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स्वच्छ शहर में हरियाली की रखवाली, गजब टेक्निक और जड़ से उखाड़ कर पेड़ हो जाएगा ट्रांसफर

इंदौर नगर निगम ने पेड़ बचाने की मुहिम शुरु की है. अब पेड़ काटने के बजाय उन्हें दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा.

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 3 hours ago

TREES SHIFTED IN INDORE
इंदौर में शिफ्ट किये जाएंगे पेड़ (ETV Bharat)

इंदौर: इंदौर में लगातार घटती हरियाली के चलते अब अनुमति लेकर भी पेड़ काटना मुश्किल होगा. दरअसल इंदौर नगर निगम ने अब पेड़ों को काटने के बजाय संबंधित आवेदक से निर्धारित शुल्क वसूल कर पेड़ को शिफ्ट करने की तैयारी की है. नतीजतन अब किसी भी पेड़ को काटने के बजाय नगर निगम अपने स्तर पर उस पेड़ के उचित स्थान के अनुरूप शिफ्टिंग करेगा. तकनीक में एक खास तरह की मशीन का इस्तेमाल किया जा रहा है. मशीन के माध्यम से पेड़ को जड़ से निकालकर दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा.

4 सालों में इंदौर का ग्रीन कवर तेजी से घटा
दरअसल, इंदौर में बंद हो चुकी मिलों की जमीन पर बड़ी संख्या में पेड़ हैं, जो अब वृक्ष बन चुके हैं. यही स्थिति शहर के प्रमुख मार्गों के आसपास लगाए गए पेड़ पौधों की है. आमतौर पर ऐसे पेड़ विकास कार्यों के नाम पर काटे जा रहे हैं. वहीं, नगर निगम द्वारा आवासीय क्षेत्र में भी पेड़ काटने के लिए अनुमति दी जाती है. जिसके कारण हर साल बड़ी संख्या में शहरी आबादी के बीच स्थित पेड़ पौधे घट रहे हैं. इस स्थिति के चलते बीते 4 सालों में इंदौर का ग्रीन कवर तेजी से घटा है.

इंदौर में नहीं मिलेगी पेड़ काटने की परमिशन (ETV Bharat)

पौधारोपण पर करोड़ों रुपये खर्च
जानकारी में बताया गया कि, इंदौर का ग्रीन कवर करीब 74 वर्ग किलोमीटर है. शहर में अलग-अलग कारणों से पेड़ काटने के बावजूद दूसरी तरफ और पौधारोपण पर करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं. इधर बड़ी संख्या में शहर में गार्डन में मौजूद भी पेड़ काट दिए गए. फिलहाल इंदौर में मेट्रो के लिए सुपर कॉरिडोर क्षेत्र से 11 किलोमीटर लंबा ग्रीन बेल्ट हटा दिया गया. यही स्थिति शहर के अन्य मार्गों की है. कई स्थानों पर जहां हरियाली थी, वहां निर्माण कार्य किए गए हैं. हालांकि शहर में अब इंदौर विकास प्राधिकरण द्वारा बड़े पेड़ों की शिफ्टिंग की गई है. इसी प्रकार नगर निगम द्वारा अब पेड़ पौधों की शिफ्टिंग की तैयारी की गई है.

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300 पेड़ सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट हुए
इंदौर नगर निगम परिषद में उद्यान विभाग के प्रभारी राजेंद्र राठौर का कहना है कि, शहर के मेट्रो रेल प्रोजेक्ट में भी नगर निगम ने 300 पेड़ सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किए हैं. इसके अलावा पेड़ों को काटने की नगर निगम अब तक जो अनुमति देता था उसके स्थान पर नगर निगम ही अब संबंधित के आवेदन पर पेड़ की शिफ्टिंग की कार्रवाई करेगा. इसके लिए आवेदक को एक निर्धारित शुल्क अपने आवेदन के साथ नगर निगम कार्यालय में जमा करना होगा. फिर नगर निगम वास्तविक कारणों एवं आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए पेड़ की शिफ्टिंग का कार्य खुद करेगा. इस दौरान यह ध्यान रखा जाएगा कि किसी भी स्थिति में पेड़ दूसरे स्थान पर शिफ्ट किए जाने के बाद भी सूखने ना पाए. जिससे कि शहर में हरियाली अलग-अलग करण से घटाने के बजाय उसका संरक्षण एवं विस्तार किया जा सके.''

