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इंदौर नगर निगम के बजट ने दी शहरवासियों को चोट, देखें- प्रॉपर्टी और वाटर टैक्स कितना बढ़ा - INDORE NAGAR NIGAM BUDGET

स्वच्छता के मामले में लगातार देश में अव्वल आने वाले इंदौर नगर निगम का बजट पारित हो गया. आर्थिक तंगी से जूझ रहे नगर निगम ने शहरवासियों पर टैक्स का बोझ बढ़ा दिया है. संपत्ति कर के साथ वाटर टैक्स बढ़ाया गया है. ग्रीन टैक्स और सेस टैक्स लगाकार भी नगर निगम ने शहरवासियों की जेब हल्की करने निर्णय लिया है.

Indore agar nigam budget
इंदौर में जल व संपत्ति कर के साथ और टैक्स भी बढ़े (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 31, 2024, 11:14 AM IST

इंदौर। इंदौर नगर निगम ने अपना वार्षिक बजट जारी करते हुए शहर के नागरिकों पर सुविधाओं के नाम पर कई तरह के टैक्स लगाए हैं. शहर की संपत्तियों और पानी पर लगाए गए टैक्स के कारण अब इंदौर नगर निगम प्रदेश भर में सर्वाधिक टैक्स वसूली वाले नगर निगम की श्रेणी में शुमार हो चुका है. खास बात यह है कि नगर निगम की सालाना आय करीब 800 करोड़ रुपए है लेकिन अन्य विभिन्न स्रोतों से प्राप्त आय के आधार पर 83 हजार करोड़ से भी ज्यादा का बजट पारित किया है.

बजट की जानकारी देते इंदौर महापौर (ETV BHARAT)

जल व संपत्ति कर के साथ और टैक्स भी बढ़े

इंदौर नगर निगम का दावा है कि इस वित्तीय वर्ष में तमाम तरह की जन सुविधा लोगों को उनके डोर स्टेप पर ही प्राप्त हो सकेंगी. नगर निगम के परिसद हाल में आयोजित बजट सम्मेलन के दौरान महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 8000 करोड रुपए से ज्यादा का बजट पेश किया. यह पिछले वित्तीय वर्ष से करीब 1000 करोड़ ज्यादा है. इंदौर के नए बजट में इस बार महापौर ने संपत्ति कर के अलावा जलकर, ग्रीन टैक्स और सेस टैक्स शहर की जनता पर लगाए हैं. इसके पीछे नगर निगम की कमजोर वित्तीय स्थिति है. जिसके चलते निगम विभिन्न ठेकेदारों को भुगतान नहीं कर पा रहा है.

बजट में इन कार्यों के लिए राशि निर्धारित की

महापौर पुष्यमित्र भार्गव का दावा है "नए बजट से इंदौर में न केवल बकायादारों का भुगतान हो सकेगा बल्कि लोगों के घरों तक विभिन्न प्रकार की सुविधा निगम के माध्यम से पहुंच सकेंगी." 15 साल बाद बढ़ाए गए विभिन्न प्रकार के टैक्स के अलावा नगर निगम ने इस बार 468 करोड़ की लागत से अगले 8 महीने में 23 प्रमुख सड़कों के निर्माण का दावा किया है. वहीं स्वच्छ भारत मिशन के तहत ₹450 करोड रुपए का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा शहर को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करने का लक्ष्य भी नए बजट में है. वही शहर की 30 झुग्गी बस्तियों को ग्रीन बस्ती के रूप में तब्दील किया जाएगा. जलूद में सोलर प्लांट की स्थापना के साथ शहर के प्रत्येक वार्ड की एक कॉलोनी को 100% सोलर आधारित बनाया जाएगा.

सोलर संयंत्रों से बिजली उत्पादन का लक्ष्य

बजट के अनुसार सोलर मित्र अभियान के तहत जन भागीदारी से 8000 से अधिक स्थानों पर सोलर संयंत्र स्थापित कर 53 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जाएगा. अगले साल तक लीज विभाग के तमाम दस्तावेजों का डिजिटाइजेशन का कार्य किया जाएगा. संपत्तिधारक के निवास पर बार कोड के माध्यम से डिजिटल पते की भी व्यवस्था की जाएगी. प्रत्येक वार्ड में योग केंद्र और संजीवनी क्लिनिक स्थापित होगी. इसके अलावा 6 मॉडल स्कूल का निर्माण और प्रत्येक जोन में एक मॉडर्न लाइब्रेरी के निर्माण का प्रावधान किया गया है. बस्ती क्षेत्र में मजदूर वर्ग के बच्चों के लिए चलित पाठशाला भी शुरू करने का प्रावधान बजट में किया गया है.

