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इंदौर के अनाथ आश्रम में 5 नहीं बल्कि 6 बच्चों की मौत, जांच रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे - Indore orphanage children died

इंदौर के अनाथ आश्रम में 5 बच्चों की मौत के मामले में जांच रिपोर्ट में कई खुलासे हुए हैं. जांच में पता चला है कि 5 नहीं बल्कि 6 बच्चों की मौत हुई है. इन बच्चों की मौत कालरा से हुई है. आश्रम में क्षमता से दोगुने बच्चे रखे गए. इनके रहने व खाने की व्यवस्था में घोर लापरवाही सामने आई है. अब आश्रम प्रबंधन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के साथ ही इसकी मान्यता रद्द करने की तैयारी जिला प्रशासन कर रहा है.

Indore orphanage children died
इंदौर के अनाथ आश्रम में 5 नहीं बल्कि 6 बच्चों की मौत (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 4, 2024, 10:41 AM IST

Updated : Jul 4, 2024, 10:38 PM IST

इंदौर। शहर के मल्हारगंज क्षेत्र में संचालित श्री युगपुरुष धाम आश्रम में 5 बच्चों की मौत के बाद अब जांच रिपोर्ट के आधार पर पुलिस जिम्मेदारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की तैयारी कर रही है. बुधवार देर रात जिला प्रशासन ने अपनी रिपोर्ट भी तैयार कर ली है. जिसमें कई तरह की लापरवाही सामने आई हैं. आश्रम प्रबंधन की कार्यशैली संदेह के घेरे में है. जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह को सौंप दी है.

27 जून को दो बच्चों को हुआ था डायरिया और कालरा

जांच में ये बात सामने आई कि 27 जून को जब आश्रम में रहने वाले बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण हुआ तो 2 बच्चे डायरिया से पीड़ित पाए गए. इन बच्चों को अस्पताल भेजा जाना था लेकिन प्रबंधन आश्रम में ही उपचार कराता रहा. यदि आश्रम प्रबंधन समय रहते बच्चों को अस्पताल में एडमिट कर देता तो उनकी जान बच जाती. वहीं, 5 बच्चों की मौत घटना के बाद ये बात भी सामने आई है कि एक बच्चे की मौत 30 जून के आसपास ही हो चुकी थी. जिसके बारे में जानकारी आश्रम प्रबंधन ने जिला प्रशासन को नहीं दी. इस प्रकार मौत का आंकड़ा अब 6 तक पहुंच गया है.

इलाजरत बच्चों की हालत गंभीर

वहीं 38 बच्चों की हालत अभी भी स्थिर बनी हुई है. उनका इलाज चाचा नेहरू अस्पताल में जारी है. जांच रिपोर्ट में ये बात सामने आई है कि आश्रम में बच्चों को रहने के लिए भी एक ही स्थान दिया गया था. जहां पर बच्चे चिपक कर सो जाते थे. इसी तरह से जिस जगह पर बच्चों का खाना बनता था, वहां भी गंदगी मिली. कलेक्टर आशीष सिंह का कहना है "श्री युगपुरुष धाम आश्रम की जांच रिपोर्ट में बच्चों के रखरखाव में लापरवाही बरतने का मामला सामने आया है. इसके अलावा जब आश्रम में बच्चों के बीमार होने की जानकारी आश्रम प्रबंधन को लगी तो उन्होंने जिला प्रशासन को कोई जानकारी नहीं दी, बल्कि उसे छुपाने की कोशिश की."

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आश्रम प्रबंधन के खिलाफ होगी एफआईआर

जांच रिपोर्ट के आधार पर आश्रम प्रबंधन पर एफआईआर और उसकी मान्यता रद्द करने का शोकॉज नोटिस दिया जा रहा है. चाचा नेहरू अस्पताल में इलाजरत बच्चों की जांच रिपोर्ट भी आ गई है. दो बच्चों की हैजा की रिपोर्ट पॉजीटिव आई है लेकिन उनकी कल्चर रिपोर्ट आना अभी बाकी है. जांच के दौरान पाया गया है कि पानी के पाइप में जंग लगा हुआ था. ऊपर रखी टंकी लंबे समय तक साफ नहीं हुई थी. दूषित पानी के कारण ही बच्चों की तबीयत बिगड़ी है. हालांकि पानी की जांच रिपोर्ट के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी. बता दें कि श्री युगपुरुष धाम आश्रम को परमानंद ट्रस्ट द्वारा संचालित किया जाता है. परमानंद ट्रस्ट राम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े हुए प्रसिद्ध संत परमानंद का है.

