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देवास के खिवनी अभ्यारणय में गूंज रही बाघों की दहाड़, बेबी टाइगर संग मीरा और युवराज की मस्ती - International Tiger Day 2024

आज 29 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस है. आज हम आपको देवास खिवनी अभयारण्य के बारे में बताएंगे. यहां बाघों का कुनबा बढ़ता जा रहा है. अभयारण्य की फेमस बाघिन मीरा ने चार शावकों को जन्म दिया है, जो पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं.

INTERNATIONAL TIGER DAY 2024
अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस 2024 (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 29, 2024, 9:19 AM IST

Updated : Jul 29, 2024, 10:46 AM IST

देवास: जिले के खिवनी अभयारण्य वन परिक्षेत्र में बाघ के कुनबे ने चार चांद लगा दिये हैं. अभयारण्य परिसर में चार शावकों के साथ बाघ-बाघिन दिखाई दिये. बता दें कि बाघ युवराज और बाघिन मीरा ने अपने परिवार के साथ खिवनी अभ्यारणय को स्थायी निवास बना लिया है. वैसे तो कई वर्षों से कभी-कभी बाघ दिखाई देते रहे हैं, लेकिन पिछले एक वर्ष से बाघिन मीरा शावकों को पल भर के लिए अपनी आंखों से दूर नहीं होने दे रही है. ये चारों शावक बाघ-बाघिन के द्वारा किये गए शिकार को खाने भी लगे हैं. अभयारण्य प्रबंधन लगातार बाघ परिवार की निगरानी कर रहा है.

बेबी टाइगर संग मीरा और युवराज की मस्ती (ETV Bharat)

खिवनी अभयारण्य की शान शावक
रेंजर भीमसिंह सिसोदिया ने बताया कि, ''खिवनी अभयारण्य में बाघ युवराज एवं बाघिन मीरा से हुए 4 शावक खिवनी अभयारण्य की शान बढ़ा रहे हैं. इसके पहले से भी खिवनी में तीन बाघ नियमित रहते हैं और 3 अन्य बाघ भी अभयारण्य में आते-जाते रहते हैं. अभयारण्य प्रबंधन को उस समय खुश खबरी मिली जब गर्मी के मौसम में पानी के एक स्त्रोत के पास बाघिन दिन में शावकों के साथ दिखाई दी. इसके बाद रात के समय बाघ और बाघिन चारों शावकों के साथ जल स्त्रोत पर ट्रेप कैमरे में दिखाई दिए. अभयारण्य में 6 बाघों की उपस्थिति पूर्व से है और अब नए मेहमानों के आने के बाद प्रबंधन इनकी विशेष रूप से निगरानी कर रहा है.

TIGERS INCREASE KHIVNI SANCTUARY
खिवनी अभ्यारणय में बढ़ा बाघों का कुनबा (ETV Bharat)

तेंदुआ, भालू, लकड़बग्घा सहित कई वन्यप्राणी का आवास खिवनी
सभी शावक स्वस्थ हैं और बाघिन के साथ ही अभयारण्य में विचरण कर रहे हैं. लगातार बाघिन के साथ रहने और ट्रेप कैमरों के चलते प्रबंधन को पता चला कि एक शावक नर एवं तीन शावक मादा है. जिले के अंतिम छोर पर स्थित 134.77 वर्ग किलोमीटर में फैले अभयारण्य में भारत के राष्ट्रीय पशु एवं टाइगर स्टेट के घोतक बाघ का प्राकृतिक आवास है. यहां तेंदुआ, भालू, लकड़बग्घा, लोमड़ी, चीतल, नीलगाय, चौसिंगा, जंगली सुअर जैसे कई वन्यप्राणी प्राकृतिक आवास में रह रहे हैं.

Tigress Meera with cubs
शावकों के साथ बाघिन मीरा (ETV Bharat)

जामनेर व बालगंगा नदी का उद्गम स्थल खिवनी अभयारण्य
साथ ही दुर्लभ प्रजाति के पक्षियों का घर भी खिवनी अभयारण्य है. यहां मप्र के राज्य पक्षी दूधराज सहित 155 प्रजाति के पक्षी निवास करते हैं. इनमें से कई पक्षी दुर्लभ प्रजाति के है. मालवा के पठार एवं विंध्याचल पर्वत मालाओं के मध्य बसा यह अभयारण्य देवास एवं सीहोर जिले में फैला हुआ है. नर्मदा की सहायक नदियां जामनेर व बालगंगा नदी का उद्गम स्थल भी अभयारण्य में है. अभयारण्य की स्थापना वर्ष 1955 में मध्य प्रदेश के गठन के पूर्व तत्कालीन होलकर शासकों द्वारा वन्य वाणी संरक्षण के उद्देश्य से की गई थी.

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शावकों संग खेल रही थी बाघिन, आई शॉकिंग सूचना और रेलवे ने अधिकारी भर दौड़ा दी हवा को चीरती ट्रेन

Seminar on Tiger Day in Dewas
बाघ दिवस पर सेमिनार का आयोजन (ETV Bharat)

बाघ दिवस पर सेमिनार का आयोजन
इधर, अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस के उपलक्ष्य में खिवनी अभयारण्य के अधिकारियों ने कन्नौद शहर के डिग्री कॉलेज शा उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में जागरूकता हेतु सेमिनार का आयोजन किया. अभयारण्य प्रबंधन से अधीक्षक विकास महोरे, गेम रेंज अधिकारी भीमसिंह सिसोदिया, उदयभान सिंह गौतम, पीके सास्ता, कृष्णकांत वर्मा, प्रेमनारायण भिलाला, राजकुमार मालवीय, सतीश नरवरिया, संजय पटेल ने जागरूकता कार्यक्रम में बाघ की जीवन शैली, उनके संरक्षण का महत्व, उनकी घटती आबादी तथा भारत सरकार और एमपी सरकार के बाघ बचाने के प्रयासों के विषय में बच्चो को जानकारी दी. बाघ गणना और लगातार सकारात्मक रूप से बढ़ती बाघों की संख्या और उनसे होने वाले लाभों के विषय में बच्चों ने उत्साहपूर्वक जानकारी प्राप्त की.

