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दारोगा का सुसाइड: 'ईमानदार व्यक्ति की पुलिस में इज्जत नहीं, अफसरों को चढ़ावा नहीं तो सब बेकार'; सोशल मीडिया पर पत्र वायरल - Inspector Suicide In Sitapur

सीतापुर में दारोगा के खुदकुशी किए जाने के बाद कथित तौर पर वायरल उनके एक पत्र ने महकमे में सनसनी मचा दी है. वायरल पत्र में दारोगा ने प्रत्येक कार्य के लिए वसूली किए जाने का जिक्र किया है, साथ ही ईमानदार व्यक्ति की पुलिस में इज्जत नहीं होने की बात भी कही है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 13, 2024, 8:01 AM IST



सीतापुर: मछरेहटा थाने में तैनात एक उपनिरीक्षक ने आत्महत्या कर ली. घायल दारोगा को सीएचसी से जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया. अब मृत दारोगा का एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इसमें, एसएचओ पर अवैध वसूली करने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं. जानकारी मिलते ही एसपी, एएसपी और सीओ समेत पूरा महकमा जिला अस्पताल और मछरेहटा थाने पहुंच गया. मछरेहटा थाने में तैनात प्रोन्नति एसआई मनोज कुमार (550 ने शुक्रवार सुबह तकरीबन 10 बजे थाना परिसर में ही अपनी जान दे दी थी. गोली की आवाज सुनकर पुलिस कर्मियों में हड़कम्प मच गया. आनन-फानन में उन्हें सीएचसी ले जाया गया, जहां से जिला अस्पताल ले जाते समय रास्ते में ही उनकी मौत हो गई.

इस सम्बंध में एसआई का एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जिसमें थानाध्यक्ष राज बहादुर पर अवैध वसूली जैसे गम्भीर आरोप लगाए गए हैं. पत्र में यह भी जिक्र किया गया है, कि ईमानदार की पुलिस में इज्जत नहीं है. वायरल लेटर में कई अन्य पुलिस कर्मियों के नाम का जिक्र किया गया है.खुदकुशी से पहले उपनिरीक्षक बेचैनी की हालत में थाने के अंदर और बाहर टहलते देखे गए. एसआई मनोज कुमार फतेहपुर जिले के ग्राम जलाला थाना कल्याणपुर के रहने वाले थे. सूचना के बाद एसआई के परिजन सीतापुर पहुंच गए हैं. जिन्हें पोस्टमार्टम के बाद मनोज का शव सुपुर्द कर दिया जाएगा. एएसपी डॉ. प्रवीण रंजन ने बताया, कि हर बिंदु पर जांच की जा रही है. जांच के बाद सच्चाई सामने आ जाएगी.

इसे भी पढ़े-दारोगा ने थाने के अंदर सर्विस रिवाल्वर से खुद को मारी गोली, अस्पताल में मौत - Inspector Suicide In Sitapur

पत्र में लिखा ईमानदार व्यक्ति की पुलिस में इज्जत नहीं: वायरल पत्र की शुरुआत श्रीमान जी शब्द से की गई है. इसमें आमजन को संबोधित करते हुए कहा गया है, कि आप सभी जन मानस को हम जानकारी देते हैं कि कोई भी कर्मी निष्ठा और लगन से जितना भी कार्य और ड्यूटी करे, अगर वह अपने अधिकारियों को हर महीने उनको चढ़ावा न करे तो सब बेकार है. ऑफिस और कार्यालय के लोगों को समझना पड़ता है. थाना मछरेहटा के एसएचओ राज बहादुर सिंह जब से आए हैं, तब से सभी कर्मचारी परेशान हैं. यह सभी विवेचनाओं में रुपयों की मांग करते हैं. सीडी सामने प्रस्तुत करने पर हस्ताक्षर बनाते हैं, अन्यथा दफ्तर में रखी रहती है. थाने के अबूहादी, रंजीत यादव, शाने आलम, सुनील और अन्य लोग थाने पर मामले से सम्बंधित व्यक्तियों से मामला निस्तारण में रुपये ऐंठ कर थाना इंचार्ज को देते हैं. अभियान के दौरान घर पर सोते बिना अपराध करने व्यक्ति और महिलाओं को अवैध शराब, शस्त्र अधिनियम और एनडीपीएस में बंद करवाते हैं. अगर बंद न करो तो, अभद्र टिप्पणी करते हैं. हमारे खिलाफ साजिश करके हमको नौकरी से हटाने की मंशा बनाए हैं. ईमानदार व्यक्ति की पुलिस में इज्जत नहीं है. जिस ऑफिस में रुपये खर्च न करो, तो कुछ कार्य नहीं होने की विवेचना में बरामदगी और अभियुक्त की गिरफ्तारी में किसी भी अधिकारी ने सहयोग नहीं किया. अकेले ही पता लगाते रहे.

