इंदौर। इंदौर के राजा रामन्ना प्रगत प्रौद्योगिकी केंद्र में लगातार हो रहे नए-नए इनोवेशन और विज्ञान आधारित तकनीक के जरिए मानव जीवन के लिए उपयोगी डिवाइस तैयार किया जा रहे हैं. हाल ही में यहां फोटोथेरेपी आधारित दो ऐसे डिवाइस विकसित किए गए हैं. जिनके जरिए देश और दुनिया में भर में नाक और कान के संक्रमण से जूझने वाले मरीजों को अधिकतम 3 मिनट में संक्रमण से मुक्ति मिल सकेगी. नेसोलाइट और ऐरोलाइट नमक यह दोनों डिवाइस जल्द ही बाजार में भी उपलब्ध हो सकेंगे.
नेसोलाइट और ऐरोलाइट डिवाइस तैयार
दरअसल, दुनिया भर में सायनोसाइटिस (sinusitis) और क्रॉनिक रेनोसायनोसाइटिस (chronic sinusitis) के अलावा नाक के जरिए होने वाले कोरोना संक्रमण से अब मरीज को आसानी से मुक्ति मिल सकेगी. दरअसल मानव जीवन के हित में इंदौर के राजा रामन्ना प्रगत प्रौद्योगिकी केंद्र में मेडिकल साइंस आधारित इनोवेशन और आविष्कार की बदौलत नाक और कान के संक्रमण से न केवल बचाया जा सकेगा, बल्कि संक्रमण को भी खत्म किया जा सकेगा. इसके लिए राजा रामन्ना प्रगत प्रौद्योगिकी केंद्र के इनक्यूबेशन सेंटर के अधीन नाक के संक्रमण के लिए नेसोलाइट और कान के संक्रमण के लिए ऐरोलाइट डिवाइस तैयार किए गए हैं. जिनकी बदौलत बैक्टीरिया फंगल और वायरस को स्पेशल फोटोसिंथेसिस स्प्रे के बाद फोटोथेरेपी देकर खत्म किया जा सकेगा.
संक्रमण से मिलेगी मुक्ति
दुनिया भर में फोटो डायनेमिक टेक्नोलॉजी के प्रयोग करके तैयार हुए इन डिवाइस की मदद से नाक और कान के संक्रमण के लिए अब तक उपयोग किए जाने वाले एंटीबायोटिक दवाइयां के साइड इफेक्ट से भी मुक्ति मिल सकेगी. दोनों डिवाइस को तैयार किए जाने के बाद हाल ही में इंदौर के महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज में दोनों डिवाइस का क्लीनिकल वैलिडेशन प्रमाणित किया गया है. इसके अलावा एथिकल कमेटी ने भी दोनों डिवाइस के जरिए कई मरीज के संक्रमण को खत्म करने में सफलता हासिल की है.
बाजार में उपलब्ध कराने की तैयारी
राजा रामन्ना प्रगत प्रौद्योगिकी केंद्र के निर्देशक शंकर वी नाखे के मुताबिक ''जल्द ही यह दोनों डिवाइस 3000 से लेकर ₹4000 की कीमत में मरीज को पर्सनल उपयोग के लिए बाजार में उपलब्ध हो सकेंगे. दोनों डिवाइस की सफलता के साथ ही मेडिकल क्षेत्र की दिल्ली आधारित एक निजी कंपनी ने बाजार में उपलब्ध कराने की तैयारी कर ली है.'' वहीं, इसे तैयार करने वाले वैज्ञानिक डॉ शोभन के मजूमदार के मुताबिक ''यह डिवाइस इसलिए भी जरूरी थे. क्योंकि तरह-तरह की एंटीबायोटिक खाने से अधिकांश मरीज रेजिस्टेंट हो रहे हैं, जिन पर दवाइयां भी बेअसर हो चुकी हैं. ऐसे में कई तरह के संक्रमण भविष्य में सुपर बग की तरह घटक हो जाएंगे. इस स्थिति के पहले ही फोटो डायनेमिक डिवाइस के जरिए अब इस स्थिति को रोका जा सकेगा.''
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तीन से ₹4000 में मिलेंगे पर्सनल डिवाइस
इन दोनों डिवाइस को मरीज को पर्सनल डिवाइस के तौर पर उपलब्ध कराया जाएगा. जिनकी कीमत बाजार में 3000 से लेकर 4000 पर आएगी. फिलहाल दोनों डिवाइस के क्लीनिकल वैलिडेशन और एथिकल कमेटी द्वारा मान्यता देने के बाद इसे भारतीय दवा बाजारों में जल्द ही ग्राहकों को उपलब्ध करा दिया जाएगा. माना जा रहा है कि बाजार में आते ही इसके उपयोग के बाद इसकी बिक्री देशभर में बड़े पैमाने पर हो सकती है.