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IRCTC की तैयारी, ट्रेनों में यात्रियों को मिलेगा सस्ता पानी, गर्मी के लिए यह है खास प्लान - CHEAP WATER IRCTC Plan - CHEAP WATER IRCTC PLAN

गर्मी में सफर के दौरान यात्रियों का गला नहीं सूखेगा और उनकी जेब पर भी अतिरिक्त भार नहीं पड़ेगा. ट्रेनों में सफर के दौरान उन्हें आईआरसीटीसी की तरफ से सस्ता रेल नीर उपलब्ध कराया जाएगा. इसके लिए आईआरसीटीसी ने प्लान तैयार किया है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 23, 2024, 2:00 PM IST

आईआरसीटीसी ने गर्मी के लिए खास प्लान तैयार किया है.

लखनऊ: गर्मी में सफर के दौरान यात्रियों का गला नहीं सूखेगा और उनकी जेब पर भी अतिरिक्त भार नहीं पड़ेगा. ट्रेनों में सफर के दौरान उन्हें आईआरसीटीसी की तरफ से सस्ता रेल नीर उपलब्ध कराया जाएगा. इसके लिए आईआरसीटीसी ने प्लान तैयार किया है. हापुड़ और अमेठी में दो वाटर प्रोडक्शन हाउस हैं, जिनसे 1,72,000 लीटर पानी का उत्पादन होता है, लेकिन गर्मियों के दौरान डिमांड में लगभग तीन गुना इजाफा हो जाता है. ऐसे में अब आईआरसीटीसी ने सर्दियों के दौरान ही ज्यादा पानी का प्रोडक्शन कराकर इसे स्टोर कर लिया है.

उपलब्धता कम, खपत ज्यादा

सर्दी की अपेक्षा गर्मी के दिनों में पानी की खपत ज्यादा बढ़ जाती है और जब ट्रेन में सफर करते हैं तो प्यास लगना भी लाजमी है. यात्रियों की सुविधा के लिए आईआरसीटीसी ₹15 की रेल नीर की सस्ती बोतल उपलब्ध कराता है, जबकि यही एक लीटर की अन्य कंपनियों की बोतल ₹20की होती है. रेल नीर ट्रेन में उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी आईआरसीटीसी की ही है. गर्मियों में जब पानी की डिमांड बढ़ती है तो आईआरसीटीसी पर रेल नीर उपलब्ध कराने का दबाव भी बढ़ जाता है. जहां सर्दियों में खपत कम होती है, वहीं गर्मियों में यह खपत तीन से चार गुना तक बढ़ती है, जबकि आईआरसीटीसी के हापुड़ और अमेठी में जो दो वाटर प्रोडक्शन कारखाने हैं उनकी हर रोज की क्षमता ही महज 1,72000 लीटर पानी की है, जबकि खपत की बात की जाए तो सिर्फ लखनऊ में ही हर दिन करीब 50 हजार लीटर पानी की मांग ट्रेनों में होती है.

गर्मी के लिए तैयार किया यह खास प्लान

आईआरसीटीसी के चीफ रीजनल मैनेजर अजीत कुमार सिन्हा गर्मी में ट्रेनों में रेल नीर की सप्लाई के प्लान के बारे में "ईटीवी भारत" से जानकारी साझा करते हुए बताया कि सर्दियों में जब ट्रेनों में पानी की मांग काफी कम हो जाती है तो इस दौरान आईआरसीटीसी ने प्लान तैयार किया कि हर रोज वाटर प्रोडक्शन जारी रखा जाए, यही किया गया. रोजाना की 1 लाख 72000 लीटर की क्षमता से पानी की बोतल का प्रोडक्शन जारी रहा और गर्मियों के लिए पहले से ही आईआरसीटीसी ने जो वेयरहाउस ले रखे हैं, उनमें पानी की बोतलें स्टोर कर दी हैं. संबंधित रेलवे स्टेशन के आसपास आईआरसीटीसी ने वेयर हाउस किराए पर ले रखा है, वहीं से ट्रेनों में पानी की सप्लाई हो जाती है. तीन से चार गुना पानी की सप्लाई ट्रेनों में गर्मी के दौरान करनी पड़ती है तो ऐसे में सर्दी में स्टोर किया वाटर ही गर्मी में काम आता है और ट्रेनों में सर्दी की तरह गर्मी में भी वाटर सप्लाई सुचारू रूप से जारी रखने की कोशिश की जाती है.

