इंदौर। इंदौर की 23 साल की दुष्कर्म पीड़िता ने अपनी शिकायत में कहा "जिला अदालत में बयान लेने के दौरान जज साहब ने उसके साथ अभद्र व्यवहार किया. इस दौरान कई आपत्तिजनक बातें उससे कहीं. जज ने दरवाजा खोलकर बयान लिए. इस दौरान उससे कई अश्लील सवाल पूछे गए. जज के सवालों से उसका सिर शर्म से झुक गया. जज ने मुझे बाजारू तक कह दिया. इस दौरान कोर्ट रूम में मौजूद आरोपी के वकील सहित अन्य लोग ठहाके लगाते रहे."
जज ने पीड़िता के वकील को भी डांटकर चुप कराया
पीड़ित युवती ने शिकायत में लिखा "जज साहब ने बयान लेने के दौरान ये भी पूछा कि दुष्कर्म का केस दर्ज कराने के लिए तुम्हें कितने पैसे मिले. मैं भी अगर बाजार में जींस व टीशर्ट पहनकर निकल जाऊं तो तुम्हारी जैसी लड़कियां मेरे पीछे पड़ जाएंगी." जब उसके वकील ने ऐसे सवालों पर आपत्ति जताई तो उन्हें भी जज ने डांटकर चुप करा दिया. पीड़िता का कहना है "जज साहब ने जो अपमान मेरा किया, वह सहन करने लायक नहीं. ऐसे जज से उन्हें न्याय की बिल्कुल उम्मीद नहीं है." युवती का कहना है "अगर मुझे न्याय नहीं मिल सकता है तो इच्छा मृत्यु की परमिशन दे दी जाए."
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एफआईआर के अनुसार क्या है पूरा मामला
इंदौर के जूनी पुलिस थाने में 12 दिसंबर 2023 को पीड़िता ने दुष्कर्म, लव जेहाद सहित एससी-एसटी की एफआईआर करवाई थी. मामले के अनुसार 2019 में युवती की मुलाकात सोशल मीडिया पर अशरफ मंसूरी नाम के युवक से हुई. आरोपी ने अपना नाम व धर्म छिपाया. आरोपी ने शादी का झांसा देकर कई बार शारीरिक शोषण किया. इसके बाद उसका धर्म परिवर्तन कराने का प्रयास किया. इसी मामले में 25 जुलाई को पीड़िता के बयान इंदौर की जिला अदालत में हुए. पीड़िता का कहना है जब वह अपने बयान देने जिला कोर्ट पहुंची तो वहां पर मौजूद न्यायाधीश ने आरोपी के वकील को रोकते हुए कहा "इस तरह की लड़कियों का मैं खुद प्रति परीक्षण करता हूं."