कुल्लू: डॉ. संजीव कुमारी पाल पेंटिंग के जरिए अपनी अभिव्यक्ति को आवाज दे रही हैं. पेंटिंग के जुनून के चलते उन्होंने अपनी सरकारी नौकरी भी छोड़ दी. पेटिंग के जरिए डॉ. पाल महिला सशक्तिकरण के लिए भी काम कर रही हैं. कई देशों में उनकी प्रदर्शनियां लग चुकी हैं. डॉ. पॉल माइंडस्कोपप नाम से एक आर्ट गैलरी भी चलाती हैं.
तस्वीरों के कोई शब्द नहीं होते हैं फिर भी सब कुछ ब्यां कर जाती हैं. जो शब्द में ब्यां नहीं कर पाई और शब्द खो जाए उससे चित्रों के माध्यम से उकेरा. ऐसा कई बार हुआ है जब शब्द के माध्यम से कोई बात नहीं कर पाई तो ब्रश के जरिए उसका चित्र बना दिया. शौक बचपन से था, लेकिन पेंटिंग नौकरी के दौरान शुरू की थी. शौक को पूरा करने के लिए नौकरी से सेवानिवृत का निर्णय लिया और पांच साल पहले दिल से पेंटिंग करने का फैसला लिया था. ये शब्द डॉ. संजू पाल के हैं.
घर में रंगोली बनाने से शुरू हुआ शौक
डॉ. संजू पाल का पूरा नाम डॉ. संजीव कुमारी पाल है. पेशे से संजू पाल एक वेटरनरी डॉक्टर थीं. डॉ संजू कहती हैं कि, 'घर में रंगोली बनाने से उनके अंदर चित्रकला का शौक जागा. कुल्लू आने के बाद संवाद ग्रुप से जुड़ने से उनकी कला को आगे ले जाने में मदद मिली. अब तक कुल्लू, गोवा, बैंकाक में अपनी पेटिंग्स की प्रदर्शनी लगा चुकी हूं, जिससे देखकर मुझे बहुत उर्जा मिली है. ये सिलसिला लगातार बढ़ता जा रहा है. आज उन्होंने माइंडस्केप आर्ट गैलरी की स्थापना की है.
प्रतिभाओं को निखाने के लिए बनाई माइंडस्कोप आर्ट गैलरी
डॉक्टर संजू पाल ने बताया कि मनाली के नग्गर के समीप हरिपुर में माइंडस्केप आर्ट गैलरी में कोई भी व्यक्ति पेंटिंग कर सकता है. ऐसे कई कलाकार हैं जो इसको लेकर मुझे प्रोत्साहित करते हैं कि हिमाचल प्रदेश में कोई भी कलाकार आर्ट गैलरी क्यों नहीं बना पाया. इसलिए मैंने 2024 में माइंडस्केप गैलरी की स्थापना करने का निर्णय लिया. गैलरी सोमवार से शुक्रवार को 11 बजे से चार बजे और शनिवार-रविवार को 11 से छह बजे तक खुली रहती है.
डॉ. संजू पाल ने बताया कि, 'आर्ट गैलरी को फलते फूलते देखना मेरा सपना है. पेंटिंग के अलावा कविता कहानियों के लिखने का भी शौक है. माइंडस्केप आर्ट गैलरी भावनाओं को कला के रूप में संजोए रखने का एक प्रयास है. इस कला दीर्घा को ट्रांसडिसिप्लिनरी और एक्सपेरिमेंटल लाइंस पर विकसित किया जा रहा है. इसका उद्देश्य रचनात्मकता का उपयोग करते हुए भिन्न-भिन्न आयामों को जोड़ना, संचार बढ़ाना एवं समस्या सोलविंग अभिरूचि विकसित करना है. यह मुख्यत: तीन परमानेंट प्रदर्शनियां माइंडस्केप आर्ट गैलरी का हिस्सा हैं. इन तीन प्रदर्शनियों में से दो हिमालय के प्रेम में टेथिस, स्टिल आई राइज प्रमुख हैं. स्पीति का लंग्जा गांव हिमाचल प्रदेश का एक उदाहरण है. जहां टेथिस समुद्री जीवाश्मों का पता लगाया जा सकता है. स्टिल आई राइज प्रदर्शनी माया एंजेलो की कविता से प्रेरित 14 पेंटिंग्स की सीरीज है. इसके अतिरिक्त कबीर और कार्ल गुस्ताव यंग के कांसेप्ट्स पर आधारित रेखाचित्र इस कला दीर्घा में हैं. टूथपिक से की गई पेंटिंग्स,पीवीसी शीट्स पर नक्काशीदार और धोई हुई पेंटिंग, लघु फिल्म कैथार्सिस साक्षात्कार फिल्म पेट्रीचोरभी माइंडस्केप आर्ट गैलरी का हिस्सा हैं.'
ग्लाइडिंग मोशन के साथ टूथपिक से बनाई पेटिंग
डॉक्टर संजू पाल ने कहा कि, 'उन्होंने ग्लाइडिंग मोशन के साथ टूथपिक से पेंटिग की गई है. आज से पहले शायद इस प्रकार की पेंटिंग नहीं हुई है. उन्होंने पहली बार प्रयास किया और सफल भी रहीं. अब तक 1000 से अधिक पेंटिंग और स्केच बना चुकी हैं. संजू पाल ने कहा कि पहाड़ की भूख को महिलाएं पीठ पर ढ़ोती हैं. महिलाओं के किलटे में हर प्रकार की भूख है. इसमें जानवर से लेकर आदमी तक का सामान लाया जाता है. जैसे सब्जी, खाने का, जानवर के लिए चारा इसी किलटे में लाया जाता है'
महिला सशक्तिकरण को बल देना लक्ष्य
डॉक्टर संजू पाल ने बताया कि हम हर चीजों को देख नहीं पाते. उनको पेंटिंग के माध्यम से एक्सप्रेस करने की कोशिश करती हूं. इसमें कैनवस और पेपर पर पेंटिंग की है. कुल्लू जिला में अच्छे आर्टिस्ट भी हैं जो आर्ट को आजीविका का साधन के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं. अब युवाओं को आर्ट के प्रति प्रोत्साहित करना है. मैंने संजू पाल आर्ट रेसिडेंस के नाम से स्टूडियो निकाला है जहां पर कोई भी व्यक्ति फ्री विजिट कर सकते हैं.
संजू पाल ने कहा कि, 'हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में महामारी के दौरान महिलाओं को अछूत समझा जाता है. उसको लेकर भी पेंटिंग के माध्यम से दिखाने की कोशिश की है. इसके साथ समाज में छुआछूत और दुष्कर्म जैसे मुद्दों को लेकर भी चित्र बनाए हैं. महिला सशक्तिकरण के लिए भी पेंटिंग के माध्यम से संदेश दिया है. पेंटिंग्स के माध्यम से पहाड़ में महिलाएं किस तरह से जिम्मेदारियों का निर्वहन करती हैं उसको पेंटिंग के माध्यम से प्रस्तुत किया है. पेंटिंग के माध्यम से समाज में कई विषयों को व्यक्त करने की कोशिश की है.'
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