जयपुर. राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को मारवाड़ जंक्शन के विधायक केसाराम चौधरी ने माता-पिता की मर्जी के बिना घर से भागकर शादी करने का मुद्दा उठाया. उन्होंने मांग की कि गुजरात की तर्ज पर प्रदेश में भी कानून बनाना चाहिए.
विधायक केसाराम चौधरी ने कहा कि आज वे पर्ची के जरिए एक ऐसा विषय उठा रहे हैं, जो आज हर घर की सच्चाई है. जो एक मां और बाप अपनी बेटी का लालन-पालन करते हैं. अच्छी शिक्षा दिलाते हैं. माता-पिता अरमान सजाते हैं कि उनकी बेटी उच्च शिक्षा हासिल कर उच्च पद पर पदासीन होगी. उसके सुखी जीवन के लिए माता-पिता उसके संपन्न और सुखी दाम्पत्य जीवन के लिए अपने जीवनभर की कमाई लगा देता है. लेकिन उस समय उसके अरमान चूर-चूर हो जाते हैं. जब उसकी बेटी किसी के साथ भाग गई है. पूरा परिवार सदमे में आ जाता है.
मारवाड़ जंक्शन में करीब 500 मुकदमे दर्ज: विधायक केसाराम ने कहा कि बच्ची नाबालिग होती है, तो थाने में मुकदमा दर्ज होता है और बालिग होती है तो गुमशुदगी दर्ज होती है. उन्होंने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र मारवाड़ जंक्शन में पिछले दो साल में नाबालिग के घर से भागने के 122 और 372 मुकदमें बालिग लड़कियों के भागने के दर्ज हुए हैं. एक विधानसभा का यह हाल है तो प्रदेशभर में कितने मुकदमें इस तरह के दर्ज होते होंगे.
माता-पिता को पहचानने से कर देती हैं इनकार: विधायक ने कहा कि कितनी बच्चियां अपने माता-पिता को पहचानने तक से इनकार कर देती हैं. उस समय उस पिता पर क्या बीतती होगी. उन्होंने कहा, इस विषय में पक्ष और विपक्ष को मिलकर कानून में संशोधन करना चाहिए ताकि ऐसे मामलों से बचा जा सके. कोई कानून ऐसा लाया जाए कि माता-पिता की स्वीकृति के बिना बच्ची अपनी मर्जी से किसी के साथ नहीं भागे. प्रदेशभर में इतनी घटनाएं हो रही हैं. हम सबको मिलकर इस पर अंकुश लगाना चाहिए. गुजरात में ऐसा कानून बना है. इसी तर्ज पर हमें भी ऐसा कानून लाना चाहिए ताकि ऐसी घटनाओं पर लगाम लगाई जा सके.