इंदौर: मध्य प्रदेश के इंदौर में किडनी की बीमारी के बाद एक युवक की मौत होने के चलते उसके विभिन्न अंगों को अलग-अलग मरीजों को लगाकर उन्हें नया जीवनदान दिया गया. युवक के आर्गन डोनेट करने के लिए एक बार फिर इंदौर शहर में ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया.
युवक को डॉक्टरों ने घोषित कर दिया था ब्रेन डेड
इंदौर के पगनीस बाग में रहने वाले एक युवक आयुष पंजाबी को किडनी की गंभीर बीमारी थी, जब उसे इस बीमारी की जानकारी लगी तो उसने किसी भी व्यक्ति की किडनी लेने से मना कर दिया. साथ ही डायलिसिस भी नहीं करवा रहा था. इसी दौरान अचानक वह गंभीर रूप से बीमार हो गया और जब उसे परिजनों ने अस्पताल में भर्ती किया तो डॉक्टरों ने उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया. जब युवक ब्रेन डेड घोषित हुआ तो उसके परिजनों ने मुस्कान ग्रुप के सदस्यों से उसके अंग डोनेट करने को लेकर बातचीत की.
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चेन्नई भेजे गए युवक के अंग
इसके बाद 22 जुलाई को युवक की मौत हो गई. जिसके चलते अस्पताल से इंदौर एयरपोर्ट तक एक बार फिर ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया. जब इंदौर पुलिस को इस पूरे मामले की जानकारी लगी तो इंदौर पुलिस ने अस्पताल से एयरपोर्ट तक के मार्ग पर ट्रैफिक की व्यवस्था की और जिस एंबुलेंस के माध्यम से अंग को एयरपोर्ट तक पहुंचाना था, वहां तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया. इंदौर में इस बार 57वां ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया जो कि अपने आप में एक रिकॉर्ड है. इसके बाद अपोलो हॉस्पिटल चेन्नई की टीम चार्टर प्लेन से शाम 7:40 बजे लंग्स को इंदौर से लेकर चेन्नई के लिए रवाना हुए. जबकि लीवर इंदौर के ही एक मरीज को लगेगा. वहीं युवक के लंग्स को चेन्नई के एक मरीज को लगाए गए. बता दें कि इंदौर में सबसे पहले अंग डोनेट करने की प्रथा की शुरुआत हुई थी.