इंदौर। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी के नामांकन वापस लेने के बाद ये पहला मौका है जब 70 साल बाद कांग्रेस लोकसभा चुनाव से बाहर है. इसके बावजूद कांग्रेस ने नोटा को लेकर प्रचार प्रसार जारी रखा. और सोमवार को मतदान वाले दिन कांग्रेस ने विभिन्न जगहों पर नोटा की टेबल लगाकर मतदाताओं को नोटा पर मतदान करने की अपील की. इधर नोटा को लेकर बूथ के बाहर लगी टेबलों को पुलिस ने लगाने से मना कर दिया और कई जगह लगी टेबलों को पुलिस ने हटवा दिया. जिसके चलते शहर कांग्रेस अध्यक्ष ने इसकी शिकायत इलेक्शन कमीशन पर की है और ईसी पर कई आरोप भी लगाए.
कांग्रेस ने की नोटा बटन दबाने की अपील
इंदौर लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का एक भी प्रत्याशी चुनाव मैदान में नहीं है, जिसके कारण कांग्रेस की इंदौर में काफी अजीबो गरीब स्थिति बन चुकी है. इधर, जब से कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने अपना नामांकन वापस लिया है उसके बाद से इंदौर में कांग्रेस ने नोटा पर मतदान करने को लेकर जमकर प्रचार प्रसार किया.
नोटा की टेबल को पुलिस ने हटवाया
मतदान वाले दिन इंदौर के विभिन्न क्षेत्रों में कांग्रेस ने नोटा को लेकर अपनी टेबल लगाई तो पुलिस के द्वारा उन्हें मना कर दिया गया और नोटा की टेबलों को हटवा दिया गया. कांग्रेस ने कई बूथों के बाहर लोगों को नोटा पर बटन दबाने की अपील करने के लिए टेबल लगाई थी.
शहर कांग्रेस अध्यक्ष ने लगाए आरोप
नोटा की टेबल को हटाने को लेकर शहर कांग्रेस अध्यक्ष सुरजीत सिंह चड्ढा ने कई तरह के आरोप पुलिस और प्रशासन पर लगाए. इलेक्शन कमीशन को पूरे मामले में शिकायत भी की है. वहीं शहर कांग्रेस अध्यक्ष का कहना है कि जब इलेक्शन कमीशन नोटा को बढ़ावा देने को लेकर प्रचार प्रसार करता है तो हम क्यों नहीं कर सकते. हमने विभिन्न माध्यमों से प्रचार-प्रसार की अनुमति भी मांगी लेकिन हमें नहीं दी गई और जिस तरह से हमें अनुमति नहीं दी गई इससे इलेक्शन कमीशन का भेदभाव पूर्ण रवैया सामने आ रहा है.