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खूंटी में तालाब जीर्णोद्धार के नाम पर मची लूट, मेढ़ बांध कर करोड़ों रुपए की निकासी, अब अधिकारी करेंगे जांच - Pond renovation in Khunti

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : May 29, 2024, 11:35 AM IST

Irreguralities in pond renovation in Khunti. खूंटी में तालाब जीर्णोद्धार के नाम पर लूट मची हुई है. मेढ़ बांधकर करोड़ों रुपए की निकासी कर ली गई. मामला सामने आने के बाद अधिकारी जांच की बात कह रहे हैं.

Irreguralities in pond renovation in Khunti
तालाब जीर्णोद्धार वाली जगह (ईटीवी भारत)

खूंटी: जिले में तालाब जीर्णोद्धार के निर्माण में अनियमितता का मामला सामने आया है. भूमि संरक्षण विभाग द्वारा इस वित्तीय वर्ष में 69 तालाब और 150 परकोलेशन टैंक का निर्माण कराया गया है. जिसमें अधिकारियों ने ठेकेदारों के साथ मिलीभगत कर करोड़ों रुपए का बंदरबांट कर लिया. अब विभाग और प्रशासन जांच कर कार्रवाई करने का दावा कर रहा है.

जानकारी देते संवाददाता सोनू अंसारी (ईटीवी भारत)

तालाब जीर्णोद्धार में अनियमितता की जानकारी जब ईटीवी भारत की टीम को मिली तो टीम ने जिले के सभी छह प्रखंड क्षेत्रों में हुए तालाब जीर्णोद्धार कार्य का भौतिक निरीक्षण किया गया, जिसमें घोटाले की पोल खुल गई कि किस तरह विभाग ने सरकारी खजाना खाली किया है.

ईटीवी भारत संवाददाता ने जिले के लगभग सभी प्रखंडों का दौरा किया और लगभग सभी जगहों पर बने तालाबों को देखा. इस दौरान अधिकांश तालाब सूखे पाए गए. जबकि विभाग ने कागजों पर लगभग सभी तालाबों का काम पूरा कर भुगतान भी कर दिया.

जिले के खूंटी, तोरपा, कर्रा, रनिया, मुरहू और अरकी प्रखंड क्षेत्रों में तालाब जीर्णोद्धार का काम जरूर हुआ लेकिन ग्रामीणों ने बताया कि जितनी गहराई होनी चाहिए थी, वह नहीं हो पाई. तालाब को चौड़ा कर दिया गया और मेड़बंदी कर उसकी मिट्टी को ऊपर उठा दिया गया ताकि लगे कि बड़ा और विशाल तालाब बना दिया गया है.

इस संबंध में स्थानीय लोगों से बात करने पर पता चला कि यह काम पोकलेन मशीन से किया गया जिसमें जीर्णोद्धार के नाम पर पुराने तालाब को चौड़ा कर सीढ़ियां बना दी गई हैं. कहीं तालाब की गहराई लगभग शून्य कर दी गई है तो कहीं 3 से 4 फीट मिट्टी हटाकर तालाब जीर्णोद्धार का काम पूरा दिखाने की कोशिश की गई है.

तालाबों की भौतिक स्थिति और ग्रामीणों के बयान को देखकर यह स्पष्ट है कि विभागीय अधिकारियों और पोकलेन मशीन से कार्य कराने वाले ठेकेदारों ने मिलकर सरकारी राशि की लूट की है. हालांकि अब विभाग ने इसे गंभीरता से लिया है और जांच के बाद कार्रवाई करने का दावा कर रहा है.

जनप्रतिनिधियों ने की कार्रवाई की मांग

उधर, प्रखंड क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने बताया कि तालाब जीर्णोद्धार को लेकर वे लोग पहले भी विभाग से शिकायत कर चुके हैं, लेकिन किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. जनप्रतिनिधियों का भी मानना ​​है कि विभाग ने सोची समझी योजना के तहत योजना को पूरा करने के लिए जल्दबाजी में तालाब खोद दिया और भूमि संरक्षण विभाग व एजेंसी ने सरकारी राशि की लूट कर ली. जनप्रतिनिधियों ने जांच कर कार्रवाई की मांग की है.

