इंदौर: उज्जैन में सिंहस्थ 2028 की तैयारी शुरू कर दी गई है. इस आयोजन से पूर्व उज्जैन के अलावा मालवा निमाड़ क्षेत्र में कई विकास होना है. इसको लेकर निगरानी और समन्वय के लिए मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में कमेटी बनाने की तैयारी है. वहीं, आगामी 3 साल में कई परियोजना को सिंहस्थ में शामिल किया जाएगा, जिसके तहत उज्जैन के अलावा इंदौर जिले में भी प्रस्तावित विकास कार्यों के प्रस्ताव तैयार किए गए हैं.
इन योजनाओं को 2027 तक करना है पूरा
सिंहस्थ से पहले इंदौर उज्जैन फोरलेन के अलावा शिप्रा नदी को शुद्ध करने के लिए नमामि शिप्रा योजना शुरू की जाएगी. इसके अलावा इंदौर, सांवेर, देवास और उज्जैन के नगरीय क्षेत्र में जलमल योजनाएं और सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट 2027 से पहले पूरे किए जाने हैं. कान्ह नदी और इंदौर की सरस्वती नदी से शिप्रा नदी में मिलने वाले सभी नालों का 2027 तक ट्रीटमेंट होना है. इसे लेकर इंदौर जिले में अभी से तैयारी की जा रही है. वहीं, अलग-अलग विभागों से जुड़े सिंहस्थ के कार्यों को लेकर भी शुरुआती तैयारी की जा रही हैं.
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'शासन को भेजे गए विकास कार्य योजना'
इस मामले में इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि "आगामी सिंहस्थ को लेकर राज्य शासन ने प्रोजेक्ट तैयार करने के निर्देश दिए थे, जिससे विभागीय बजट में शामिल किया जा सके. इंदौर जिले से विकास की विभिन्न योजनाओं के प्रोजेक्ट आईडेंटिफाई करके राज्य शासन को भेजे हैं. इसके आधार पर विकास कार्य किए जाएंगे." उन्होंने कहा, ''उज्जैन के लिए इंदौर से संबंधित तमाम कार्यों की मॉनिटरिंग और तैयारी उज्जैन से होगी. लिहाजा पूरे आयोजन के दौरान इंदौर पर भी फोकस रहेगा.''