गिरिडीहः उत्क्रमित उच्च विद्यालय में अध्ययन के दौरान बच्चों को कमरे की परेशानी नहीं हो इसके लिए अतिरिक्त 10 कमरों का भवन बनाया जा रहा है. ज्यादातर स्थानों पर भवन बनकर लगभग तैयार है. हालांकि इन भवनों की गुणवत्ता पर सीधा सवाल उठता रहा है. अब ग्रामीण भी खुलकर सामने आ रहे हैं. ताजा मामला समाहरणालय के ठीक पीछे बन रहे उत्क्रमित उच्च विद्यालय महेशलुंडी के 10 अतिरिक्त वर्ग कक्षा से जुड़ा है. यहां चल रहे काम को ग्रामीणों ने बंद करवाया है. आरोप कार्य की गुणवत्ता से समझौता, घटिया सामान लगाना ओर बाथरूम से टाइल्स को गायब कर देने से जुड़ा है. ग्रामीणों के इस आंदोलन को भाकपा माले का भी समर्थन मिला है.
क्या है ग्रामीणों का आरोपः स्थानीय ग्रामीण गणेश ठाकुर, सोनू, अविनाश मंडल, कन्हैया सिंह समेत अन्य का कहना है कि यहां बन रहे भवन में गड़बड़ी की जाती रही तो इसका विरोध भी होता रहा, लेकिन न तो संवेदक सचेत हुआ ओर न ही विभाग ने कोई सुध ली. जैसे तैसे काम किया जाता रहा इस बीच पता चला कि काम अंतिम चरण में है और संवेदक द्वारा बाथरूम बनाया गया लेकिन उसमें टाइल्स ही नहीं लगाया जा रहा है. दर्जनों ग्रामीण पहुंचे तो देखा कि एक बाथरूम को कम्प्लीट कर दिया गया है. टाइल्स की जगह सीमेंट - पन्नी कर दिया गया है ओर दूसरे बाथरूम में काम लगा दिया गया, इस काम को रोक दिया गया है.
भाकपा माले ने कहा, किया जा रहा है सीधा भ्रष्टाचारः इस दौरान ग्रामीणों की सूचना पर भाकपा माले नेता राजेश यादव ओर राजेश सिन्हा भी मौके पर पहुंचे. दोनों नेताओं ने निर्माणाधीन भवन का निरीक्षण भी किया और कहा कि भवन निर्माण की गुणवत्ता सवाल उठा रही है. बाथरूम में गड़बड़ी पकड़ी ही गई है. इसके अलावा दीवार पर प्लास्टर भी सही से नहीं किया गया है. खिड़की - दरवाजे की गुणवत्ता भी सही नहीं है. नाली निर्माण में एक तरफ 10 इंच तो दूसरी तरफ 5 इंच की दीवार देने की बात ग्रामीण बता रहे हैं. इतनी सारी गड़बड़ी हुई है तो विभाग के अधिकारियों पर तो सवाल उठेगा ही. कहा कि न सिर्फ गुणवत्ता को सुधारने की जरूरत है बल्कि दोषी संवेदक से लेकर लापरवाह अभियंता पर कार्रवाई भी होनी चाहिए.
विधायक ने दे दिया इस्तीफा, अब सांसद ही जवाबदेहः माले नेताओं ने कहा कि यह स्कूल गांडेय विधानसभा क्षेत्र में पड़ता है जिसका प्रतिनिधित्व झामुमो नेता सरफराज अहमद करते रहे हैं. उनके कार्यकाल में ही भवन की आधारशिला रखी गई थी. अब इस्तीफा देकर वे सभी तरह की जवाबदेही से मुक्त हो गए हैं, ऐसे में इस क्षेत्र की सांसद सह केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी की जवाबदेही बनती है कि इस तरह की लापरवाही पर कार्रवाई हो.
क्या कहते हैं अधिकारीः इन भवनों का निर्माण झारखंड सरकार के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के द्वारा कराया जा रहा है. लगभग 80 लाख की लागत से भवन बन रहा है. महेशलुंडी में बन रहे इस भवन का ठेका सूर्योदय कंस्ट्रक्शन ने लिया है. कंस्ट्रक्शन कंपनी बोकारो की है. यहां भवन निर्माण की गुणवत्ता पर ग्रामीणों द्वारा सवाल उठाए जाने के बाद ईटीवी भारत ने शिक्षा विभाग के सहायक अभियंता विनय कुमार से बात की. उन्होंने बताया कि बाथरूम में टाइल्स लगाना है और नहीं लगाया है तो लगवाया जाएगा. यह भी कहा कि कार्य के अनुसार ही संवेदक को भुगतान होगा. ग्रामीणों की सभी प्रकार की शिकायत पर जांच भी होगी.
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