकिन बात नहीं हो पाती और कॉल कट जाती है. अब उपभोक्ता अपने बीएसएनएल के स्थाई कनेक्शन कटवा रहे हैं क्योंकि बीएसएनएल उनको सर्विस नहीं दे पा रहा है. जबलपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में कई ऑफिस हैं वहां पर पोस्टिंग ही नहीं की जा रही है." वहीं कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि बीएसएनएल में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है. ज्यादातर काम निजी ठेकेदारों के माध्यम से करवाए जा रहे हैं ठेकेदारों को तो पूरा पेमेंट किया जा रहा है लेकिन काम नहीं हो रहे हैं.
संचार मंत्री सिंधिया से बीएसएनएल को बचाने की मांग
संचार सेवाओं के नए मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से जबलपुर के बीएसएनएल कर्मचारियों ने मांग की है कि बीएसएनएल को बचा लो क्योंकि इससे केवल उनका फायदा नहीं है बल्कि उपभोक्ताओं को भी इससे मदद मिलेगी. जबलपुर में बीएसएनएल की कई बड़ी संपत्तियां हैं. इनमें बीएसएनएल की दो बड़ी फैक्ट्रियां हैं इनमें से एक बीच शहर में है और दूसरी इंडस्ट्रियल एरिया रिछाई में है. इन फैक्ट्री में अब कोई काम नहीं होता है. फैक्ट्री के ज्यादातर कर्मचारियों को वीआरएस देकर रिटायर करवा दिया गया है और जो थोड़े बहुत कर्मचारी बचे हैं वे केवल संपत्ति की देखरेख कर रहे हैं. सिटी सर्किल के ऑफिस में अभी भी काम होता है यहां पर लगातार घटती सुविधा और लगातार होते ट्रांसफरों की वजह से कर्मचारियों में इस बात की चिंता है कि कहीं बीएसएनल पूरी तरह से बंद ना हो जाए.
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सप्ताह में दो दिन आंदोलन
जबलपुर में बीएसएनएल की दुर्गति पर कर्मचारियों ने आंदोलन शुरू कर दिया है, वे सप्ताह में दो दिन प्रदर्शन कर रहे हैं. इन लोगों का कहना है कि उनके प्रदर्शन से संभवत यह बात सरकार के कानों तक पहुंचे और सरकार इस पर कुछ गौर करे. टेलीकम्युनिकेशन के क्षेत्र में बीएसएनएल का बुनियादी ढांचा बहुत अच्छा था लेकिन धीरे-धीरे इस पर ग्रहण लगना शुरू हो गया. यदि इसका बेहतर इस्तेमाल किया जाता है तो इससे न केवल आम लोगों को सस्ती इंटरनेट की सेवाएं मिलेंगी बल्कि निजी कंपनियों पर भी लगाम लगी रहेगी.