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जमशेदपुर में बरामद तेंदुए की खाल कहां की है, पीटीआर की टीम भी जांच में हुई शामिल! - Leopard skin

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 18, 2024, 12:50 PM IST

Investigation begins into leopard skin case. जमशेदपुर में बरामद तेंदुए की खाल मामले की जांच शुरू हो गयी है. जांच टीम ये पता लाने की कोशिश कर रही है कि आखिर ये खाल आया कहां से है. इस जांच टीम में पलामू टाइगर रिजर्व को भी शामिल किया गया है.

Investigation begins into leopard skin case recovered in Jamshedpur
जमशेदपुर में बरामद तेदुए की खाल और पीटीआर कार्यालय भवन (Etv Bharat)

पलामूः 15 अगस्त को झारखंड के जमशेदपुर में वन विभाग के टीम ने तेंदुए की खाल को बरामद किया था. इसके साथ तीन तस्करों को भी गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार तस्कर तेंदुए की खाल का सौदा करोड़ों में करने वाले थे. ये तस्कर इसे 10 करोड़ रुपए में बेचने वाले थे. बरामद तेंदुआ के खाल के बारे में वन विभाग की टीम ने जांच शुरू किया है. इस जांच में पलामू टाइगर रिजर्व की टीम भी शामिल हुई है.

झारखंड में सिर्फ पलामू टाइगर रिजर्व से सटे हुए पलामू, गढ़वा और लातेहार में तेंदुआ की मौजूद होने की सबूत मिलते हैं. पलामू टाइगर रिजर्व में विभागीय आंकड़ों के अनुसार 80 से अधिक तेंदुएं मौजूद हैं. इसको लेकर ये आशंका जताई जा रही है कि ये तेंदुआ की खाल पलामू, गढ़वा और लातेहार के इलाके से हो सकती है. पलामू टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक प्रजेशकांत जेना ने बताया कि मामले में जांच की जा रही है. पीटीआर की टीम भी मामले में जांच कर रही है, साथ ही गिरफ्तार आरोपियों से भी लगातार पूछताछ की जा रही है और उनसे मिली जानकारी के बाद आगे का अभियान चलाया जा रहा है.

2014-15 में पलामू के इलाके में पलामू टाइगर रिजर्व की टीम ने तेंदुए की खाल को बरामद किया था और तस्कर को गिरफ्तार किया था. इस घटना के बाद यह दूसरा मामला है जब झारखंड में तेंदुए की खाल बरामद हुई है. पलामू टाइगर रिजर्व 1129 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है और यह इलाका बाघ और तेंदुआ के लिए पूरे देश भर में चर्चित है.

पलामूः 15 अगस्त को झारखंड के जमशेदपुर में वन विभाग के टीम ने तेंदुए की खाल को बरामद किया था. इसके साथ तीन तस्करों को भी गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार तस्कर तेंदुए की खाल का सौदा करोड़ों में करने वाले थे. ये तस्कर इसे 10 करोड़ रुपए में बेचने वाले थे. बरामद तेंदुआ के खाल के बारे में वन विभाग की टीम ने जांच शुरू किया है. इस जांच में पलामू टाइगर रिजर्व की टीम भी शामिल हुई है.

झारखंड में सिर्फ पलामू टाइगर रिजर्व से सटे हुए पलामू, गढ़वा और लातेहार में तेंदुआ की मौजूद होने की सबूत मिलते हैं. पलामू टाइगर रिजर्व में विभागीय आंकड़ों के अनुसार 80 से अधिक तेंदुएं मौजूद हैं. इसको लेकर ये आशंका जताई जा रही है कि ये तेंदुआ की खाल पलामू, गढ़वा और लातेहार के इलाके से हो सकती है. पलामू टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक प्रजेशकांत जेना ने बताया कि मामले में जांच की जा रही है. पीटीआर की टीम भी मामले में जांच कर रही है, साथ ही गिरफ्तार आरोपियों से भी लगातार पूछताछ की जा रही है और उनसे मिली जानकारी के बाद आगे का अभियान चलाया जा रहा है.

2014-15 में पलामू के इलाके में पलामू टाइगर रिजर्व की टीम ने तेंदुए की खाल को बरामद किया था और तस्कर को गिरफ्तार किया था. इस घटना के बाद यह दूसरा मामला है जब झारखंड में तेंदुए की खाल बरामद हुई है. पलामू टाइगर रिजर्व 1129 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है और यह इलाका बाघ और तेंदुआ के लिए पूरे देश भर में चर्चित है.

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