इंदौर/भोपाल: मध्य प्रदेश के इंदौर से मनमाड़ के बीच शुरू होने वाले नई रेलवे लाइन पर 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन दौड़ेगी. साथ ही इस प्रोजेक्ट के तहत नर्मदा नदी पर मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा ब्रिज बनाया जाएगा. इसके अलावा 17.7 किलोमीटर की टनल भी बनाई जाएगी. ऑनलाइन पत्रकारों से रूबरू हुए केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस नए रेलवे प्रोजेक्ट की जानकारी देते हुए बताया कि 'इस प्रोजेक्ट के तहत बनने वाले ब्रिज को इस तरह से डिजाइन किया जाएगा, ताकि भविष्य में इस ब्रिज पर एक और नई रेल लाइन डाली जा सके. वहीं इंदौर में पत्रकार वार्ता के दौरान मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने रेल मंत्री से आग्रह किया कि कोशिश करें कि इस प्रोजेक्ट को 2029 के स्थान पर 2028 तक पूरा कर लिया जाए. इससे उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ में इसका श्रद्धालुओं को फायदा मिल सकेगा.'
इस प्रोजेक्ट के पास 4 इकोनॉमिक कॉरिडोर बनेंगे
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मनमाड़ से इंदौर नई रेल लाइन प्रोजेक्ट की जानकारी देते हुए बताया कि 'यह प्रोजेक्ट इंदौर के महू से मालेगांव तक नेशनल हाईवे 52 के साइड से रेड लाइन जाएगी. इस प्रोजेक्ट में बड़वानी, खरगोन, धार और इंदौर से रेल लाइन गुजरेगी. इस नए प्रोजेक्ट से मध्य प्रदेश के बड़वानी में मिर्च ज्वार, बाजरा, खरगोन में कॉटन, मिलेट्स के अलावा पीथमपुर में स्टील, एनर्जी और व्हीकल सेक्टर में बड़ा लाभ मिलेगा.
इस प्रोजेक्ट के तहत 17.7 किलोमीटर की टनल बनाई जाएगी. यह विंध्य रेंज में होगी. इसके अलावा चंबल, नर्मदा नदी पर चार ब्रिज बनाए जाएंगे. इनमें से नर्मदा पर बनने वाला एक ब्रिज मध्य प्रदेश का सबसे लंबा ब्रिज होगा. मध्य प्रदेश में 35 आर ओ बी बनाए जाएंगे. इस प्रोजेक्ट में मध्य प्रदेश की 905 हेक्टेयर जमीन अधिकृत की जाएगी.
केंद्रीय रेल मंत्री ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि इस प्रोजेक्ट के लिए मध्य प्रदेश और केंद्र सरकार के अधिकारियों के बीच एक जॉइंट कमेटी बन जाए, तो इस प्रोजेक्ट में तेजी आएगी.
इस नई रेल लाइन पर ट्रेन की स्पीड 160 किलोमीटर प्रति घंटे की होगी. इस वजह से इस रूट पर गाड़ियों का समय काम होगा.
इस नए रेल प्रोजेक्ट के पास नए इंडस्ट्रियल हब बनाए जायेंगे. इसके लिए 4 पॉइंट निर्धारित किए गए हैं. केंद्रीय रेल मंत्री ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि मध्य प्रदेश में और कितने इंडस्ट्रियल हब बन सकते हैं, इसे चिन्हित किया जाए, ताकि मध्य प्रदेश का सामान सीधे पोर्ट तक पहुंच सके. यह व्यवस्था केंद्र और राज्य सरकार दोनों मिलकर करेगी.
इस प्रोजेक्ट में 138 किलोग्राम कार्बन डाइऑक्साइड बचती है. यदि हम 5.30 करोड़ पेड़ लगाते हैं और वह पेड़ जितनी कार्बन डाइऑक्साइड दे सकते हैं. उतनी इस नई रेल लाइन से मिलेगी, क्योंकि इस रूट पर वाहनों की संख्या कम होगी.
इस प्रोजेक्ट में ब्रिज के निर्माण में डबल लाइन का प्रावधान किया जाएगा, ताकि भविष्य में एक और रेल लाइन निकली हो तो अलग से ब्रिज न बनाना पड़े.
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रोजेक्ट को 2029 के स्थान पर 28 में प्रोजेक्ट कंप्लीट कर दें, तो इससे सिंहस्थ में इसका लाभ मिलेगा.
मालवा निमाड़ क्षेत्र में बनेगा इकोनॉमिक कॉरिडोर
मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने कहा कि 'मध्य प्रदेश का वह आदिवासी अंचल, जहां विकास को लेकर हमेशा सर्वे के लिए ही पैसा मांगते रहे हैं, लेकिन कागज पर चलने वाले सर्वे के बाद अब जमीन पर बड़ा काम होने जा रहा है. रेलवे ट्रैक के अभाव के कारण यह क्षेत्र में पलायन का बड़ा क्षेत्र था. यह एक तरह से त्र्यंबकेश्वर से महाकाल को जोड़ने वाला प्रोजेक्ट है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि पिछले दिनों में मुलाकात के दौरान रेल मंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश में रेल प्रोजेक्ट के जितने संभावित प्रोजेक्ट हो सकते हैं, वह खोजे जाएं, क्योंकि इससे सिर्फ मध्य प्रदेश का विकास नहीं होगा, बल्कि पूरे देश में रेलवे यातायात सुगम होगा, क्योंकि मध्य प्रदेश देश के मध्य में है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब तक यह प्रोजेक्ट अगले 4 साल में पूरा होगा. इस दौरान मध्य प्रदेश सरकार भी इस पूरे क्षेत्र में विकास को लेकर प्रयास किए जाएंगे. प्रदेश सरकार एक नया इकोनामिक कॉरिडोर बनाने पर विचार कर रही है. यह नया प्रोजेक्ट मुंबई से इंदौर के बीच की यात्रा को 200 किलोमीटर कम कर देगी.
यह रेल पथ नहीं आदिवासी विकास पथ
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने कहा कि 'यह रेल पथ नहीं बल्कि मध्य प्रदेश के मालवा निमाड़ क्षेत्र का आदिवासी विकास पथ है. इसको लेकर काफी लंबे समय से मांग की जा रही थी. अब जाकर देश की हमारे प्रधानमंत्री ने इस मांग को पूरा किया है.
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निवेश में मध्य प्रदेश का हिस्सा
18036 करोड़ किस परियोजना में मध्य प्रदेश को 13628 करोड़ रुपए की भागीदारी करनी होगी. इसके अलावा परियोजना के लिए मध्य प्रदेश में 905.191 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण होगा. इस परियोजना में मध्य प्रदेश में 177.56 किलोमीटर का रेलवे नेटवर्क रहेगा. जबकि महाराष्ट्र में इसकी दूरी 139.37 किलोमीटर रहेगी.