रायपुर: 21 जून को हर साल इंटरनेशनल योगा डे का आयोजन किया जाता है.छत्तीसगढ़ में शुक्रवार को महिला सशक्तिकरण की थीम पर योग दिवस मनाया जाएगा. यह भारत ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मनाया जाता है. दूसरे देशों में भी इस दिन लोग योग अभ्यास करके शरीर को स्वस्थ रखने के लिए योग को प्राथमिकता देते हैं. योग हमारे जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना गया है. योग के माध्यम से कई तरह की बीमारी और शारीरिक समस्याओं को भी दूर किया जा सकता है. योग करने से कई तरह के रोग दूर हो जाते हैं. ऐसे में लोगों को हर दिन कम से कम आधे घंटे योग जरूर करना चाहिए. प्रदेश स्तर पर इंटरनेशनल योगा डे का आयोजन रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में शुक्रवार 21 जून को है. इसमें लगभग 15 हजार लोगों के पहुंचने की संभावना है. इंटरनेशनल योगा डे के इस आयोजन में प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय भी मौजूद रहेंगे.
क्या कहते हैं योग एक्सपर्ट: योग को लेकर ईटीवी भारत ने योग एक्सपर्ट छबिराम साहू से बातचीत की. उन्होंने बताया, "योग का वास्तविक अर्थ जोड़ना होता है. हम सब लोग आपस में जुड़े समाज को जोड़ें. इसके साथ ही हमें अपने जीवन में अनुशासन को अपनाना चाहिए. मन को नियंत्रण करना ही योग है. इसके साथ ही भगवान श्री कृष्ण ने कहा है कि अपने कर्मों को अच्छा करना ही योग है. इसके साथ ही भगवान श्री कृष्ण ने यह भी कहा है कि लाभ हानि, सम विषम अनुकूल प्रतिकूल परिस्थिति में एक समान रहना ही योग की परिभाषा है. योग के माध्यम से हम अपनी शारीरिक समस्याओं को दूर कर सकते हैं. इसके साथ ही कई तरह की बीमारियों से योग करके बचा जा सकता है और हम लंबे समय तक स्वस्थ और निरोगी रह सकते हैं."
हाथ और पैरों का संचालन करने के लिए हमें छोटे-छोटे और सूक्ष्म व्यायाम बहुत जरूरी है. इसके साथ ही एक व्यक्ति को अपने घुटने, कमर और मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के लिए भी योग करना चाहिए. ऐसे में सभी को अपने घुटने कमर और मस्तिष्क को नियंत्रित रखने के लिए उससे संबंधित योग का अभ्यास प्रतिदिन करना चाहिए. भुजंगासन, शलभासन, मरकट आसन, एकपाद, उत्तान आसन इन आसनों को करने से कमर दर्द से राहत मिलेगी. अपने मस्तिष्क को हेल्दी रखने के लिए व्यक्ति को प्राणायाम पर बल देना चाहिए. -छबिराम साहू, योग एक्सपर्ट
योग एक प्राचीन परम्परा: योग परंपरा काफी प्राचीन है. योग ऋषि मुनियों की देन है. भारत में योग की शुरुआत पतंजलि योगपीठ के रामदेव बाबा ने योग को घर-घर तक पहुंचाया. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में योग को मनाने के लिए एक प्रस्ताव रखा था. इसके बाद 17 दिसंबर 2014 को 193 देशों के साथ ही सहयोगी 177 देशों ने इसे पारित किया. इसके बाद से भारत ही नहीं बल्कि विश्व के सभी देशों ने योग दिवस की शुरुआत की जो कि हर साल 21 जून को इंटरनेशनल योगा डे के नाम से जाना जाता है.