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अभी भी है जीत का भरोसा, 65 साल से लगातार हारने के बाद भी हर चुनाव लड़ता है यह परिवार - Indore Election Contestant Family - INDORE ELECTION CONTESTANT FAMILY

हर बार यह परिवार जीत की उम्मीद से चुनावी मैदान में उतरता है और हर बार हार जाता है लेकिन अभी भी जीत का वही हौसला बरकार है. ना तो उम्मीद टूटी है और ना ही विश्वास. इंदौर के तोलानी परिवार को इस बार जनता पर पूरा भरोसा है.

FAMILY CONTESTS EVERY ELECTION
65 साल से चुनाव लड़ रहा परिवार
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Apr 2, 2024, 9:51 AM IST

Updated : Apr 3, 2024, 10:44 PM IST

65 साल से लगातार हारने के बाद भी जीत का भरोसा

इंदौर। वाकई इस परिवार की दाद देना पड़ेगी. पिछले 65 साल में हर चुनाव लड़ा और हर बार हारे लेकिन उम्मीद की किरण अभी भी बाकी है. ना तो जीत का भरोसा कम हुआ और ना ही हौसला. हर बार वही जज्बा और जीत की उम्मीद. परिवार को आस यही है कि एक ना एक दिन हम जरूर जीतेंगे और जनता पर भी उन्हें पूरा भरोसा है.

65 साल से चुनाव लड़ रहा परिवार

इंदौर की लोकसभा सीट भले भाजपा का गढ़ मानी जाती हो लेकिन यहां एक ऐसा भी परिवार है जो यहां से निर्दलीय चुनाव जीतने के लिए बीते 65 साल से हर चुनाव लड़ता है. इतना ही नहीं इस परिवार में यह दूसरी पीढ़ी का चुनाव है जिसे अब परमानंद तोलानी हर स्थिति में जीतने का दावा कर रहे हैं.

परमानंद तोलानी 19वां चुनाव लड़ने के लिए तैयार

इंदौर की लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने के लिए भले ही कांग्रेस जैसी पार्टी को खासी मशक्कत करनी पड़ रही हो लेकिन यहां कई ऐसे भी निर्दलीय प्रत्याशी हैं जो हर बार की तरह इस बार भी चुनावी मैदान में पूरे दमखम से उतरना चाहते हैं. इन प्रत्याशियों में मुख्य नाम है शहर के सिंधी कॉलोनी क्षेत्र के रहने वाले परमानंद तोलानी का. ये अपने जीवन का 19वां चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं. परमानंद तोलानी अब तक 8 लोकसभा और 8 विधानसभा चुनाव वहीं दो बार महापौर का चुनाव लड़ चुके हैं. एक बार जब इंदौर महापौर की सीट महिला हुई तो उनके स्थान पर उनकी पत्नी लक्ष्मी तोलानी ने चुनाव लड़ा था.

हर बार जब्त होती है जमानत

परमानंद तोलानी की सभी चुनाव में जमानत जब्त हुई है किंतु तोलानी के हौसले फिर एक बार आसमान छू रहे हैं. पेशे से प्रॉपर्टी ब्रोकर परमानंद तोलानी बताते हैं कि उनके पहले उनके पिता मीठा राम तोलानी चुनाव लड़ते थे लेकिन जब 1998 में उनका देहांत हो गया तो विरासत में चुनाव लड़ने की जिम्मेदारी परमानंद को मिली इसके बाद से ही परमानंद तोलानी लगातार 18 चुनाव लड़ चुके हैं.

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पार्टी छोड़कर लडे़ंगे तो वे भी हारेंगे

परमानंद का दावा है कि पिछले लोकसभा चुनाव में भी उन्हें अन्य निर्दलीय प्रत्याशियों की तुलना में सर्वाधिक वोट मिले थे. उन्होंने बताया कि उनके सामने बीजेपी और कांग्रेस के जो प्रत्याशी चुनाव लड़ते हैं वह सिर्फ पार्टी के कारण जीतते हैं. उन्होंने दावा किया कि इंदौर से भाजपा उम्मीदवार शंकर लालवानी यदि निर्दलीय चुनाव लड़े तो उन्हें 200 वोट भी नहीं मिलेंगे. बीते कार्यकाल में सांसद रहते हुए उन्होंने कोई कार्य नहीं कराया. जिसके कारण इंदौर की जनता उन्हें लेकर खासी निराशा भी है.