वहीं, एसपी चक्रेश मिश्र ने बताया कि प्रकरण की हर पहलू से जांच की जा रही है. जांच के बाद सच्चाई सामने आ जाएगी. एएसपी साउथ डॉ. प्रवीण रंजन ने वायरल पत्र के बारे में कुछ नहीं कहा. बताया कि जांच चल रही है. जांच के बाद सारी सच्चाई सामने आ जाएगी. वायरल पत्र मनोज कुमार का है, अथवा नहीं इसका एएसपी ने न तो खंडन किया और न हीं इसे सही माना.

किशोरी के प्रकरण ने पकड़ा तूल: मछरेहटा थाना क्षेत्र के अकबरपुर की एक नाबालिग किशोरी चार माह पूर्व बीहटबीरम के लड़के के साथ फरार हो गई थी. इस मामले में लड़की की बरामदगी पुलिस के प्रयास के बाद भी नहीं हो सकी थी. सूत्रों की माने, तो किशोरी के परिजनों ने इस मामले में हाईकोर्ट की शरण ली थी, इसके बाद पुलिस पर बरामदगी का दबाव था. बताते हैं कि इन दोनों की लोकेशन लुधियाना में मिली थी. वहां दबिश को लेकर सुबह एसआई को थानाध्यक्ष ने फटकारा था, इसके बाद एसआई ने आत्मघाती कदम उठा लिया. हालांकि, हकीकत क्या है, यह तो पुलिस की विवेचना के बाद ही सामने आ पाएगा.

पांच पुलिस कर्मियों पर गिरेगी गाज: एसपी चक्रेश मिश्र ने बताया कि सर्विलांस और एफएसएल फील्ड यूनिट द्वारा साक्ष्य संकलन करके सर्विस रिवाल्वर, मोबाइल फोन और कुछ अन्य व्यक्तिगत सामग्री परीक्षण हेतु कब्जे में ली गयी. दोपहर को सोशल मीडिया पर वायरल एक हस्तलिखित पत्र संज्ञान में आया, जिसमें थाना प्रभारी मछरेहटा और थाना मछरेहटा पर नियुक्त कुछ अन्य पुलिस कर्मियों के ऊपर कतिपय आरोप लगाते हुए विवेचना में कठिनाई का जिक्र किया है. पत्र का संज्ञान लेते हुए अपर पुलिस अधीक्षक, दक्षिणी के नेतृत्व में जांच टीम गठित की गई है, इसमें सीओ सदर सतीश चन्द्र शुक्ला और बलवन्त शाही प्रभारी निरीक्षक थाना रामकोट शामिल हैं.

जांच में निष्पक्षता बनाये रखने हेतु पत्र में जिन पांच पुलिस कर्मियों का जिक्र है, उन्हें लाइन हाजिर करने के लिए चुनाव आयोग को पत्र लिखा है. इसमें थानाध्यक्ष राजबहादुर, मुख्य आरक्षी रंजीत कुमार यादव और आरक्षी अबू हादी, आरक्षी सुनील कुमार और आरक्षी शाने आलम के नाम शामिल हैं. उधर देर शाम मृतक उप निरीक्षक के शव को उनके परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया है, जिनके द्वारा अंतिम संस्कार किया जा रहा है.

