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बनारस में वेद-पुराण की पढ़ाई; BHU ने शुरू किया सर्टिफिकेट कोर्स, ऑफलाइन-ऑनलाइन सुविधा, जानिए- पूरी डिटेल? - Kashi Hindu University

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में एक शॉर्ट टर्म कोर्स की शुरुआत (VARANASI NEWS) हो रही है. बीएचयू अब आपको 12 घंटे में वेद और पुराण की जानकारी देगा. इसके साथ ही विशेषज्ञ 18 पुराण के मुख्य विषयों की जानकारी सभी छात्रों को देंगे.

BHU में शॉर्ट टर्म कोर्स की शुरुआत
BHU में शॉर्ट टर्म कोर्स की शुरुआत (Photo credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 11, 2024, 4:44 PM IST

Updated : Sep 11, 2024, 5:07 PM IST

BHU में शॉर्ट टर्म कोर्स की शुरुआत (Video credit: ETV Bharat)

वाराणसी : यदि आप वेद, पुराण के बारे में जानना और पढ़ना चाहते हैं, लेकिन व्यापक होने की वजह से आप इसे समझ पढ़ नहीं पा रहे हैं तो आपके लिए बनारस का काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) खुशखबरी लेकर आया है. बीएचयू अब आपको 12 घंटे में वेद और पुराण की जानकारी देगा. इसके लिए विश्वविद्यालय में एक शॉर्ट टर्म कोर्स की शुरुआत हुई है, जहां आपको 18 पुराणों के बारे में पढ़ाया जाएगा. इसके साथ ही विश्वविद्यालय की ओर से सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा.


बता दें कि, काशी हिंदू कसम पुराण पर आधारित शॉर्ट टर्म कोर्स शुरू करने जा रहा है, जिसका नाम अष्टादश पुराण के प्रमुख प्रतिपाद्य रखा गया है. यह 14 दिन का सर्टिफिकेट कोर्स होगा, जो ऑफलाइन, ऑनलाइन मोड में चलाया जाएगा. देश-विदेश के किसी भी स्थान के व्यक्ति भारत में अपना दाखिला ले सकते हैं. यह विशेष कार्यक्रम आर्ट फैकल्टी के भारत अध्ययन केंद्र की ओर से चलाया जा रहा है, जिसके तहत अलग-अलग विषय विशेषज्ञ 18 पुराण के मुख्य विषयों की जानकारी सभी छात्रों को देंगे.

14 दिन व 12 घंटे में छात्र कर सकेंगे पुराण का अध्ययन : इस बारे में कोर्स की कोऑर्डिनेटर प्रोफेसर जया कुमारी पांडे ने बताया कि, पुराण लोगों को अपने मूल्यों के प्रति जागरूक करती है, लेकिन वर्तमान की युवा पीढ़ी भारतीय ज्ञान परंपरा से दूर होती जा रही है, इसी को देखते हुए बीएचयू में शॉर्ट टर्म कोर्स की शुरुआत की गई है, जहां पर ऋषि मुनियों के द्वारा पुराण में जिन बातों को बताया गया है, अभी वर्तमान में कितने प्रासंगिक हैं इन विषयों के बारे में विद्यार्थियों को बताया जाएगा.

उन्होंने बताया कि 17 से 30 सितंबर तक कोर्स का संचालन किया जाएगा, जिसमें कोई भी छात्र एडमिशन ले सकता है. उन्होंने बताया कि छात्रों को रजिस्ट्रेशन के लिए 1200 रुपये देने होंगे. इसके साथ ही शिक्षक और रिसर्च स्कॉलर को 2500, एनआरआई के लिए 40 डॉलर और अन्य लोगों के लिए 2000 रुपये फीस रखी गई है. बीएयचू की वेबसाइट पर जाकर लोग इस कोर्स में पंजीकरण करा सकते हैं.


इन विषयों की विशेषज्ञ देंगे जानकारी : डॉ जया बताती हैं कि इस पुराण कोर्स की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू हो गई है. इसमें पुराण के परिचय से लेकर सृष्टि एवं सृष्टि की प्रक्रिया, भारतीय विद्याएं, पुराण के धर्म एवं नीति, भगवत भक्ति, पुराण में ऋषि एवं ऋषिकाएं, वंशावली, तीर्थ, व्रत, दान, काशी, प्रयाग और गया के महात्मा के विषय में अलग-अलग विशेषज्ञ जानकारी देंगे. उन्होंने बताया कि यह कोर्स विद्यार्थियों को 14 दिन के भीतर पुराण की जो रूपरेखा है उसके बारे में बता सकेंगे, जिससे आज की युवा पीढ़ी अपने भारतीय ज्ञान परंपरा को समझ सकेगी और इसे जानने के बाद उन्होंने रुचि बढ़ेगी तो वह आगे इस पर व्यापक अध्ययन भी कर सकेंगे. उन्होंने बताया कि इस कोर्स में 14 दिन के लिए 14 अलग-अलग पुराण विशेषज्ञ आकर के छात्रों को पढ़ाएंगे.



कैप्सूल कोर्स होगा बेहद मददगार: इस बारे में विद्यार्थियों का कहना है कि उनके पास यह एक सुनहरा मौका है, जब वह विश्वविद्यालय में 14 दिन के भीतर महज 12 घंटे में पुराने का अध्ययन कर सकेंगे. यह कोर्स उनके लिए एक कैप्सूल कोर्स है, जो भारतीय ज्ञान परंपरा की जो प्राथमिक सतह है उसे बता देगा. क्योंकि वर्तमान भाग दौड़ के जीवन में इतनी ज्यादा आधुनिकता है कि युवा प्राचीन परंपराओं से दूर होते जा रहे हैं और अलग-अलग मानसिक समस्या द्वंद में फंसे हुए हैं.