आईआरसीटीसी के चीफ रीजनल मैनेजर अजीत कुमार सिन्हा बताते हैं कि आईआरसीटीसी के जो दो वाटर प्रोडक्शन सेंटर हैं, उनमें हापुड़ से रोजाना एक लाख लीटर पानी का उत्पादन किया जाता है तो अमेठी से 72000 लीटर पानी का प्रोडक्शन होता है. देशभर की बात करें तो आईआरसीटीसी के कुल 15 प्लांट चल रहे हैं, जिनसे स्टेशनों पर पानी की सप्लाई की जाती है.

लखनऊ में ही रोजाना 50 हजार लीटर पानी की खपत

जहां तक बात लखनऊ की करें तो यहां पर हर रोज गर्मी में लगभग 50 हजार लीटर के आसपास पानी की खपत रोजाना होती है जबकि नॉर्मल दिनों में यह खपत करीब साढ़े 14 हजार लीटर की होती है. हर रोज लखनऊ से करीब 200 ट्रेनों का गुजरना होता है और दो लाख के करीब यात्री सफर करते हैं. गर्मी के दिनों में इसीलिए पानी की डिमांड ज्यादा बढ़ जाती है.

क्या कहते हैं चीफ रीजनल मैनेजर

आईआरसीटीसी के चीफ रीजनल मैनेजर अजीत कुमार सिन्हा का कहना है कि गर्मी में पानी की डिमांड में बढ़ोतरी हो जाती है. इसे लेकर पहले से ही ईआरसीटीसी ने प्लान करते हुए अपने प्लांट में लगातार उत्पादन जारी रखा. गर्मी में पीक डिमांड होती है तो वेयरहाउस में पहले से ही बोतल स्टोर कर दी जाती हैं जिससे सप्लाई की दिक्कत न हो. अमेठी से 72000 तो हापुड़ से एक लाख लीटर के करीब पानी का हर रोज उत्पादन होता है.

यह भी पढ़ें : IRCTC की डॉरमेट्री हुई अपग्रेड, अब रेलवे स्टेशन पर ही मिलेगी ठहरने की सुविधा, जानिए किराया - Railway Facility News

यह भी पढ़ें : चारबाग में यात्रियों को ठहरने के लिए मिलेगी बड़ी सुविधा, ये इंतजाम किए जा रहे - Two Island Platforms

आईआरसीटीसी ने गर्मी के लिए खास प्लान तैयार किया है.

लखनऊ: गर्मी में सफर के दौरान यात्रियों का गला नहीं सूखेगा और उनकी जेब पर भी अतिरिक्त भार नहीं पड़ेगा. ट्रेनों में सफर के दौरान उन्हें आईआरसीटीसी की तरफ से सस्ता रेल नीर उपलब्ध कराया जाएगा. इसके लिए आईआरसीटीसी ने प्लान तैयार किया है. हापुड़ और अमेठी में दो वाटर प्रोडक्शन हाउस हैं, जिनसे 1,72,000 लीटर पानी का उत्पादन होता है, लेकिन गर्मियों के दौरान डिमांड में लगभग तीन गुना इजाफा हो जाता है. ऐसे में अब आईआरसीटीसी ने सर्दियों के दौरान ही ज्यादा पानी का प्रोडक्शन कराकर इसे स्टोर कर लिया है.