यह भी पढ़े-इटावा में दारोगा का सुसाइड; पारिवारिक विवाद में दी जान, पिता की मौत के बाद पुलिस सेवा में आए थे - Etawah Inspector Suicide



सीतापुर: मछरेहटा थाने में तैनात एक उपनिरीक्षक ने आत्महत्या कर ली. घायल दारोगा को सीएचसी से जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया. अब मृत दारोगा का एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इसमें, एसएचओ पर अवैध वसूली करने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं. जानकारी मिलते ही एसपी, एएसपी और सीओ समेत पूरा महकमा जिला अस्पताल और मछरेहटा थाने पहुंच गया. मछरेहटा थाने में तैनात प्रोन्नति एसआई मनोज कुमार (550 ने शुक्रवार सुबह तकरीबन 10 बजे थाना परिसर में ही अपनी जान दे दी थी. गोली की आवाज सुनकर पुलिस कर्मियों में हड़कम्प मच गया. आनन-फानन में उन्हें सीएचसी ले जाया गया, जहां से जिला अस्पताल ले जाते समय रास्ते में ही उनकी मौत हो गई.

इस सम्बंध में एसआई का एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जिसमें थानाध्यक्ष राज बहादुर पर अवैध वसूली जैसे गम्भीर आरोप लगाए गए हैं. पत्र में यह भी जिक्र किया गया है, कि ईमानदार की पुलिस में इज्जत नहीं है. वायरल लेटर में कई अन्य पुलिस कर्मियों के नाम का जिक्र किया गया है.खुदकुशी से पहले उपनिरीक्षक बेचैनी की हालत में थाने के अंदर और बाहर टहलते देखे गए. एसआई मनोज कुमार फतेहपुर जिले के ग्राम जलाला थाना कल्याणपुर के रहने वाले थे. सूचना के बाद एसआई के परिजन सीतापुर पहुंच गए हैं. जिन्हें पोस्टमार्टम के बाद मनोज का शव सुपुर्द कर दिया जाएगा. एएसपी डॉ. प्रवीण रंजन ने बताया, कि हर बिंदु पर जांच की जा रही है. जांच के बाद सच्चाई सामने आ जाएगी.

इसे भी पढ़े-दारोगा ने थाने के अंदर सर्विस रिवाल्वर से खुद को मारी गोली, अस्पताल में मौत - Inspector Suicide In Sitapur

पत्र में लिखा ईमानदार व्यक्ति की पुलिस में इज्जत नहीं: वायरल पत्र की शुरुआत श्रीमान जी शब्द से की गई है. इसमें आमजन को संबोधित करते हुए कहा गया है, कि आप सभी जन मानस को हम जानकारी देते हैं कि कोई भी कर्मी निष्ठा और लगन से जितना भी कार्य और ड्यूटी करे, अगर वह अपने अधिकारियों को हर महीने उनको चढ़ावा न करे तो सब बेकार है. ऑफिस और कार्यालय के लोगों को समझना पड़ता है. थाना मछरेहटा के एसएचओ राज बहादुर सिंह जब से आए हैं, तब से सभी कर्मचारी परेशान हैं. यह सभी विवेचनाओं में रुपयों की मांग करते हैं. सीडी सामने प्रस्तुत करने पर हस्ताक्षर बनाते हैं, अन्यथा दफ्तर में रखी रहती है. थाने के अबूहादी, रंजीत यादव, शाने आलम, सुनील और अन्य लोग थाने पर मामले से सम्बंधित व्यक्तियों से मामला निस्तारण में रुपये ऐंठ कर थाना इंचार्ज को देते हैं. अभियान के दौरान घर पर सोते बिना अपराध करने व्यक्ति और महिलाओं को अवैध शराब, शस्त्र अधिनियम और एनडीपीएस में बंद करवाते हैं. अगर बंद न करो तो, अभद्र टिप्पणी करते हैं. हमारे खिलाफ साजिश करके हमको नौकरी से हटाने की मंशा बनाए हैं. ईमानदार व्यक्ति की पुलिस में इज्जत नहीं है. जिस ऑफिस में रुपये खर्च न करो, तो कुछ कार्य नहीं होने की विवेचना में बरामदगी और अभियुक्त की गिरफ्तारी में किसी भी अधिकारी ने सहयोग नहीं किया. अकेले ही पता लगाते रहे.

