इंदौर : मंगलवार को महू-पातालपानी रेलवे ट्रेक पर स्पीड टेस्ट के दौरान ट्रेन ने 5 किमी की दूरी को महज 9 मिनिट में पूरी की. वहीं अब इस ट्रैक पर हुए ट्रायल की ओके रिपोर्ट आते ही महू से पातालपानी के बीच यात्री ट्रेन का संचालन शुरू कर दिया जाएगा. रेलवे के डीआरएम रजनीश कुमार ने बताया कि महू से पातालपानी के बीच रेलवे ने पांच किमी के हिस्से में ब्रॉडगेज कंवर्जन का काम पूरा कर लिया है. रिपोर्ट आने के बाद इस ट्रैक पर अधिकतम 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन दौड़ेगी. सबसे खास बात यह है कि इस ट्रैक के बनने से इस रूट पर 5 नए कोच वाली हेरिटेज ट्रेन फिर शुरू हो जाएगी.
अब ब्रॉडगेज पर दौड़ेगी हेरिटेज ट्रेन
महू से पातालपानी तक ट्रेन के ट्रायल रन में रेल विभाग के कई बड़े अफसर शामिल रहे. उन्होंने बताया कि हेरिटेज ट्रेन शुरू होने से पर्यटक ट्रेन से पातालपानी वाटर फाॅल, चार बोगदे, ओल्ड ब्रिज और केकरिया गांव की खूबसूरत वादियों का नजारा देख सकेंगे. महू से कालाकुंड तक दस किलोमीटर का सफर पर्यटक इस ट्रेन से कर सकेेंगे और भविष्य में इसी ट्रेन को सीधा इंदौर से भी जोड़ा जाएगा.
चलेंगे हेरिटेज ट्रेन के स्पेशल कोच
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि हेरिटेज ट्रैक के लिए डेढ़ साल पहले ही पांच स्पेशल कोच तैयार किए गए थे, जिनकी बड़ी खिड़कियों से यात्री बाहर के खूबसूरत नजारों को बैठे-बैठे देख सकेंगे. इस ट्रेन में एसी चेयरकार भी रहेगी जिसका किराया ढाई सौ रु से ज्यादा रहेगा. डीआरएम रजनीश कुमार ने कहा, '' हमारा प्लान इसी महीने जुलाई तक हेरिटेज ट्रेन शुरू करने का है. इसी माह के अंत तक हम हेरिटेज ट्रेन को शुरू कर देंगे. साथ ही महू से पातालपानी तक चलने वाली ट्रेन की कनेक्टिविटी को हेरिटेज ट्रेन से जोड़ने का भी प्लान चल रहा है.''
अंग्रेजों ने 1877 में शुरू की थी मीटर गेज
इंदौर के महू पातालपानी रेलवे ट्रेक को अंग्रेजों के जमाने में बनाया गया था. मनमोहक पहाड़ियों और हरियाली से घिरे इस क्षेत्र में अंग्रेजों ने मीटर गेज रेलवे लाइन 1877 में बिछाई थी. कुछ वर्ष पहले इस ट्रैक को खतरनाक बताते हुए बंद करने की योजना भी थी, लेकिन पर्यटन स्थल पातालपानी की लोकप्रियता देखते हुए यहां हेरिटेज ट्रेन दौड़ने लगी. वहीं अब मीटर गेज की जगह यहां ब्रॉडगेज पर हेरिटेज ट्रेन दौड़ेगी.
300 फीट की उंचाई से गिरता पातालपानी वॉटरफॉल
जिले की महू तहसील में स्थित पातालपानी वॉटरफॉल की लोकप्रियता का कारण यहां की खूबसूर वादियां और इस वॉटरफॉल की ऊंचाई है. यह झरना लगभग 300 फीट की ऊंचाई से गिरता है. यही वजह है कि पातालपानी के आसपास का क्षेत्र एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल बन चुका है. जुलाई में यहां सबसे ज्यादा पर्यटक आते हैं.