उपलब्धता कम, खपत ज्यादा

सर्दी की अपेक्षा गर्मी के दिनों में पानी की खपत ज्यादा बढ़ जाती है और जब ट्रेन में सफर करते हैं तो प्यास लगना भी लाजमी है. यात्रियों की सुविधा के लिए आईआरसीटीसी ₹15 की रेल नीर की सस्ती बोतल उपलब्ध कराता है, जबकि यही एक लीटर की अन्य कंपनियों की बोतल ₹20की होती है. रेल नीर ट्रेन में उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी आईआरसीटीसी की ही है. गर्मियों में जब पानी की डिमांड बढ़ती है तो आईआरसीटीसी पर रेल नीर उपलब्ध कराने का दबाव भी बढ़ जाता है. जहां सर्दियों में खपत कम होती है, वहीं गर्मियों में यह खपत तीन से चार गुना तक बढ़ती है, जबकि आईआरसीटीसी के हापुड़ और अमेठी में जो दो वाटर प्रोडक्शन कारखाने हैं उनकी हर रोज की क्षमता ही महज 1,72000 लीटर पानी की है, जबकि खपत की बात की जाए तो सिर्फ लखनऊ में ही हर दिन करीब 50 हजार लीटर पानी की मांग ट्रेनों में होती है.

गर्मी के लिए तैयार किया यह खास प्लान

आईआरसीटीसी के चीफ रीजनल मैनेजर अजीत कुमार सिन्हा गर्मी में ट्रेनों में रेल नीर की सप्लाई के प्लान के बारे में "ईटीवी भारत" से जानकारी साझा करते हुए बताया कि सर्दियों में जब ट्रेनों में पानी की मांग काफी कम हो जाती है तो इस दौरान आईआरसीटीसी ने प्लान तैयार किया कि हर रोज वाटर प्रोडक्शन जारी रखा जाए, यही किया गया. रोजाना की 1 लाख 72000 लीटर की क्षमता से पानी की बोतल का प्रोडक्शन जारी रहा और गर्मियों के लिए पहले से ही आईआरसीटीसी ने जो वेयरहाउस ले रखे हैं, उनमें पानी की बोतलें स्टोर कर दी हैं. संबंधित रेलवे स्टेशन के आसपास आईआरसीटीसी ने वेयर हाउस किराए पर ले रखा है, वहीं से ट्रेनों में पानी की सप्लाई हो जाती है. तीन से चार गुना पानी की सप्लाई ट्रेनों में गर्मी के दौरान करनी पड़ती है तो ऐसे में सर्दी में स्टोर किया वाटर ही गर्मी में काम आता है और ट्रेनों में सर्दी की तरह गर्मी में भी वाटर सप्लाई सुचारू रूप से जारी रखने की कोशिश की जाती है.

आईआरसीटीसी के चीफ रीजनल मैनेजर अजीत कुमार सिन्हा बताते हैं कि आईआरसीटीसी के जो दो वाटर प्रोडक्शन सेंटर हैं, उनमें हापुड़ से रोजाना एक लाख लीटर पानी का उत्पादन किया जाता है तो अमेठी से 72000 लीटर पानी का प्रोडक्शन होता है. देशभर की बात करें तो आईआरसीटीसी के कुल 15 प्लांट चल रहे हैं, जिनसे स्टेशनों पर पानी की सप्लाई की जाती है.

लखनऊ में ही रोजाना 50 हजार लीटर पानी की खपत

जहां तक बात लखनऊ की करें तो यहां पर हर रोज गर्मी में लगभग 50 हजार लीटर के आसपास पानी की खपत रोजाना होती है जबकि नॉर्मल दिनों में यह खपत करीब साढ़े 14 हजार लीटर की होती है. हर रोज लखनऊ से करीब 200 ट्रेनों का गुजरना होता है और दो लाख के करीब यात्री सफर करते हैं. गर्मी के दिनों में इसीलिए पानी की डिमांड ज्यादा बढ़ जाती है.

क्या कहते हैं चीफ रीजनल मैनेजर

आईआरसीटीसी के चीफ रीजनल मैनेजर अजीत कुमार सिन्हा का कहना है कि गर्मी में पानी की डिमांड में बढ़ोतरी हो जाती है. इसे लेकर पहले से ही ईआरसीटीसी ने प्लान करते हुए अपने प्लांट में लगातार उत्पादन जारी रखा. गर्मी में पीक डिमांड होती है तो वेयरहाउस में पहले से ही बोतल स्टोर कर दी जाती हैं जिससे सप्लाई की दिक्कत न हो. अमेठी से 72000 तो हापुड़ से एक लाख लीटर के करीब पानी का हर रोज उत्पादन होता है.

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