गिरिडीह : नक्सलियों के प्रभाव वाले क्षेत्र पीरटांड़ में विकास के नाम पर लूट मची है. यहां कई विकास योजनाओं में अनियमितता की शिकायतें मिली हैं. समस्या को हल कराने के लिए लोग संबंधित विभाग से संपर्क करते हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती. इसका ताजा उदाहरण पीरटांड़ प्रखंड के कमलासिंघा से पांडेडीह तक बनी सड़क है.
यह सड़क अभी कुछ माह पहले ही बनकर तैयार हुई है. सड़क पर भारी वाहन भी नहीं चलते. इसके बावजूद सड़क का कालीकरण उखड़ने लगा है. स्थिति यह है कि जूतों से रगड़ते या उंगुलियों से उखाड़ते ही गिट्टी बाहर आ जा रही है. सड़क पर यह स्थिति एक जगह की नहीं है, बल्कि कई जगहों पर यही स्थिति बनी हुई है.
ठेकेदार और अधिकारी मचा रहे लूट: पीरटांड़ के पूर्व प्रमुख सिकंदर हेम्ब्रम कहते हैं कि विकास के नाम पर ठेकेदार और अधिकारी पूरे पीरटांड़ को लूट रहे हैं. शिकायत के बाद भी कोई सुनने वाला नहीं है. उन्होंने बताया कि कमलासिंघा रोड इसका उदाहरण है, ऐसी कई सड़कों की हालत ऐसी ही है.
इधर, इस मामले पर आरईओ के कार्यपालक अभियंता सुबोध कुमार दास का कहना है कि प्रधानमंत्री सड़क योजना की गुणवत्ता की जांच राज्य से लेकर केंद्र तक की टीम करती है. विभाग हमेशा बेहतर सड़क बनाने में विश्वास रखता है, इसके बावजूद अगर कोई अनियमितता हुई है तो जांच करायी जायेगी. उन्होंने कहा कि वे स्वयं इस सड़क पर जायेंगे और समस्या को दूर कराया जायेगा.
सड़क की लागत 3.67 करोड़ रुपये: यहां बता दें कि कमलासिंघा से पांडेडीह तक इस सड़क की लंबाई पांच किमी है. सड़क 3.67 करोड़ रुपये की लागत से बनी है. काम 2 सितंबर 2022 को शुरू हुआ था, जिसके पूरा होने की तारीख 28 मार्च 2023 तय की गई थी, लेकिन सड़क एक-दो महीने पहले ही बनकर तैयार हुई है.
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