इंदौर: मध्य प्रदेश के इंदौर में एक गरीब महिला के साथ दुष्कर्म करने के मामले में भाजपा नेता की गिरफ्तारी अब तक नहीं हो पाई है. वहीं इस मामले की पीड़िता भी अब बदनामी सहन कर पाने की स्थिति में नहीं है. यही वजह है कि खुद की बीमारी, बच्चे की पढ़ाई और अपनी मां की मजबूरी के कारण अपने साथ हुए दुष्कर्म के प्रकरण में यू-टर्न लेते हुए पीड़िता ने केस वापस लेने का फैसला किया है. उसने बताया कि कैसे मामला दर्ज कराने के बाद उसकी नौकरी चली गई. अब वह एक-एक रुपए के लिए मोहताज है.
FIR कराने के बाद पीड़िता की गई नौकरी
ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत करते हुए पीड़िता ने बताया कि, ''मेरे साथ हुए शारीरिक और मानसिक शोषण के कारण आरोपी भाजपा नेता के खिलाफ FIR दर्ज कराने के बाद बदनामी के कारण मेरा ही जीना मुश्किल हो गया है. मुझे नहीं पता था कि इस प्रकरण में इतनी ज्यादा राजनीति होगी. इस मुद्दे को उछालने वालों ने कभी भी मेरा मानवीय और सामाजिक पक्ष जानने की कोशिश नहीं की, क्योंकि आरोपी पक्ष के अलावा उन्हें जानने वाले तमाम लोग मुझे भी जानते हैं. इसलिए इस मामले के उजागर होते ही मेरी नौकरी जा चुकी है. किराए के जिस मकान में में रहती हूं, उसका किराया चुकाने की भी स्थिति फिलहाल मेरी नहीं है.''
पीड़िता का घर से निकलना हुआ मुश्किल
पीड़िता ने आगे बताया कि ''इस मामले के चलते 8 दिन से मेरा बच्चा स्कूल नहीं गया है. ब्लड प्रेशर और अन्य शारीरिक परेशानी के कारण मेरी तबीयत बीते कई दिनों से खराब है. वहीं मेरी बुजुर्ग मां भी मुझ पर ही आश्रित है. FIR वापस लेने के लिए मुझ पर भी दबाव आया, लेकिन मैं भागने वालों में से नहीं हूं. इस घटना के पहले जैसे तैसे गुजर बसर हो रहा था, लेकिन इस केस के बाद से काम धंधे के लिए भी मेरा घर से निकलना मुश्किल हो रहा है. ऐसा लगता है सबकी निगाहें मुझ पर लगी हुई हैं. वही मैं अपनी रूटीन दिनचर्या में भी नहीं आ पा रही हूं. हालांकि मैं भागने वालों में से नहीं हूं. गरीब हूं, लेकिन किसी भी प्रकार के लेनदेन करने वालों में से नहीं हूं.''
आरोपी के खिलाफ दी गई शिकायत पीड़िता लेगी वापस
पीड़िता का कहना है कि ''आरोपी भाजपा नेता ने मेरी मजबूरी का फायदा उठाया. इसके बावजूद भी मैंने उसका बुरा नहीं सोचा. हम लोगों की पहले भी लड़ाई हुई है, लेकिन बाद में सुलह हो गई थी. उस दिन भी मैं गुस्से में थी और ब्लड प्रेशर की स्थिति में थी, जिसके कारण भी विवाद बढ़ गया, लेकिन अब मैं इस मामले को लेकर कोर्ट कचहरी में नहीं पड़ना चाहती. इसलिए अपनी मर्जी से अपनी शिकायत कल वापस ले लूंगी. मुझे ईश्वर पर भरोसा है कि मेरे साथ न्याय होगा और और मेरे साथ बुरा नहीं होगा. यह प्रकरण मैं अपनी मर्जी से वापस ले रही हूं, न इसके पीछे समझौता या कोई लालच है. मैं सिर्फ बदनामी से दूर रहकर बस अपनी सामान्य जिंदगी जीना चाहती हूं, ना मुझे किसी से कुछ चाहिए, ना कोई लालसा है.
कोरोना के दौरान हुई थी आरोपी से मुलाकात
इंदौर के द्वारकापुरी थाने में 24 जुलाई को पीड़िता ने लिखित आवेदन देकर भाजपा नेता के खिलाफ कई बार दुष्कर्म करने की शिकायत दर्ज कराई थी. पीड़िता ने बताया था कि ''उसकी पहचान कोरोना के समय भाजपा नेता से हुई थी. उन दिनों आर्थिक तंगी के कारण मैंने आरोपी से कुछ पैसों की मांग की थी, लेकिन पैसे के बदले आरोपी ने संबंध बनाने को कहा. हालांकि उसी दौरान एचडीएफसी बैंक में मुझे लोन चुकाना था, तब मुझे भाजपा नेता ने 100000 रुपए अपने पुराने बॉयफ्रेंड से सारे रिश्ते खत्म करने के बदले में दिए थे, जब मैंने इस बात से इनकार किया तो उसने वापस पैसे मांगे. हालांकि उस दौरान मैं उसे 50000 रुपए ही लौटा पाई. इसके बाद 2023 में उसने घर ले जाकर मेरे साथ दुष्कर्म किया.''
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पीड़िता के साथ आरोपी ने कई बार बनाए संबंध
पीड़िता ने आगे बताया कि ''भाजपा नेता के पैसे लौटाने के लिए मैंने उसके ऑफिस में नौकरी भी की, लेकिन बाद में उसने मुझे नौकरी से निकाल दिया. हालांकि बाद में मैंने फिर नौकरी का अनुरोध किया तो उसने मुझे नगर निगम के जोन 14 के अंतर्गत एनजीओ में नौकरी लगवा दी. इसके बाद उसने फिर मेरे साथ संबंध बनाएं. हालांकि मुझे बाद में पता चला कि भाजपा नेता के अन्य कई लड़कियों से भी संबंध हैं. इस पर मैंने आपत्ति जताई तो उसने मुझे ब्लॉक कर दिया और मुझे ऑफिस बुलाकर धमकाया. जिसके बाद मैं डरकर दूसरी जगह पर रहने चली गई. इसके बाद मैंने सारी बातें अपनी छोटी बहन को बताई. जिसकी सलाह पर मैंने आरोपी भाजपा नेता के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी.''