यह भी पढ़ें : 14 दिसंबर को होगा BHU का दीक्षांत समारोह, जय चौधरी होंगे मुख्य अतिथि

यह भी पढ़ें : काम की खबर ! BHU के स्कूलों में शिक्षक बनने का मौका, 19 जुलाई तक कर सकते आवेदन - Kaam ki Khaber

BHU में शॉर्ट टर्म कोर्स की शुरुआत (Video credit: ETV Bharat)

वाराणसी : यदि आप वेद, पुराण के बारे में जानना और पढ़ना चाहते हैं, लेकिन व्यापक होने की वजह से आप इसे समझ पढ़ नहीं पा रहे हैं तो आपके लिए बनारस का काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) खुशखबरी लेकर आया है. बीएचयू अब आपको 12 घंटे में वेद और पुराण की जानकारी देगा. इसके लिए विश्वविद्यालय में एक शॉर्ट टर्म कोर्स की शुरुआत हुई है, जहां आपको 18 पुराणों के बारे में पढ़ाया जाएगा. इसके साथ ही विश्वविद्यालय की ओर से सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा.


बता दें कि, काशी हिंदू कसम पुराण पर आधारित शॉर्ट टर्म कोर्स शुरू करने जा रहा है, जिसका नाम अष्टादश पुराण के प्रमुख प्रतिपाद्य रखा गया है. यह 14 दिन का सर्टिफिकेट कोर्स होगा, जो ऑफलाइन, ऑनलाइन मोड में चलाया जाएगा. देश-विदेश के किसी भी स्थान के व्यक्ति भारत में अपना दाखिला ले सकते हैं. यह विशेष कार्यक्रम आर्ट फैकल्टी के भारत अध्ययन केंद्र की ओर से चलाया जा रहा है, जिसके तहत अलग-अलग विषय विशेषज्ञ 18 पुराण के मुख्य विषयों की जानकारी सभी छात्रों को देंगे.

14 दिन व 12 घंटे में छात्र कर सकेंगे पुराण का अध्ययन : इस बारे में कोर्स की कोऑर्डिनेटर प्रोफेसर जया कुमारी पांडे ने बताया कि, पुराण लोगों को अपने मूल्यों के प्रति जागरूक करती है, लेकिन वर्तमान की युवा पीढ़ी भारतीय ज्ञान परंपरा से दूर होती जा रही है, इसी को देखते हुए बीएचयू में शॉर्ट टर्म कोर्स की शुरुआत की गई है, जहां पर ऋषि मुनियों के द्वारा पुराण में जिन बातों को बताया गया है, अभी वर्तमान में कितने प्रासंगिक हैं इन विषयों के बारे में विद्यार्थियों को बताया जाएगा.

उन्होंने बताया कि 17 से 30 सितंबर तक कोर्स का संचालन किया जाएगा, जिसमें कोई भी छात्र एडमिशन ले सकता है. उन्होंने बताया कि छात्रों को रजिस्ट्रेशन के लिए 1200 रुपये देने होंगे. इसके साथ ही शिक्षक और रिसर्च स्कॉलर को 2500, एनआरआई के लिए 40 डॉलर और अन्य लोगों के लिए 2000 रुपये फीस रखी गई है. बीएयचू की वेबसाइट पर जाकर लोग इस कोर्स में पंजीकरण करा सकते हैं.


इन विषयों की विशेषज्ञ देंगे जानकारी : डॉ जया बताती हैं कि इस पुराण कोर्स की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू हो गई है. इसमें पुराण के परिचय से लेकर सृष्टि एवं सृष्टि की प्रक्रिया, भारतीय विद्याएं, पुराण के धर्म एवं नीति, भगवत भक्ति, पुराण में ऋषि एवं ऋषिकाएं, वंशावली, तीर्थ, व्रत, दान, काशी, प्रयाग और गया के महात्मा के विषय में अलग-अलग विशेषज्ञ जानकारी देंगे. उन्होंने बताया कि यह कोर्स विद्यार्थियों को 14 दिन के भीतर पुराण की जो रूपरेखा है उसके बारे में बता सकेंगे, जिससे आज की युवा पीढ़ी अपने भारतीय ज्ञान परंपरा को समझ सकेगी और इसे जानने के बाद उन्होंने रुचि बढ़ेगी तो वह आगे इस पर व्यापक अध्ययन भी कर सकेंगे. उन्होंने बताया कि इस कोर्स में 14 दिन के लिए 14 अलग-अलग पुराण विशेषज्ञ आकर के छात्रों को पढ़ाएंगे.



कैप्सूल कोर्स होगा बेहद मददगार: इस बारे में विद्यार्थियों का कहना है कि उनके पास यह एक सुनहरा मौका है, जब वह विश्वविद्यालय में 14 दिन के भीतर महज 12 घंटे में पुराने का अध्ययन कर सकेंगे. यह कोर्स उनके लिए एक कैप्सूल कोर्स है, जो भारतीय ज्ञान परंपरा की जो प्राथमिक सतह है उसे बता देगा. क्योंकि वर्तमान भाग दौड़ के जीवन में इतनी ज्यादा आधुनिकता है कि युवा प्राचीन परंपराओं से दूर होते जा रहे हैं और अलग-अलग मानसिक समस्या द्वंद में फंसे हुए हैं.

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Last Updated : Sep 11, 2024, 5:07 PM IST
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