देवास: जिले के खिवनी अभयारण्य वन परिक्षेत्र में बाघ के कुनबे ने चार चांद लगा दिये हैं. अभयारण्य परिसर में चार शावकों के साथ बाघ-बाघिन दिखाई दिये. बता दें कि बाघ युवराज और बाघिन मीरा ने अपने परिवार के साथ खिवनी अभ्यारणय को स्थायी निवास बना लिया है. वैसे तो कई वर्षों से कभी-कभी बाघ दिखाई देते रहे हैं, लेकिन पिछले एक वर्ष से बाघिन मीरा शावकों को पल भर के लिए अपनी आंखों से दूर नहीं होने दे रही है. ये चारों शावक बाघ-बाघिन के द्वारा किये गए शिकार को खाने भी लगे हैं. अभयारण्य प्रबंधन लगातार बाघ परिवार की निगरानी कर रहा है.

बेबी टाइगर संग मीरा और युवराज की मस्ती (ETV Bharat)

खिवनी अभयारण्य की शान शावक
रेंजर भीमसिंह सिसोदिया ने बताया कि, ''खिवनी अभयारण्य में बाघ युवराज एवं बाघिन मीरा से हुए 4 शावक खिवनी अभयारण्य की शान बढ़ा रहे हैं. इसके पहले से भी खिवनी में तीन बाघ नियमित रहते हैं और 3 अन्य बाघ भी अभयारण्य में आते-जाते रहते हैं. अभयारण्य प्रबंधन को उस समय खुश खबरी मिली जब गर्मी के मौसम में पानी के एक स्त्रोत के पास बाघिन दिन में शावकों के साथ दिखाई दी. इसके बाद रात के समय बाघ और बाघिन चारों शावकों के साथ जल स्त्रोत पर ट्रेप कैमरे में दिखाई दिए. अभयारण्य में 6 बाघों की उपस्थिति पूर्व से है और अब नए मेहमानों के आने के बाद प्रबंधन इनकी विशेष रूप से निगरानी कर रहा है.

TIGERS INCREASE KHIVNI SANCTUARY
खिवनी अभ्यारणय में बढ़ा बाघों का कुनबा (ETV Bharat)

तेंदुआ, भालू, लकड़बग्घा सहित कई वन्यप्राणी का आवास खिवनी
सभी शावक स्वस्थ हैं और बाघिन के साथ ही अभयारण्य में विचरण कर रहे हैं. लगातार बाघिन के साथ रहने और ट्रेप कैमरों के चलते प्रबंधन को पता चला कि एक शावक नर एवं तीन शावक मादा है. जिले के अंतिम छोर पर स्थित 134.77 वर्ग किलोमीटर में फैले अभयारण्य में भारत के राष्ट्रीय पशु एवं टाइगर स्टेट के घोतक बाघ का प्राकृतिक आवास है. यहां तेंदुआ, भालू, लकड़बग्घा, लोमड़ी, चीतल, नीलगाय, चौसिंगा, जंगली सुअर जैसे कई वन्यप्राणी प्राकृतिक आवास में रह रहे हैं.

Tigress Meera with cubs
शावकों के साथ बाघिन मीरा (ETV Bharat)

जामनेर व बालगंगा नदी का उद्गम स्थल खिवनी अभयारण्य
साथ ही दुर्लभ प्रजाति के पक्षियों का घर भी खिवनी अभयारण्य है. यहां मप्र के राज्य पक्षी दूधराज सहित 155 प्रजाति के पक्षी निवास करते हैं. इनमें से कई पक्षी दुर्लभ प्रजाति के है. मालवा के पठार एवं विंध्याचल पर्वत मालाओं के मध्य बसा यह अभयारण्य देवास एवं सीहोर जिले में फैला हुआ है. नर्मदा की सहायक नदियां जामनेर व बालगंगा नदी का उद्गम स्थल भी अभयारण्य में है. अभयारण्य की स्थापना वर्ष 1955 में मध्य प्रदेश के गठन के पूर्व तत्कालीन होलकर शासकों द्वारा वन्य वाणी संरक्षण के उद्देश्य से की गई थी.

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बाघ दिवस पर सेमिनार का आयोजन
इधर, अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस के उपलक्ष्य में खिवनी अभयारण्य के अधिकारियों ने कन्नौद शहर के डिग्री कॉलेज शा उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में जागरूकता हेतु सेमिनार का आयोजन किया. अभयारण्य प्रबंधन से अधीक्षक विकास महोरे, गेम रेंज अधिकारी भीमसिंह सिसोदिया, उदयभान सिंह गौतम, पीके सास्ता, कृष्णकांत वर्मा, प्रेमनारायण भिलाला, राजकुमार मालवीय, सतीश नरवरिया, संजय पटेल ने जागरूकता कार्यक्रम में बाघ की जीवन शैली, उनके संरक्षण का महत्व, उनकी घटती आबादी तथा भारत सरकार और एमपी सरकार के बाघ बचाने के प्रयासों के विषय में बच्चो को जानकारी दी. बाघ गणना और लगातार सकारात्मक रूप से बढ़ती बाघों की संख्या और उनसे होने वाले लाभों के विषय में बच्चों ने उत्साहपूर्वक जानकारी प्राप्त की.

Last Updated : Jul 29, 2024, 10:46 AM IST
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