इंदौर। देश भर में कम दूरी और लंबी दूरी की रेलवे में यात्रा करने वाले यात्रियों में बड़ी संख्या में ऐसे भी यात्री होते हैं, जो या तो टिकट नहीं लेते या टिकट लेना जरूरी नहीं समझते. पश्चिम रेलवे ने ऐसे यात्रियों की धरपकड़ के लिए इस साल चलाए अभियान में 21 करोड़ रुपए से ज्यादा की वसूली की है. यह राशि पूर्व में वसूली गई राशि से चार प्रतिशत ज्यादा बताई जा रही है.
बिना टिकट यात्रियों के लिए चलाया अभियान
दरअसल भारतीय रेलवे में लोअर क्लास के साथ स्लीपर क्लास में भी हर साल ऐसे कई यात्री पाए जाते हैं. जो टिकट नहीं लेते. इसके अलावा ऐसे यात्रियों में अधिकांश वे हैं. जो लोअर क्लास से रिजर्वेशन क्लास की बोगियों में सफर करते पाए जाते हैं. हालांकि रेलवे ऐसे अधिकांश यात्रियों पर समय रहते कोई कार्रवाई नहीं कर पाता. जिसके कारण बिना टिकट यात्रा करने वाले यात्रियों द्वारा हर साल रेलवे को करोड़ों रुपए का चूना लगाया जाता है. इस बीच जब भी रेलवे द्वारा रूटीन चेकिंग अभियान चलाया जाता है, तो बार-बार रेलवे में बड़ी संख्या में बिना टिकट यात्री पाए जाते हैं. जिनके खिलाफ जुर्माना किया जाता है. इनमें भी अधिकांश वे होते हैं. जो जुर्माना से बचकर निकल जाते हैं, या उनके पास जुर्माना देने की भी राशि नहीं होती.
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रेलव ने जुर्माने के तौर पर वसूले 21 करोड़ से अधिक की राशि
लिहाजा रेलवे स्टाफ द्वारा चाह कर भी उनके खिलाफ कोई कार्रवाी नहीं हो पाती है. हर साल बड़ी संख्या में बिना टिकट यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या में कोई कमी नहीं आ रही है. इधर रेलवे पीआरओ खेमराज मीना की माने तो 'इस वर्ष रेल यात्रा करने वालों से कई टीटी द्वारा जुर्माने के तौर पर साढ़े 21 करोड़ से अधिक की राशि वसूल की गई. जिसमे रेलवे स्टेशन पर बिना प्लेटफार्म टिकट पाए गए व लोवर टिकट पर अपर क्लास का सफर करने वाले यात्री शामिल हैं. गौरतलब है कि पिछले वर्ष की तुलना में इस साल रेलवे विभाग के कोष में 4 फीसदी अधिक की राशि जमा हुई है. हालांकि अब रेलवे विभाग रेल यात्रियों से लगातार अपील करता है कि बिना टिकट यात्रा न करें. साथ ही नियमों का पालन जरूर करें.