इंदौर: इंदौर की क्राइम ब्रांच पुलिस ने पिछले दिनों एडवाइजरी कंपनी के नाम पर धोखाधड़ी और ठगी की वारदात के मामले में एक बड़ी कार्रवाई की थी. इस पूरे मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार किया. वहीं, एक आरोपी जो ठगी के लिए खास सॉफ्टवेयर बनाता था, उस डेवलपर को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पूछताछ के दौरान उसने कई खुलास किए हैं. जिसके आधार पर जल्द ही पुलिस कुछ और आरोपियों की धरपकड़ कर सकती है.
ठगी के लिए बनाया विशेष सॉफ्टवेयर
इंदौर क्राइम ब्रांच ने ऑनलाइन और मुनाफे का लालच देकर ठगी की वारदात करने वाली फर्जी एडवाइजरी कंपनी पर कार्रवाई की थी. पूरे मामले में पुलिस ने अपराधियों को सॉफ्टवेयर और डाटा उपलब्ध करवाने वाले व्यक्ति को भी गिरफ्तार किया है. एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने बताया कि, पिछले दिनों ऑनेस्ट टेक्नोलॉजी एडवाइजरी कंपनी पर छापामार कार्रवाई की गई थी. जहां से पुलिस ने 18 मोबाइल, लैपटॉप और कई उपकरण जप्त किए थे. कार्रवाई में चार युवकों को मौके से गिरफ्तार किया गया था. जिनसे पूछताछ के दौरान सॉफ्टवेयर डेवलपर पुनीत वाधवानी नामक युवक को गिरफ्तार किया गया है.''
सॉफ्टवेयर में दिखता था डबल पैसा
बताया जा रहा है कि, पुनीत वाधवानी सॉफ्टवेयर बनाने का काम करता है. उसी के द्वारा यह सॉफ्टवेयर बनाया गया था. जिसके माध्यम से साइबर ठग लोगों के साथ ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे थे. प्रत्येक सॉफ्टवेयर पर सॉफ्टवेयर डेवलपर ₹1,000 की राशि लेता था. बताया जा रहा है कि वह ऐसा सॉफ्टवेयर बना देता था जिससे निवेश करने वालों को सॉफ्टवेयर में डबल पैसा दिखता था. लेकिन उनके अकाउंट में पैसा नहीं पहुंचता था.
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इसी आधार पर ठगी की वारदात करने वाले लोग ऐसी वारदातों को अंजाम देकर लोगों के साथ लाखों रुपए की धोखाधड़ी कर रहे थे. आरोपी कुछ ठगों को डाटा भी उपलब्ध करवाता था. फिलहाल इस पूरे ही मामले में पुलिस पकड़े गए आरोपी से पूछताछ कर रही है. वहीं पकड़े गए आरोपों की निशान देही पर जल्द ही कुछ और फर्जी एडवाइजरी कंपनी संचालित करने वाले आरोपियों की धर पकड़ इंदौर में की जा सकती है.