उज्जैन: महाकाल मंदिर की भस्म आरती में श्रद्धालुओं की एंट्री अब हाईटेक तरीके से होगी. मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए जल्द ही रेडियो फ्रेक्वेंसी आईडी (RFID) बैंड अनिवार्य किया जा रहा है. यह तकनीक अगले महीने से शुरू होने की संभावना है. इससे भस्म आरती में श्रद्धालुओं की एंट्री का अनुभव आधुनिक और सुरक्षित हो जाएगा. महाकाल मंदिर समिति ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है. इंदौर की कंपनी ने इस नए सिस्टम की टेस्टिंग भी शुरू कर दी है. इससे मंदिर में अनधिकृत प्रवेश को रोका जा सकेगा साथ ही मंदिर में मौजूद भक्तों की संख्या का भी पता चल सकेगा.
RFID बैंड पर श्रद्धालु का नाम, उम्र व पता रहेगा प्रिंट
उज्जैन RFID बैंड एक यूज एंड थ्रो कागज से बनाया जाएगा, जिसमें बार कोड के साथ श्रद्धालुओं के बारे में जानकारी प्रिंट होगी. इसमें उनका नाम, उम्र, पता, दिनांक और समय आदि शामिल होगी. श्रद्धालु को प्रवेश से पहले काउंटर पर RFID बैंड दिया जाएगा, जिसे उन्हें आरती समाप्त होने तक अपने हाथ में पहन कर रखना होगा. मंदिर से बाहर निकलने पर उन्हें इसे जमा करना होगा.
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इस बारे में जानकारी देते हुए उज्जैन महाकाल मंदिर के प्रशासक गणेश धाकड़ ने कहा, यह प्रणाली एक से दो हफ्तों में शुरू की जा सकती है. इस नई व्यवस्था के माध्यम से प्रवेश प्रक्रिया तेज होगी, जिससे श्रद्धालुओं को लंबी कतारों से छुटकारा मिलेगा. कंपनी की इस हाईटेक तकनीक से प्रति घंटे करीब 1000 भक्तों की स्कैनिंग हो सकेगी, जिससे मंदिर का अनुभव पहले से अधिक व्यवस्थित और सुलभ हो जाएगा. बता दें भक्तों की सहूलियत के लिए महाकाल मंदिर में प्रसाद डिस्पेंस मशीनें लगाने की भी योजना है.