जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर में स्वाइन फ्लू के 11 मरीजों की पुष्टि हुई है. जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि कोविड वायरस की महामारी के दौरान लोग जिस तरह का व्यवहार करते थे, बचाव करते थे, ठीक उसी तरह का व्यवहार लोगों को करना होग, नहीं तो स्वाइन फ्लू का वायरस बड़ी तेजी से फैलेगा. जबलपुर में इन सभी 11 मरीज का इलाज निजी अस्पतालों के आइसोलेशन वार्ड में किया जा रहा है.
जबलपुर में 11 मरीजों में h1n1 वायरस मिला
जबलपुर स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त संचालक संजय मिश्रा ने इस बात की पुष्टि की है कि, ''जबलपुर में 11 मरीजों में h1n1 वायरस स्वाइन फ्लू का संक्रमण पाया गया है. 11 जुलाई से लेकर अब तक 24 मरीजों के सैंपल मेडिकल कॉलेज भेजे गए थे. मेडिकल कॉलेज की सेंट्रल लैब में इनकी जांच हुई और इनमें से 11 सैंपल पॉजीटिव पाए गए हैं.''
स्वाइन फ्लू के लिए मेडिकल कॉलेज में अलग से बना वार्ड
डॉ संजय मिश्रा ने बताया कि, ''यह सभी मरीज निजी अस्पतालों के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती हैं. जबलपुर में स्वाइन फ्लू के लिए मेडिकल कॉलेज में एक अलग से वार्ड बनाया गया है. लेकिन जब जबलपुर में पिछली बार कॉविड वायरस का संक्रमण हुआ था तब अस्पतालों ने आइसोलेशन वार्ड बनाना शुरू कर दिया था और यह सभी मरीज इन्हीं आइसोलेशन वार्ड में रखे गए हैं.''
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कोविड की गाइडलाइन का पालन करने के निर्देश
डॉ संजय मिश्रा का कहना है कि, ''स्वाइन फ्लू का असर सबसे ज्यादा गले पर पड़ता है और गले से यह फेफड़ों तक फैला है. इसलिए यदि सामान्य सर्दी बुखार के अलावा लोगों को गले में तकलीफ है तो वह एक बार स्वाइन फ्लू का टेस्ट जरूर करवा लें और यदि स्वाइन फ्लू पॉजिटिव आता है तो इसमें लोगों को कोविड की गाइडलाइन का पालन करना होगा.''
यह सावधानियां बरतें लोग
जबलपुर में हर साल इस मौसम में कोई ना कोई वायरस दस्तक जरूर देता है. इस बार फिर स्वाइन फ्लू ने अपनी दस्तक दी है. जबलपुर के लोगों से अपील है कि वह भीड़भाड़ वाली जगह पर जाने से बचें. स्वाइन फ्लू का वायरस भी इन्फ्लूएंजा वायरस है और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 2009 में इस महामारी घोषित किया था.