इंदौर: नए साल के जश्न के लिए सैलानियों की पहली पसंद कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय बन गया है. यहां बुधवार को करीब 20,000 से ज्यादा सैलानी पहुंचे. वहीं साल के अंतिम सप्ताह में रोजना 10 हजार से 12 हजार सैलानी कमला नेहरू चिड़ियाघर पहुंचे रहे थे. यह इंदौर वासियों की पहली पसंद बन चुका है. साल के अखिरी रविवार को 15 हजार से ज्यादा लोग पहुंचे थे. इसको देखते हुए चिड़ियाघर प्रबंधन ने 25 दिसंबर से 2 जनवरी तक सभी कर्मचारियों की छुट्टियां निरस्त कर दी है. वहीं नए साल पर दिनभर सैलानियों के पहुंचे का सिलसिला जारी रहा.
15 हजार से अधिक सैलानियों के पहुंचने की थी उम्मीद
कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय के प्रभारी डॉ. उत्तम यादव ने बताया कि "साल के अंतिम सप्ताह में बड़ी संख्या में सैलानी प्राणी संग्रहालय में पहुंच रहे हैं. 25 दिसंबर से अब तक अक्सर 10,000 से अधिक सैलानी प्राणी संग्रहालय पहुंच रहे थे. जबकि रविवार को 7000 से अधिक सैलानी पहुंचे थे. इसको देखते हुए प्रबंधन को नए साल पर 15,000 से अधिक सैलानियों के आने की उम्मीद थी. वहीं नए साल के पहले दिन करीब 20,000 सैलानी यहां पहुंचे होंगे ".
सैलानियों को पसंद आते हैं दुर्लभ प्रजाति के जानवर
दरअसल, शहर के बीचो-बीच स्थित कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय में लोग छुट्टियों में पहुंचते हैं. क्योंकि यहां बड़ी संख्या में दुर्लभ प्रजाति के जानवर, पक्षी व सांप के साथ शेरों की अलग-अलग प्रजाति मौजूद है. कमला नेहरू चिड़ियाघर पहुंचने वाले सैलानियों में बच्चे, युवा और बुजुर्ग सहित महिलाएं हैं. दुर्लभ प्रजाति के जानवरों को देखकर बच्चे और बुजुर्ग उत्साहित नजर आते हैं.
साप्ताहिक अवकाश के दिन खुल रहा जू
कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय का सोमवार को साप्ताहिक अवकाश रहता है. परंतु साल के अंतिम सप्ताह में साप्ताहिक अवकाश के दिन भी प्राणी संग्रहालय को सैलानियों के लिए खुला रखा गया था. जिसमें करीब 7 से 8 हजार सैलानी यहां पहुंचे और प्राणी संग्रहालय में मौजूद प्रकृति और जानवरों का लुत्फ उठाया.
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दुर्लभ प्रजाति के जानवर मौजूद
कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा चिड़ियाघर है. यह करीब 52 एकड़ जमीन पर फैला हुआ है. यहां दुर्लभ प्रजाति के पक्षियों का पक्षी विहार है, जिसमें अलग-अलग दुर्लभ प्रजाति की चिड़िया हैं. इसके अलावा यहां सांपों के सांप घर सहित अलग-अलग जानवर मौजूद हैं, जो सैलानियों को काफी पसंद आते हैं.