इंदौर: इंदौर में लगातार घटती हरियाली के चलते अब अनुमति लेकर भी पेड़ काटना मुश्किल होगा. दरअसल इंदौर नगर निगम ने अब पेड़ों को काटने के बजाय संबंधित आवेदक से निर्धारित शुल्क वसूल कर पेड़ को शिफ्ट करने की तैयारी की है. नतीजतन अब किसी भी पेड़ को काटने के बजाय नगर निगम अपने स्तर पर उस पेड़ के उचित स्थान के अनुरूप शिफ्टिंग करेगा. तकनीक में एक खास तरह की मशीन का इस्तेमाल किया जा रहा है. मशीन के माध्यम से पेड़ को जड़ से निकालकर दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा.

4 सालों में इंदौर का ग्रीन कवर तेजी से घटा
दरअसल, इंदौर में बंद हो चुकी मिलों की जमीन पर बड़ी संख्या में पेड़ हैं, जो अब वृक्ष बन चुके हैं. यही स्थिति शहर के प्रमुख मार्गों के आसपास लगाए गए पेड़ पौधों की है. आमतौर पर ऐसे पेड़ विकास कार्यों के नाम पर काटे जा रहे हैं. वहीं, नगर निगम द्वारा आवासीय क्षेत्र में भी पेड़ काटने के लिए अनुमति दी जाती है. जिसके कारण हर साल बड़ी संख्या में शहरी आबादी के बीच स्थित पेड़ पौधे घट रहे हैं. इस स्थिति के चलते बीते 4 सालों में इंदौर का ग्रीन कवर तेजी से घटा है.

इंदौर में नहीं मिलेगी पेड़ काटने की परमिशन (ETV Bharat)

पौधारोपण पर करोड़ों रुपये खर्च
जानकारी में बताया गया कि, इंदौर का ग्रीन कवर करीब 74 वर्ग किलोमीटर है. शहर में अलग-अलग कारणों से पेड़ काटने के बावजूद दूसरी तरफ और पौधारोपण पर करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं. इधर बड़ी संख्या में शहर में गार्डन में मौजूद भी पेड़ काट दिए गए. फिलहाल इंदौर में मेट्रो के लिए सुपर कॉरिडोर क्षेत्र से 11 किलोमीटर लंबा ग्रीन बेल्ट हटा दिया गया. यही स्थिति शहर के अन्य मार्गों की है. कई स्थानों पर जहां हरियाली थी, वहां निर्माण कार्य किए गए हैं. हालांकि शहर में अब इंदौर विकास प्राधिकरण द्वारा बड़े पेड़ों की शिफ्टिंग की गई है. इसी प्रकार नगर निगम द्वारा अब पेड़ पौधों की शिफ्टिंग की तैयारी की गई है.

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300 पेड़ सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट हुए
इंदौर नगर निगम परिषद में उद्यान विभाग के प्रभारी राजेंद्र राठौर का कहना है कि, शहर के मेट्रो रेल प्रोजेक्ट में भी नगर निगम ने 300 पेड़ सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किए हैं. इसके अलावा पेड़ों को काटने की नगर निगम अब तक जो अनुमति देता था उसके स्थान पर नगर निगम ही अब संबंधित के आवेदन पर पेड़ की शिफ्टिंग की कार्रवाई करेगा. इसके लिए आवेदक को एक निर्धारित शुल्क अपने आवेदन के साथ नगर निगम कार्यालय में जमा करना होगा. फिर नगर निगम वास्तविक कारणों एवं आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए पेड़ की शिफ्टिंग का कार्य खुद करेगा. इस दौरान यह ध्यान रखा जाएगा कि किसी भी स्थिति में पेड़ दूसरे स्थान पर शिफ्ट किए जाने के बाद भी सूखने ना पाए. जिससे कि शहर में हरियाली अलग-अलग करण से घटाने के बजाय उसका संरक्षण एवं विस्तार किया जा सके.''

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