इन इलाकों में हुआ तालाब जीर्णोद्धार

बता दें कि जिले के तोरपा प्रखंड के कामदा, खिजुरटोली, जरिया, दियानकेल, मनातू, चंद्रपुर, तपकारा, रनिया प्रखंड के जराकेल, रनिया गांव, अड़की प्रखंड क्षेत्र के सेरेंगाहातु, टेकानिया, बालालोंग, उलिहातु, अड़की गांव, खूंटी प्रखंड के तिलमा, भूत, कालामाटी, फुदी, मारंगहादा, सिलाडोन, तारो सिलाडोन, कर्रा प्रखंड के छोटका रेग्रे, निधियां, तपेंगसरा, मुरहू प्रखंड क्षेत्र के गोड़ाटोली, सेल्दा, ओस्के गांव, मुरहू समेत कई अन्य गांव शामिल हैं जहां तालाब जीर्णोद्धार का काम हुआ है.

"वित्तीय वर्ष 22-23 में 68 तालाबों के जीर्णोद्धार का लक्ष्य था, जिसमें 67 तालाबों का काम पूरा हुआ, जबकि इस वित्तीय वर्ष 68 में 67 तालाबों का निर्माण हुआ, जिसमें 10 करोड़ रुपये का भुगतान हुआ है. अनियमितता की शिकायत मिली है. इसकी जांच कराई जा रही है. जल्द ही विभागीय कार्रवाई की जाएगी." - नमन सुरीन, भूमि संरक्षण पदाधिकारी

"तालाब निर्माण में अनियमितता की उच्चस्तरीय जांच कराई जाएगी और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी." - श्याम नारायण राम, डीडीसी

यह भी पढ़ें: जामताड़ा में तालाब जीर्णोद्धार के नाम पर बरती जा रही अनियमितता, डीसी ने दिये जांच के आदेश

यह भी पढ़ें: धीमी गति से चल रहा उत्तर कोयल नहर के जीर्णोद्धार का कार्य, किसानों को सिंचाई के लिए नहीं मिल रहा पानी

यह भी पढ़ें: सिमडेगा के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को संजोने में जुटा प्रशासन, बीरूगढ़ सूर्य मंदिर का कराया जाएगा जीर्णोद्धार

खूंटी: जिले में तालाब जीर्णोद्धार के निर्माण में अनियमितता का मामला सामने आया है. भूमि संरक्षण विभाग द्वारा इस वित्तीय वर्ष में 69 तालाब और 150 परकोलेशन टैंक का निर्माण कराया गया है. जिसमें अधिकारियों ने ठेकेदारों के साथ मिलीभगत कर करोड़ों रुपए का बंदरबांट कर लिया. अब विभाग और प्रशासन जांच कर कार्रवाई करने का दावा कर रहा है.

जानकारी देते संवाददाता सोनू अंसारी (ईटीवी भारत)

तालाब जीर्णोद्धार में अनियमितता की जानकारी जब ईटीवी भारत की टीम को मिली तो टीम ने जिले के सभी छह प्रखंड क्षेत्रों में हुए तालाब जीर्णोद्धार कार्य का भौतिक निरीक्षण किया गया, जिसमें घोटाले की पोल खुल गई कि किस तरह विभाग ने सरकारी खजाना खाली किया है.

ईटीवी भारत संवाददाता ने जिले के लगभग सभी प्रखंडों का दौरा किया और लगभग सभी जगहों पर बने तालाबों को देखा. इस दौरान अधिकांश तालाब सूखे पाए गए. जबकि विभाग ने कागजों पर लगभग सभी तालाबों का काम पूरा कर भुगतान भी कर दिया.