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टैक्स बढ़ाने का कांग्रेस ने किया विरोध

नगर निगम में संपत्ति कर बढ़ाने के लिए शहर के विभिन्न इलाकों को रेट जोन में बदलाव कर व्यावसायिक संपत्ति पर अधिकतम 7 रुपए और रहवासी इलाकों पर ₹3 की वृद्धि की है. इसी प्रकार शहर में ₹200 महीने के जलकर को बढ़ाकर ₹300 महीने कर दिया है. जाहिर तौर पर इसका बोझ शहर की जनता को ही उठाना पड़ेगा. नगर निगम द्वारा बढ़ाए गए टैक्स का विपक्षी दल के कांग्रेसी पार्षदों ने विरोध किया है. सम्मेलन के दौरान विरोध के चलते उन्हें परिषद कक्ष से बाहर निकाल दिया गया. इसके बाद कांग्रेसी पार्षदों ने परिषद के बाहर ही धरना दे दिया.

इंदौर। इंदौर नगर निगम ने अपना वार्षिक बजट जारी करते हुए शहर के नागरिकों पर सुविधाओं के नाम पर कई तरह के टैक्स लगाए हैं. शहर की संपत्तियों और पानी पर लगाए गए टैक्स के कारण अब इंदौर नगर निगम प्रदेश भर में सर्वाधिक टैक्स वसूली वाले नगर निगम की श्रेणी में शुमार हो चुका है. खास बात यह है कि नगर निगम की सालाना आय करीब 800 करोड़ रुपए है लेकिन अन्य विभिन्न स्रोतों से प्राप्त आय के आधार पर 83 हजार करोड़ से भी ज्यादा का बजट पारित किया है.

बजट की जानकारी देते इंदौर महापौर (ETV BHARAT)

जल व संपत्ति कर के साथ और टैक्स भी बढ़े

इंदौर नगर निगम का दावा है कि इस वित्तीय वर्ष में तमाम तरह की जन सुविधा लोगों को उनके डोर स्टेप पर ही प्राप्त हो सकेंगी. नगर निगम के परिसद हाल में आयोजित बजट सम्मेलन के दौरान महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 8000 करोड रुपए से ज्यादा का बजट पेश किया. यह पिछले वित्तीय वर्ष से करीब 1000 करोड़ ज्यादा है. इंदौर के नए बजट में इस बार महापौर ने संपत्ति कर के अलावा जलकर, ग्रीन टैक्स और सेस टैक्स शहर की जनता पर लगाए हैं. इसके पीछे नगर निगम की कमजोर वित्तीय स्थिति है. जिसके चलते निगम विभिन्न ठेकेदारों को भुगतान नहीं कर पा रहा है.

बजट में इन कार्यों के लिए राशि निर्धारित की

महापौर पुष्यमित्र भार्गव का दावा है "नए बजट से इंदौर में न केवल बकायादारों का भुगतान हो सकेगा बल्कि लोगों के घरों तक विभिन्न प्रकार की सुविधा निगम के माध्यम से पहुंच सकेंगी." 15 साल बाद बढ़ाए गए विभिन्न प्रकार के टैक्स के अलावा नगर निगम ने इस बार 468 करोड़ की लागत से अगले 8 महीने में 23 प्रमुख सड़कों के निर्माण का दावा किया है. वहीं स्वच्छ भारत मिशन के तहत ₹450 करोड रुपए का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा शहर को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करने का लक्ष्य भी नए बजट में है. वही शहर की 30 झुग्गी बस्तियों को ग्रीन बस्ती के रूप में तब्दील किया जाएगा. जलूद में सोलर प्लांट की स्थापना के साथ शहर के प्रत्येक वार्ड की एक कॉलोनी को 100% सोलर आधारित बनाया जाएगा.

सोलर संयंत्रों से बिजली उत्पादन का लक्ष्य

बजट के अनुसार सोलर मित्र अभियान के तहत जन भागीदारी से 8000 से अधिक स्थानों पर सोलर संयंत्र स्थापित कर 53 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जाएगा. अगले साल तक लीज विभाग के तमाम दस्तावेजों का डिजिटाइजेशन का कार्य किया जाएगा. संपत्तिधारक के निवास पर बार कोड के माध्यम से डिजिटल पते की भी व्यवस्था की जाएगी. प्रत्येक वार्ड में योग केंद्र और संजीवनी क्लिनिक स्थापित होगी. इसके अलावा 6 मॉडल स्कूल का निर्माण और प्रत्येक जोन में एक मॉडर्न लाइब्रेरी के निर्माण का प्रावधान किया गया है. बस्ती क्षेत्र में मजदूर वर्ग के बच्चों के लिए चलित पाठशाला भी शुरू करने का प्रावधान बजट में किया गया है.

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