वहीं, एसपी चक्रेश मिश्र ने बताया कि प्रकरण की हर पहलू से जांच की जा रही है. जांच के बाद सच्चाई सामने आ जाएगी. एएसपी साउथ डॉ. प्रवीण रंजन ने वायरल पत्र के बारे में कुछ नहीं कहा. बताया कि जांच चल रही है. जांच के बाद सारी सच्चाई सामने आ जाएगी. वायरल पत्र मनोज कुमार का है, अथवा नहीं इसका एएसपी ने न तो खंडन किया और न हीं इसे सही माना.

किशोरी के प्रकरण ने पकड़ा तूल: मछरेहटा थाना क्षेत्र के अकबरपुर की एक नाबालिग किशोरी चार माह पूर्व बीहटबीरम के लड़के के साथ फरार हो गई थी. इस मामले में लड़की की बरामदगी पुलिस के प्रयास के बाद भी नहीं हो सकी थी. सूत्रों की माने, तो किशोरी के परिजनों ने इस मामले में हाईकोर्ट की शरण ली थी, इसके बाद पुलिस पर बरामदगी का दबाव था. बताते हैं कि इन दोनों की लोकेशन लुधियाना में मिली थी. वहां दबिश को लेकर सुबह एसआई को थानाध्यक्ष ने फटकारा था, इसके बाद एसआई ने आत्मघाती कदम उठा लिया. हालांकि, हकीकत क्या है, यह तो पुलिस की विवेचना के बाद ही सामने आ पाएगा.

पांच पुलिस कर्मियों पर गिरेगी गाज: एसपी चक्रेश मिश्र ने बताया कि सर्विलांस और एफएसएल फील्ड यूनिट द्वारा साक्ष्य संकलन करके सर्विस रिवाल्वर, मोबाइल फोन और कुछ अन्य व्यक्तिगत सामग्री परीक्षण हेतु कब्जे में ली गयी. दोपहर को सोशल मीडिया पर वायरल एक हस्तलिखित पत्र संज्ञान में आया, जिसमें थाना प्रभारी मछरेहटा और थाना मछरेहटा पर नियुक्त कुछ अन्य पुलिस कर्मियों के ऊपर कतिपय आरोप लगाते हुए विवेचना में कठिनाई का जिक्र किया है. पत्र का संज्ञान लेते हुए अपर पुलिस अधीक्षक, दक्षिणी के नेतृत्व में जांच टीम गठित की गई है, इसमें सीओ सदर सतीश चन्द्र शुक्ला और बलवन्त शाही प्रभारी निरीक्षक थाना रामकोट शामिल हैं.

जांच में निष्पक्षता बनाये रखने हेतु पत्र में जिन पांच पुलिस कर्मियों का जिक्र है, उन्हें लाइन हाजिर करने के लिए चुनाव आयोग को पत्र लिखा है. इसमें थानाध्यक्ष राजबहादुर, मुख्य आरक्षी रंजीत कुमार यादव और आरक्षी अबू हादी, आरक्षी सुनील कुमार और आरक्षी शाने आलम के नाम शामिल हैं. उधर देर शाम मृतक उप निरीक्षक के शव को उनके परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया है, जिनके द्वारा अंतिम संस्कार किया जा रहा है.

यह भी पढ़े-इटावा में दारोगा का सुसाइड; पारिवारिक विवाद में दी जान, पिता की मौत के बाद पुलिस सेवा में आए थे - Etawah Inspector Suicide

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