इंदौर। शहर के मल्हारगंज क्षेत्र में संचालित श्री युगपुरुष धाम आश्रम में 5 बच्चों की मौत के बाद अब जांच रिपोर्ट के आधार पर पुलिस जिम्मेदारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की तैयारी कर रही है. बुधवार देर रात जिला प्रशासन ने अपनी रिपोर्ट भी तैयार कर ली है. जिसमें कई तरह की लापरवाही सामने आई हैं. आश्रम प्रबंधन की कार्यशैली संदेह के घेरे में है. जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह को सौंप दी है.

27 जून को दो बच्चों को हुआ था डायरिया और कालरा

जांच में ये बात सामने आई कि 27 जून को जब आश्रम में रहने वाले बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण हुआ तो 2 बच्चे डायरिया से पीड़ित पाए गए. इन बच्चों को अस्पताल भेजा जाना था लेकिन प्रबंधन आश्रम में ही उपचार कराता रहा. यदि आश्रम प्रबंधन समय रहते बच्चों को अस्पताल में एडमिट कर देता तो उनकी जान बच जाती. वहीं, 5 बच्चों की मौत घटना के बाद ये बात भी सामने आई है कि एक बच्चे की मौत 30 जून के आसपास ही हो चुकी थी. जिसके बारे में जानकारी आश्रम प्रबंधन ने जिला प्रशासन को नहीं दी. इस प्रकार मौत का आंकड़ा अब 6 तक पहुंच गया है.

इलाजरत बच्चों की हालत गंभीर

वहीं 38 बच्चों की हालत अभी भी स्थिर बनी हुई है. उनका इलाज चाचा नेहरू अस्पताल में जारी है. जांच रिपोर्ट में ये बात सामने आई है कि आश्रम में बच्चों को रहने के लिए भी एक ही स्थान दिया गया था. जहां पर बच्चे चिपक कर सो जाते थे. इसी तरह से जिस जगह पर बच्चों का खाना बनता था, वहां भी गंदगी मिली. कलेक्टर आशीष सिंह का कहना है "श्री युगपुरुष धाम आश्रम की जांच रिपोर्ट में बच्चों के रखरखाव में लापरवाही बरतने का मामला सामने आया है. इसके अलावा जब आश्रम में बच्चों के बीमार होने की जानकारी आश्रम प्रबंधन को लगी तो उन्होंने जिला प्रशासन को कोई जानकारी नहीं दी, बल्कि उसे छुपाने की कोशिश की."

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आश्रम प्रबंधन के खिलाफ होगी एफआईआर

जांच रिपोर्ट के आधार पर आश्रम प्रबंधन पर एफआईआर और उसकी मान्यता रद्द करने का शोकॉज नोटिस दिया जा रहा है. चाचा नेहरू अस्पताल में इलाजरत बच्चों की जांच रिपोर्ट भी आ गई है. दो बच्चों की हैजा की रिपोर्ट पॉजीटिव आई है लेकिन उनकी कल्चर रिपोर्ट आना अभी बाकी है. जांच के दौरान पाया गया है कि पानी के पाइप में जंग लगा हुआ था. ऊपर रखी टंकी लंबे समय तक साफ नहीं हुई थी. दूषित पानी के कारण ही बच्चों की तबीयत बिगड़ी है. हालांकि पानी की जांच रिपोर्ट के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी. बता दें कि श्री युगपुरुष धाम आश्रम को परमानंद ट्रस्ट द्वारा संचालित किया जाता है. परमानंद ट्रस्ट राम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े हुए प्रसिद्ध संत परमानंद का है.

Last Updated : Jul 4, 2024, 10:38 PM IST
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