इंदौर। शहर के न्याय नगर की श्री कृष्ण बाग कॉलोनी में जिला प्रशासन द्वारा रिमूवल की कार्रवाई फिलहाल नहीं होगी. पीड़ित पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने स्टे जारी करते हुए पीड़ितों को राहत दी है. मामले के अनुसार इंदौर के न्याय नगर की जमीन पर कृष्ण बाग कॉलोनी को अवैध रूप से बसा दिया गया था. कोर्ट के आदेश पर जिला प्रशासन ने जिन मकानों को तोड़ना था, उन पर s का निशाना लगाया था.
न्याय नगर के 15 मकानों पर चला था बुलडोजर
जिला प्रशासन ने कुछ मकानों पर बुलडोजर जलाकर जमींदोज किया था. ये कार्रवाई जारी थी कि इसी दौरान रहवासियों ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई. पीड़ित पक्ष की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मकान तोड़ने पर रोक लगा दी है. अब जिला प्रशासन इन मकानों को नहीं तोड़ सकेगा. बता दें कि न्याय नगर के खसरे की 77 हजार वर्ग फीट जमीन पर 71 मकान अवैध रूप से बना दिए गए थे. हाई कोर्ट की डबल बैंच के आदेश पर पिछले दिनों 15 मकानों पर अतिक्रमण हटाओ के तहत जिला प्रशासन ने कार्रवाई की थी.
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जिला प्रशासन ने कार्रवाई स्थगित की
जिला प्रशासन की ओर से अभी और मकान तोड़े जाने थे. जिला प्रशासन का कहना था कि हाईकोर्ट के आदेश का पालन किया जाएगा. अतिक्रमण हटाने के दौरान प्रशासन को भारी विरोध का सामना करना पड़ा था. परेशान होकर रहवासियों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. अब सुप्रीम कोर्ट ने पीड़ित पक्ष को राहत दे दी है. सुप्रीम कोर्ट से मिले स्टे की पुष्टि कलेक्टर आशीष सिंह द्वारा की गई है. कलेक्टर ने कहा है कि स्टे के कारण अब आगे की कार्रवाई स्थगित रहेगी.