सिरमौर: हिमाचल प्रदेश में अब पानी की अशुद्धियों का खात्मा करने की तैयारी की जा रही है. यदि सब कुछ ठीक रहा, तो जल्द ही लोगों को पूरी तरह से शुद्ध पानी मिलेगा. हिमाचल का जल शक्ति विभाग हैदराबाद की एक निजी कंपनी के साथ मिलकर इस दिशा में कार्य कर रहा है. दरअसल प्रदेश में पानी की गुणवत्ता बढ़ाने और इसकी पीएच वेल्यू बढ़ाने को लेकर जल शक्ति विभाग प्रयासरत है. इसी कड़ी में हिमाचल में पानी की सभी अशुद्धियों को शुद्ध करने का दावा किया जा रहा है. यदि इसमें सफलता मिलती है, तो यहां के पानी से कैल्शियम सहित अन्य प्रकार की अशुद्धियों को खत्म कर लोगों को पूरी तरह से स्वच्छ पेयजल की सप्लाई संभव हो पाएगी.
इसके तहत नाहन व ऊना को चयनित किया गया है, जहां पर कंपनी द्वारा ट्रायल के तौर पर 2 इंस्टेंट सॉल्वेंट सॉफ्टनर लगाए जा रहे हैं. आधुनिक सुविधाओं से लैस इस उपकरण को नाहन में स्थापित भी कर दिया गया है. कोर्ट रोड़ पर जल शक्ति विभाग के गैस्ट हाउस के साथ स्थित पेयजल योजना के मुख्य टैंक को इस उपकरण से जोड़ दिया गया है. दोनों जगहों पर ये उपकरण फिलहाल अभी ट्रायल के तौर पर लगाए जा रहे हैं. जल शक्ति विभाग नाहन के अधिशासी अभियंता ई. अरशद रहमान ने बताया कि जैसे कि कंपनी दावा कर रही है, उसके मुताबिक यदि इससे पानी की गुणवत्ता बढ़ेगी तो अन्य जगहों पर भी इन्हें स्थापित किया जाएगा. दावा यह भी किया जा रहा है कि पेयजल पाइपों में जमने वाले कैल्शियम से भी इससे निजात मिल पाएगी.
नाहन की खैरी योजना में कैल्शियम की मात्रा अधिक
नाहन शहर को तीन पेयजल योजनाओं गिरी, नहर सवार व खैरी से पानी की सप्लाई हो रही है. इसमें से खैरी योजना में कैल्शियम की काफी अधिक मात्रा है. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पाइपों में कैल्शियम जमने से 2 इंच की पाइप कुछ ही समय में 1 इंच की रह जाती है. इससे जल शक्ति विभाग की पाइपें भी खराब हो रही हैं. तो यह लोगों के स्वास्थ्य के लिए भी ठीक नहीं है. कैल्शियम से पथरी आदि की शिकायत हो सकती है. इसी को देखते हुए जल शक्ति विभाग ने मुख्य पानी के टैंक के पास ये उपकरण स्थापित करवाया है, ताकि इससे पानी की गुणवत्ता की जांच हो सके. वहीं, दावा किया जा रहा है कि ये उपकरण बिना किसी रसायन के प्रयोग से कार्य करता है और इससे पानी की गुणवत्ता में काफी वृद्धि होती है.
ट्रायल के तौर पर किया जा रहा स्थापित
जल शक्ति विभाग नाहन के अधिशासी अभियंता ई. अरशद रहमान ने बताया कि ट्रायल के तौर पर नाहन में इंस्टेंट सॉल्वेंट सॉफ्टनर स्थापित किया जा रहा है, क्योंकि कई बार खैरी योजना में कैल्शियम की मात्रा कई बार पाई गई है. यह धीरे-धीरे पाइपों में जमा हो जाती है, जिससे पाइपों का डाया कम हो जाता है और इसके चलते जहां कई बार पाइपों को बदलना भी पड़ता है, तो पानी की सप्लाई में भी दिक्कत आती है. इसी वजह से यह उपकरण स्थापित किया गया है. साथ ही कंपनी के मुताबिक यह जल की शुद्धता और गुणवत्ता को भी बढ़ाएगा. यदि इसके परिणाम संतोषजनक पाए जाते हैं, तो इसे अन्य जगहों पर भी स्थापित करने की योजना बनाई जाएगी. फिलहाल नाहन व ऊना में ट्रायल के तौर पर इन्हें लगाया जा रहा है.
पानी की पीएच वेल्यू को बढ़ाएगा
नाहन में संबंधित उपकरण को इंस्टॉल करने वाले हैदराबाद की कंपनी के सर्विस इंजीनियर आकाश मोरालकर ने बताया कि कंपनी का उद्देश्य शुद्ध जल को भी रसायन मुक्त करना है. इसी के चलते जल शक्ति विभाग के सहयोग से नाहन व ऊना में 2 जगहों पर यह इंस्टेंट सॉल्वेंट सॉफ्टनर इंस्टॉल किए जा रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि यह उपकरण पानी की पीएच वेल्यू को बढ़ाता है. साथ ही पानी की अशुद्धियों को साफ करने के साथ-साथ इसकी गुणवत्ता को भी बढ़ाता है. यह उपकरण नैनो तकनीक से कार्य करता है और वाटर मॉलिक्यूल को पतला करता है. जब पानी इससे होकर निकलता है, तो सभी अशुद्धियों से मुक्त होकर शुद्ध पानी प्राप्त होता है. कुल मिलाकर अगर जल शक्ति विभाग का यह ट्रायल सफल रहा, तो जल्द ही लोगों को अपने घरों में पूरी तरह से शुद्ध पानी मिल सकेगा.