इंदौर। लोकसभा चुनाव में इंदौर से कांग्रेस प्रत्याशी रहे अक्षय कांति बम ने ऐन मौके पर नामांकन वापस लेकर बीजेपी ज्वाइन कर ली थी. बम के खिलाफ धारा 307 के तहत गिरफ्तारी वारंट कोर्ट से जारी किया गया है. इसी सिलसिले में मंगलवार को पुलिस ने बम के घर पर दबिश दी. पुलिस ने बम को गिरफ्तार करने के लिए उनके आवास सहित विभिन्न ठिकानों पर तलाशी ली लेकिन बम का कोई सुराग नहीं लग सका. पुलिस का दावा है कि जल्द ही गिरफ्तार कर कोर्ट के समक्ष पेश किया जाएगा.
कोर्ट ने जारी किया है गिरफ्तारी वारंट
अक्षय कांति बम की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. 17 साल पुराने मामले में कोर्ट के आदेश पर धारा 307 का इजाफा हुआ. इसके बाद उन्हें 10 मई को जिला अदालत में पेश होना था लेकिन बम अदालत नहीं पहुंचे. कोर्ट ने बम के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. इस मामले में पुलिस का कहना है बम के घर सहित विभिन्न जगहों पर तलाश की जा रही है. डीसीपी अभिनव विश्वकर्मा का कहना है "पुलिस लगातार अक्षय कांति बम की तलाश कर रही है. उसे जल्द ही गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया जाएगा."
अक्षय कांति बम को घेरने में जुटे कांग्रेस नेता
इधर, इंदौर में कांग्रेस नेताओं ने अक्षय कांति बम की जानकारी देने वाले को इनाम की घोषणा की है. कांग्रेस प्रवक्ता गिरीश जोशी का कहना है "जिस तरह से धारा 307 के मामले में आरोपी अक्षय कांति बम गायब है. उसके चलते पुलिस तो लगातार उसकी तलाश कर रही है तो वहीं कांग्रेस ने आम जनता से भी आह्वान किया है कि जो भी अक्षत कांति बम की सूचना देगा उसको उचित इनाम दिया जाएगा."
जमीन सौदे में फंसे अक्षय कांति बम
यह याचिका फरियादी यूनुस पटेल ने अधिवक्ता मुकेश देवल के जरिए दाखिल करवाई है. जिसको लेकर कोर्ट ने संबंधित थाना प्रभारी को 8 जुलाई तक जांच प्रतिवेदन रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं. वहीं इस मामले को लेकर अधिवक्ता देवल ने कोर्ट को बताया "जमीनी सौदे को लेकर आरोपी अक्षय बम ने करीब 6 सौदे किए थे, जो पूरे भी नहीं हुए और दिए गए चैक भी बाउंस हो गए. इस मामले को लेकर पुलिस को भी शिकायत की जा चुकी है, परंतु अभी तक कोई भी एक्शन नहीं लिया गया है. हम चाहते हैं जल्द से जल्द इस मामले में जांच की जाए और आरोपियों के खिलाफ दर्ज धाराओं को बढ़ाया जाए."
अक्षय कांति बम के खिलाफ धaखाधड़ी का मामला
इस मामले में विवाद यह है कि साल 2004 अप्रैल में अक्षय बम ने इंदौर के भूमि स्वामी यूनुस और उनके अन्य साथियों के साथ जमीन का सौदा किया था, जिसकी राशि 16.77 लाख प्रति एकड़ बताई जा रही है. तय राशि के बाद भी इसकी राशि अक्षय कांति बम द्वारा नहीं दी गई और सौदा टाल दिया गया. फरियादी का कहना है "अब इन जमीन की कीमत 60 लाख प्रति एकड़ तक पहुंच गई है." गौरतलब है कि इस मामले में 10 मई को बढ़ी धारा के तहत अक्षय और उनके पिता कांति बम को जिला कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया था, परन्तु अक्षय और उनके पिता स्वास्थ्य कारण से कोर्ट में पेश नहीं हुए थे. उसके बाद दोनों पर कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया कि पुलिस अक्षय और कांति बम दोनों को 8 जुलाई तक कोर्ट में पेश करें.
जमीन विवाद में 17 साल पहले की थी मारपीट व आगजनी
दरअसल, जमीनी विवाद के चलते अक्षय कांति बम पर 4 अक्टूबर 2007 को एक शख्स पर हमला, मारपीट और धमकाने का आरोप लगा था. पीड़ित ने बम के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. पीड़ित का आरोप था कि बम ने उस पर गोली भी चलाई गई थी. हालांकि खजराना पुलिस ने तब एफआईआर में हत्या के प्रयास की धारा नहीं जोड़ी थी. लेकिन जिस दिन अक्षय ने इंदौर लोकसभा से कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर नामांकन भरा था, उसी दिन कोर्ट ने उन पर धारा 307 लगा दी थी.