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विधानसभा में उठा हॉस्पिटलों में फायर सेफ्टी ऑडिट का मुद्दा, नर्सिंग होम एक्ट में नए नियम की भी मांग - HOSPITAL FIRE SAFETY AUDIT

छत्तीसगढ़ विधानसभा में हॉस्पिटलों में फायर सेफ्टी ऑडिट का मुद्दा गूंजा. विधायक धरमजीत सिंह स्वास्थ्य मंत्री के जवाब से असंतुष्ट दिखे.

issue of Hospital fire safety audit
हॉस्पिटलों में फायर सेफ्टी ऑडिट का मुद्दा (ETV BHARAT CHHATTISGARH)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : 2 hours ago

Updated : 1 hours ago

रायपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा में अस्पतालों में फायर सेफ्टी का मुद्दा गूंजा. बीजेपी विधायक ने सरकार से 9 मीटर ऊंचे और 30 बिस्तरों वाले हॉस्पिटल में फायर सेफ्टी ऑडिट के बारे में पूछा. धरमजीत सिंह ने पूछा कि प्रदेश में ऐसे कितने अस्पताल हैं, जो इस नियम के दायरे में आते हैं. जवाब में स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि अस्पताल में फायर सेफ्टी का ऑडिट कराना स्वास्थ्य विभाग के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है. गृह विभाग ही फायर सेफ्टी का ऑडिट करता है.

स्वास्थ्य मंत्री के जवाब से नाराजगी : स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल के इस जवाब को सुनकर विधायक धरमजीत सिंह और अजय चंद्राकर ने नाराजगी जताई. विधायकों ने स्वास्थ्यमंत्री से ही पूछा कि जब स्वास्थ्य विभाग में फायर सेफ्टी ऑडिट नहीं आता है तो इस सवाल को स्वास्थ्य विभाग ने स्वीकार ही क्यों किया. इसके जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 9 मीटर ऊंचे और 30 बिस्तर वाले कई अस्पताल स्वास्थ्य विभाग के भी हैं. इसलिए इस सवाल को स्वीकार किया गया.

विधानसभा में उठा हॉस्पिटलों में फायर सेफ्टी ऑडिट का मुद्दा (ETV BHARAT CHHATTISGARH)

विधानसभा अध्यक्ष ने किया हस्तक्षेप : इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने विधायकों और स्वास्थ्यमंत्री को बीच में रोका.इसके बाद अस्पतालों की संख्या बाद में उपलब्ध कराने के निर्देश मंत्री को दिए.इसके बाद विधायक धरमजीत ने अस्पतालों का फायर ऑडिट किसी सक्षम अधिकारी से कराने को लेकर सवाल पूछा.धरमजीत ने आरोप लगाए कि बाजार में फायर सेफ्टी का सर्टिफिकेट बिकता है, इसलिए जरूरी है कि सक्षम अधिकारी की निगरानी में पूरी जांच हो और जो भी अस्पताल मापदंड पर खरे ना उतरें उन्हें बंद कर दिया जाए.

अजय चंद्राकर ने नर्सिंग होम एक्ट में संशोधन को लेकर पूछा सवाल : वहीं विधायक अजय चंद्राकर ने इस दौरान सप्लीमेंट्री सवाल पूछा.चंद्राकर ने कहा कि क्या सरकार नर्सिंग होम एक्ट में संशोधन करेगी.जो प्रावधान किया है,उसमें फायर सेफ्टी को भी जोड़ा जाएगा.

आपको बता दें कि प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में आग लगी थी.जिसमें ये बात सामने आई थी कि जो अग्निशमन उपकरण रखे हुए थे वो एक्सपायर हो चुके थे.यही नहीं फायर सेफ्टी को लेकर किसी भी तरह के कोई त्वरित इंतजाम नहीं थे.ऐसे में ये सवाल उठने लगे थे कि जब सबसे बड़े सरकारी अस्पतालों का ये हाल है तो पूरे प्रदेश में जितने भी अस्पताल हैं उनमें फायर सेफ्टी को लेकर क्या प्रबंध किए गए हैं.

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स्वास्थ्य मंत्री के जवाब से नाराजगी : स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल के इस जवाब को सुनकर विधायक धरमजीत सिंह और अजय चंद्राकर ने नाराजगी जताई. विधायकों ने स्वास्थ्यमंत्री से ही पूछा कि जब स्वास्थ्य विभाग में फायर सेफ्टी ऑडिट नहीं आता है तो इस सवाल को स्वास्थ्य विभाग ने स्वीकार ही क्यों किया. इसके जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 9 मीटर ऊंचे और 30 बिस्तर वाले कई अस्पताल स्वास्थ्य विभाग के भी हैं. इसलिए इस सवाल को स्वीकार किया गया.

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अजय चंद्राकर ने नर्सिंग होम एक्ट में संशोधन को लेकर पूछा सवाल : वहीं विधायक अजय चंद्राकर ने इस दौरान सप्लीमेंट्री सवाल पूछा.चंद्राकर ने कहा कि क्या सरकार नर्सिंग होम एक्ट में संशोधन करेगी.जो प्रावधान किया है,उसमें फायर सेफ्टी को भी जोड़ा जाएगा.

आपको बता दें कि प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में आग लगी थी.जिसमें ये बात सामने आई थी कि जो अग्निशमन उपकरण रखे हुए थे वो एक्सपायर हो चुके थे.यही नहीं फायर सेफ्टी को लेकर किसी भी तरह के कोई त्वरित इंतजाम नहीं थे.ऐसे में ये सवाल उठने लगे थे कि जब सबसे बड़े सरकारी अस्पतालों का ये हाल है तो पूरे प्रदेश में जितने भी अस्पताल हैं उनमें फायर सेफ्टी को लेकर क्या प्रबंध किए गए हैं.

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Last Updated : 1 hours ago
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