65 साल से लगातार हारने के बाद भी जीत का भरोसा

इंदौर। वाकई इस परिवार की दाद देना पड़ेगी. पिछले 65 साल में हर चुनाव लड़ा और हर बार हारे लेकिन उम्मीद की किरण अभी भी बाकी है. ना तो जीत का भरोसा कम हुआ और ना ही हौसला. हर बार वही जज्बा और जीत की उम्मीद. परिवार को आस यही है कि एक ना एक दिन हम जरूर जीतेंगे और जनता पर भी उन्हें पूरा भरोसा है.

65 साल से चुनाव लड़ रहा परिवार

इंदौर की लोकसभा सीट भले भाजपा का गढ़ मानी जाती हो लेकिन यहां एक ऐसा भी परिवार है जो यहां से निर्दलीय चुनाव जीतने के लिए बीते 65 साल से हर चुनाव लड़ता है. इतना ही नहीं इस परिवार में यह दूसरी पीढ़ी का चुनाव है जिसे अब परमानंद तोलानी हर स्थिति में जीतने का दावा कर रहे हैं.

परमानंद तोलानी 19वां चुनाव लड़ने के लिए तैयार

इंदौर की लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने के लिए भले ही कांग्रेस जैसी पार्टी को खासी मशक्कत करनी पड़ रही हो लेकिन यहां कई ऐसे भी निर्दलीय प्रत्याशी हैं जो हर बार की तरह इस बार भी चुनावी मैदान में पूरे दमखम से उतरना चाहते हैं. इन प्रत्याशियों में मुख्य नाम है शहर के सिंधी कॉलोनी क्षेत्र के रहने वाले परमानंद तोलानी का. ये अपने जीवन का 19वां चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं. परमानंद तोलानी अब तक 8 लोकसभा और 8 विधानसभा चुनाव वहीं दो बार महापौर का चुनाव लड़ चुके हैं. एक बार जब इंदौर महापौर की सीट महिला हुई तो उनके स्थान पर उनकी पत्नी लक्ष्मी तोलानी ने चुनाव लड़ा था.

हर बार जब्त होती है जमानत

परमानंद तोलानी की सभी चुनाव में जमानत जब्त हुई है किंतु तोलानी के हौसले फिर एक बार आसमान छू रहे हैं. पेशे से प्रॉपर्टी ब्रोकर परमानंद तोलानी बताते हैं कि उनके पहले उनके पिता मीठा राम तोलानी चुनाव लड़ते थे लेकिन जब 1998 में उनका देहांत हो गया तो विरासत में चुनाव लड़ने की जिम्मेदारी परमानंद को मिली इसके बाद से ही परमानंद तोलानी लगातार 18 चुनाव लड़ चुके हैं.

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पार्टी छोड़कर लडे़ंगे तो वे भी हारेंगे

परमानंद का दावा है कि पिछले लोकसभा चुनाव में भी उन्हें अन्य निर्दलीय प्रत्याशियों की तुलना में सर्वाधिक वोट मिले थे. उन्होंने बताया कि उनके सामने बीजेपी और कांग्रेस के जो प्रत्याशी चुनाव लड़ते हैं वह सिर्फ पार्टी के कारण जीतते हैं. उन्होंने दावा किया कि इंदौर से भाजपा उम्मीदवार शंकर लालवानी यदि निर्दलीय चुनाव लड़े तो उन्हें 200 वोट भी नहीं मिलेंगे. बीते कार्यकाल में सांसद रहते हुए उन्होंने कोई कार्य नहीं कराया. जिसके कारण इंदौर की जनता उन्हें लेकर खासी निराशा भी है.

Last Updated : Apr 3, 2024, 10:44 PM IST
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