जिले के खूंटी, तोरपा, कर्रा, रनिया, मुरहू और अरकी प्रखंड क्षेत्रों में तालाब जीर्णोद्धार का काम जरूर हुआ लेकिन ग्रामीणों ने बताया कि जितनी गहराई होनी चाहिए थी, वह नहीं हो पाई. तालाब को चौड़ा कर दिया गया और मेड़बंदी कर उसकी मिट्टी को ऊपर उठा दिया गया ताकि लगे कि बड़ा और विशाल तालाब बना दिया गया है.

इस संबंध में स्थानीय लोगों से बात करने पर पता चला कि यह काम पोकलेन मशीन से किया गया जिसमें जीर्णोद्धार के नाम पर पुराने तालाब को चौड़ा कर सीढ़ियां बना दी गई हैं. कहीं तालाब की गहराई लगभग शून्य कर दी गई है तो कहीं 3 से 4 फीट मिट्टी हटाकर तालाब जीर्णोद्धार का काम पूरा दिखाने की कोशिश की गई है.

तालाबों की भौतिक स्थिति और ग्रामीणों के बयान को देखकर यह स्पष्ट है कि विभागीय अधिकारियों और पोकलेन मशीन से कार्य कराने वाले ठेकेदारों ने मिलकर सरकारी राशि की लूट की है. हालांकि अब विभाग ने इसे गंभीरता से लिया है और जांच के बाद कार्रवाई करने का दावा कर रहा है.

जनप्रतिनिधियों ने की कार्रवाई की मांग

उधर, प्रखंड क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने बताया कि तालाब जीर्णोद्धार को लेकर वे लोग पहले भी विभाग से शिकायत कर चुके हैं, लेकिन किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. जनप्रतिनिधियों का भी मानना ​​है कि विभाग ने सोची समझी योजना के तहत योजना को पूरा करने के लिए जल्दबाजी में तालाब खोद दिया और भूमि संरक्षण विभाग व एजेंसी ने सरकारी राशि की लूट कर ली. जनप्रतिनिधियों ने जांच कर कार्रवाई की मांग की है.

इन इलाकों में हुआ तालाब जीर्णोद्धार

बता दें कि जिले के तोरपा प्रखंड के कामदा, खिजुरटोली, जरिया, दियानकेल, मनातू, चंद्रपुर, तपकारा, रनिया प्रखंड के जराकेल, रनिया गांव, अड़की प्रखंड क्षेत्र के सेरेंगाहातु, टेकानिया, बालालोंग, उलिहातु, अड़की गांव, खूंटी प्रखंड के तिलमा, भूत, कालामाटी, फुदी, मारंगहादा, सिलाडोन, तारो सिलाडोन, कर्रा प्रखंड के छोटका रेग्रे, निधियां, तपेंगसरा, मुरहू प्रखंड क्षेत्र के गोड़ाटोली, सेल्दा, ओस्के गांव, मुरहू समेत कई अन्य गांव शामिल हैं जहां तालाब जीर्णोद्धार का काम हुआ है.

"वित्तीय वर्ष 22-23 में 68 तालाबों के जीर्णोद्धार का लक्ष्य था, जिसमें 67 तालाबों का काम पूरा हुआ, जबकि इस वित्तीय वर्ष 68 में 67 तालाबों का निर्माण हुआ, जिसमें 10 करोड़ रुपये का भुगतान हुआ है. अनियमितता की शिकायत मिली है. इसकी जांच कराई जा रही है. जल्द ही विभागीय कार्रवाई की जाएगी." - नमन सुरीन, भूमि संरक्षण पदाधिकारी

"तालाब निर्माण में अनियमितता की उच्चस्तरीय जांच कराई जाएगी और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी." - श्याम नारायण राम, डीडीसी

यह भी पढ़ें: जामताड़ा में तालाब जीर्णोद्धार के नाम पर बरती जा रही अनियमितता, डीसी ने दिये जांच के आदेश

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